नई दिल्ली (एजेंसी) भारतीय क्रिकेट के दो महान सितारे, विराट कोहली और रोहित शर्मा, अब टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। दोनों खिलाड़ियों ने अपने करियर में भारतीय टेस्ट टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और अब इंग्लैंड दौरे से पहले दोनों ही खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया है। रोहित ने 7 मई को संन्यास लिया था, जबकि विराट ने सोमवार 12 मई को इसका ऐलान किया है। दोनों ही भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों में शामिल हैं, ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनके सम्मान में एक खास पहल की है।
एक शानदार कैरियर चरणों में समाप्त हो रहा है। जैसा कि अभी क्रिकेटरों में चलन है, रोहित शर्मा धीरे-धीरे विदाई ले रहे हैं। पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टी-20 से संन्यास लिया और अब टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद, भारतीय कप्तान 38 साल की उम्र में क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप से हट गये हैं। अगर इससे पहले, खिलाड़ियों ने सीमित ओवरों का क्रिकेट छोड़ने और टेस्ट कैरियर लंबा खींचने, जैसा कि सचिन तेंदुलकर के मामले में था, के उलट काम किया, तो आधुनिक नायक पांच-दिवसीय भिड़ंत के रुक्ष आकर्षण पर संक्षिप्त संस्करणों की गतिज ऊर्जा को तरजीह देते हैं।
जब हिंदुस्तानी दिल वाला यह इंग्लिस्तानी खेल छोटी होती ध्यान अवधि के युग में पहचान के संकट से जूझ रहा है, खिलाड़ियों को पैसों से मालामाल टी-20 लीगों का जादू शायद प्रभावित कर रहा है और इसमें इंडियन प्रीमियर लीग सबसे आगे है। हालांकि, एकदिवसीय क्रिकेट (ODI) से संन्यास की छाया दूर रखने में रोहित के अन्य उद्देश्य हैं।
विराट और रोहित को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा
BCCI ने घोषणा की है कि इंग्लैंड के खिलाफ (IND vs ENG) आगामी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले मुकाबले के दौरान विराट और रोहित को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। बोर्ड ने दोनों दिग्गजों से पहले टेस्ट की ओपनिंग सेरेमनी में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। यह कदम दोनों खिलाड़ियों के अभूतपूर्व योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए उठाया गया है।
विश्व कप 2011 के विजेता दल से बाहर रखे गये रोहित को, इंग्लैंड में आयोजित विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से भारत की हार अभी तक सालती है। उस चैंपियनशिप में उन्होंने पांच शतक जड़े थे। और भी बुरा यह रहा कि उनकी कप्तानी में, भारत ने अहमदाबाद में 2023 संस्करण में ऑस्ट्रेलिया के हाथों विश्व कप फाइनल गवां दिया। ट्वेंटी-20 विश्व कप 2024 और इस साल की आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी पर भारत की जीत ने उनका उत्साह बनाये रखा है।
क्रिकेट की धड़कन टेस्ट मैचों के इर्द-गिर्द केंद्रित है। यही वह प्रारूप है जो दूसरा मौका देता है, और हर क्रिकेटर की गुणवत्ता को जांचता है। 1980 के दशक में एक समय था जब टेस्ट ही असली चीज थी और ओडीआई को दोयम दर्जे का समझा जाता था। तब से टेम्स और हुगली में काफी पानी बह चुका है और यह ऐसा जमाना है जिसमें टी-20 लीगों में ज्यादा कशिश है।
कोहली और के.एल. राहुल पर काफी कुछ निर्भर
क्रिस गेल की अगुवाई वाले वेस्टइंडीज के खिलाड़ी दुनियाभर में विभिन्न टी-20 लीगों में सेवा देने वाले शुरुआती सदस्य थे। रोहित और विराट कोहली ने क्रमश: साल 2007 और 2008 से भारतीय जर्सी धारण कर रखी है, और उनकी लंबी पारी रही है। शायद रोहित को टेस्ट से विदाई के लिए मजबूर करके, चयनकर्ता टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजी को धीरे-धीरे नया आकार दे रहे हैं।
चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और अब रोहित को जगह खाली करनी पड़ी और जब जून में पांच टेस्ट मैचों के लिए भारत इंग्लैंड प्रस्थान करेगा, तो दो वरिष्ठ सदस्यों कोहली और के.एल. राहुल पर काफी कुछ निर्भर करेगा। वनडे सुप्रीमो रोहित ने हमेशा अपने टेस्ट अवतार से बेहतर किया। फिर भी, 67 टेस्ट मैचों में 4,301 रन बनाना, जिसमें एक बड़ा हिस्सा ओपनर के रूप में है, उल्लेखनीय है।
भारत को विदेशों में कई ऐतिहासिक जीत दिलाई
विराट कोहली ने 12 मई 2025 को इंस्टाग्राम पोस्ट पर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 9230 रन, 30 शतक और 31 अर्धशतक बनाए और भारत को बतौर कप्तान 40 टेस्ट मैच जिताए। वहीं, रोहित शर्मा ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा। उन्होंने अपने नेतृत्व में भारत को विदेशों में कई ऐतिहासिक जीत दिलाई और खुद भी कई यादगार पारियां खेलीं। रोहित ने भारत के लिए 63 टेस्ट मैचो में शिरकत की, जिसकी 116 पारियों में 12 शतक और 18 अर्धशतक के साथ 4301 रन बनाए।
BCCI के इस फैसले का क्रिकेट जगत में स्वागत किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर फैंस और पूर्व खिलाड़ियों ने दोनों दिग्गजों को उनके करियर के लिए बधाई दी है और इस ट्रिब्यूट को एक “सार्थक सम्मान” बताया है। भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच हेडिंग्ले ओवल में 20 जून 2025 से खेला जाएगा। अगर इस मौके पर जब दोनों खिलाड़ी भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बनकर मैदान पर उतरेंगे, तो यह पल ना सिर्फ भावुक होगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।