नई दिल्ली। कई विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीनों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे तकनीकी सवालों पर चुनाव आयोग को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का फैसला किया है। NCP अध्यक्ष शरद पवार के घर पर कई विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में इस बात पर सहमति थी कि EVM को लेकर आम लोगों में अब भी भ्रम की स्थिति है जिसे जल्दी दूर करना जरूरी है। NCP अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में कॉन्ग्रेस, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, सीपीआई और TRS समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं की EVM के मसले पर गुरुवार शाम बैठक हुई।
बैठक के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, “EVM को लेकर जनता में भ्रम फैल चुका है। आज तक चुनाव आयोग ने EVMs को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब नहीं दिया है। ईवीएम को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। हम लोगों ने यह फैसला किया है कि हम चुनाव आयोग के पास जाएंगे और उनसे कहेंगे कि देखिए यह बातें हम आपसे कई सालों से कह रहे हैं और यह आखरी बार आपसे पूछने आए हैं। आप इसके बारे में क्या करोगे ? जो सवाल उठाए हैं उसका लिखित रूप में चुनाव आयोग जवाब दें जिससे एक बार में सवाल खत्म हो जाए”।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि ईवीएम के मामले में कहा जाता है कि यह स्टैंडअलोन मशीन है। लेकिन VVPAT मशीन में कैंडिडेट का नाम और सिंबल कैसे लोड किया जाता है?
यह कहा जाता है की ईवीएम में वन टाइम Programmable Chip है। लेकिन हमें जानकारी मिली है कि यह Multiple programmable चिप है। यह चिप कहां से खरीदी जा रही है और इनमें सोर्स कोड कौन डालता है? आम धारणा यह है कि कोई मशीन पूरी दुनिया में ऐसे नहीं है जिसमें चीप लगी हो और जिसे हैक नहीं किया जा सकता। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बारे में सारी पॉलिटिकल पार्टियां ने तय किया है कि हम चुनाव आयोग से वह सारे प्रश्न पूछेंगे जो हमें पूछना चाहिए”।
विपक्षी दलों के नेताओं ने अब यह तय किया है की EVM की निष्पक्षता और उसकी सुरक्षा को लेकर जो तकनीकी सवाल उठे हैं उस पर वह एक विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग के सामने पेश करेंगे। वह चाहते हैं कि आयोग लिखित में EVM को लेकर उठे सवालों का जवाब दें जिससे EVM को लेकर जो आशंकाएं हैं उन्हें हमेशा के लिए खत्म किया जा सके।