सरकारी सूत्रों का दावा अर्थव्यवस्था “सबसे तेज” सरकार को बढ़ी कीमत में गिरावट की उम्मीद

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नई दिल्ली। महंगाई से चिंतित देश के लिए एक राहत की खबर मिल रही है। सरकारी सूत्र इस बात का दावा कर रहे हैं कि भारत इस साल विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सूत्र ने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये रिजर्व बैंक के साथ मिलकर लगातार काम कर रही है। जमीनी स्तर पर जो जानकारी मिल रही है, उससे पता चलता है कि खाद्य तेल और कच्चे तेल के दाम नरम हुए है। मानसून अच्छा रहने का अनुमान है। इन सबको दुखते हुए आने वाले समय में मुद्रास्फीति को लेकर दबाव कम होने की उम्मीद है। बता दें कि खुदरा मुद्रास्फीति लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।

जून महीने में मंहगाई दर 7.01 प्रतिशत रही है। रिजर्व बैंक को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है और यह लगातार छह महीने से संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। सूत्र के अनुसार आर्थिक वृद्धि में नरमी का सवाल ही नहीं उठता और देश चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में तीव्र वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था होगा।

वैश्विक स्तर पर रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के कारण उत्पन्न वैश्विक स्थिति के बावजूद सूत्र ने आर्थिक वृद्धि दर बेहतर रहने की उम्मीद जतायी है। बढ़ते व्यापार घाटे और उसके कारण चालू खाते के घाटे (कैड) पर पड़ रहे असर के बारे में सरकारी सूत्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम में कुछ नरमी आई, उर्वरक के दाम कम हुए हैं.इन सबको देखते हुए कैड में कमी आने की उम्मीद है।

वहीं, क्रिप्टो करेंसी के बारे में सूत्र ने कहा कि इस बारे में सतर्कता बरतने की जरूरत है और हाल में वजीरएक्स मामले से क्रिप्टो लेन-देन में कई तरह की गड़बड़ियों की बात सामने आई है। GST के बारे में उन्होंने कहा कि कसीनो पर GST लगाने पर विचार कर रहा मंत्री समूह वित्त मंत्री को एक-दो दिन में रिपोर्ट सौंप सकता है।

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