रांची। राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की नियुक्ति करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के अनुसार विभाग की ओर से राज्य में फिलहाल 3965 पदों पर नियुक्ति की तैयारी की गयी है। इसमें एएनएम के 1985 रिक्त पदों पर बहाली के अलावा 134 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल के 1980 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के 134 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल कर्मियों के 1980 पदों के सृजन का प्रस्ताव प्रशासी पदवर्ग समिति को भेजा गया है। प्रशासी पदवर्ग समिति से पद सृजित होने के बाद चिकित्सक व पैरा मेडिकल के इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
संशोधित नियमावली के लिए संचिका
राज्य में एएनएम के 1985 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को कार्मिक विभाग के माध्यम से 2019 में ही अधियाचना भेजी थी। कार्मिक विभाग ने बीते नवंबर में पूर्व के नियमावली में संशोधन कर अधियाचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संशोधित नियमावली के लिए संचिका कार्मिक विभाग को भेज दी गयी है। संशोधित नियमावली को कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को नियुक्ति के लिए अधियाचना भेजी जाएगी।
पद सृजन का प्रस्ताव
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 134 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक व पारामेडिकल कर्मियों के 1980 पदों के सृजन का प्रस्ताव तैयार किया है। लेकिन इन पदों पर बहाली में वित्त विभाग अड़चन लगा रहा है। जानकारी के अनुसार लगभग चार माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह संचिका वित्त विभाग को भेजी गयी है। लेकिन अब तक वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति नहीं मिली है। वित्त विभाग द्वारा पदों की संख्या घटाने पर जोर दिया जा रहा है। जबकि, स्वास्थ्य विभाग राज्य की जरूरतों को देखते हुए पद घटाने को राजी नहीं है।
पद नहीं होने के कारण करनी पड़ी थी छंटनी
राज्य में चिकित्सा सुविधा के लिए स्वीकृत पदों की संख्या काफी कम है। वर्ष 2020 में नियमित स्वीकृत बल की रिक्ति के विरुद्ध आउटसोर्स कर्मियों की संख्या अधिक होने के कारण सितंबर 2020 (निर्देश संख्या 646-6) में आउटसोर्स कर्मियों की छंटनी की गयी थी। लेकिन पद सृजित नहीं होने के कारण रिक्तियां नहीं होने की वजह से दुबारा चिकित्सा कर्मियों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।