रेलवे की गलती भुगत रहें हैं छात्र,पुलिस की बर्बरता से भविष्य दशहत में

DrashtaNewsराजेश सचान- प्रयागराज। प्रयागराज में छात्रों पर यूपी पुलिस ने लाज व हास्टल में घुसकर पिटा मौके पर अध्ययनरत निर्दोष […]

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राजेश सचान-

प्रयागराज। प्रयागराज में छात्रों पर यूपी पुलिस ने लाज व हास्टल में घुसकर पिटा मौके पर अध्ययनरत निर्दोष छात्रों को हिरासत में लिय। सैकड़ों छात्रों पर बेहद गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए है। पुलिस की बर्बरता से छात्र दशहत में हैं।
गौरतलब है कि रेलवे के एनटीपीसी के छात्रों द्वारा पहले ट्विटर पर देशव्यापी मुहिम चलायी गई। रेलवे प्रशासन के द्वारा छात्रों की ट्विटर मुहिम पर रेलवे प्रशासन के अड़ियल रवैये से आक्रोशित युवा सड़क पर उतर आए। प्रयागराज, पटना, आरा से लेकर हर जगह छात्र शांतिपूर्ण ढंग से ही अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

15 जनवरी को रेलवे एनटीपीसी के परिणाम के घोषित होने पर आंदोलन जारी थ। इसी बीच 24 जनवरी को रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा फरमान जारी कर रेलवे ग्रुप डी परीक्षा में चयन प्रक्रिया में बदलाव कर प्रीलिम्स व मेंस कर दिया गया जबकि पहले सिर्फ चयन प्रक्रिया में एक ही चरण था, इससे 3 साल से अटकी परीक्षा में और देरी होने और चयन प्रक्रिया को जटिल बनाने और एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली से आक्रोशित युवाओं ने देशव्यापी आंदोलन का आवाहन किया था।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले 2019 में रेलवे द्वारा एनटीपीसी में 35 हजार और ग्रुप डी के लिए तकरीबन के एक लाख पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे जिसमें दोनों परीक्षाओं के लिए एक-एक करोड़ से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया था। इन दोनों परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए छात्रों ने देशव्यापी मुहिम चलाई, युवा मंच द्वारा भी प्रयागराज में 4 महीने तक चले रोजगार आंदोलन में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया।

इसके बाद रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा फरवरी 2022 में रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा घोषित की गई और दिसंबर 2021 में एनटीपीसी की सीबीटी-1 की परीक्षा आयोजित कराई गई। 15 जनवरी 2022 को एनटीपीसी के सीबीटी-1 का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया, इसमें छात्रों ने नार्मलाईजेशन के नाम पर भारी धांधली करने और नोटिफिकेशन के मुताबिक 20 गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई करने का अनुपालन न करने के सवाल पर ट्वीटर पर देशव्यापी मुहिम शुरू की लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा छात्रों की जायज मांगों पर विचार करने से इंकार किया गया। उलटे रोज नये- नये फरमान जारी करने से युवाओं को आक्रोशित कर दिया। युवा मंच ने छात्रों का दमन बंद करने, हिरासत में लिये गये छात्रों को तत्काल रिहा करने और दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग की है। युवा मंच ने प्रधानमंत्री मोदी से रेलवे अभ्यर्थियों के छात्रों के जायज मांगों को हल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने की भी अपील की है।

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