6.72 लाख की नकली नोट बरामद, गाजियाबाद के लोनी में छापे जा रहे थे नकली नोट

-नकली नोट छापने वाला आरोपी तमिलनाडु का रहने वाला है -डासना जेल में सीखा नकली नोट छापने का तरीका नई दिल्‍ली । देश में नकली नोट के कारोबार से मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हालांकि दिल्‍ली पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई करती है, लेकिन आरोपी इससे बाज नहीं आ रहे हैं। हाल ही में दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने नकली नोट छापने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने 6,72,500 रुपये की कीमत के 2000, 500 और 200 के नकली नोट बरामद किए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गाजियाबाद के लोनी इलाके में नकली करेंसी छापने का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने शुक्रवार को तमिलनाडु के आरोपी को गिरफ्तार कर करीब पौने 7 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं। आरोपी ने दिल्‍ली पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस का दावा है कि आरोपी ने गाजियाबाद में नकली नोट छापने का पूरा प्रिंटिंग सेटअप लगा रखा था। मौके से जितना रॉ मैटेरियल मिला है, उससे 5 करोड़ रुपए की कीमत तक के नकली नोट छापे जा सकते थे। हैरानी वाली बात यह है कि युवक 10वीं फेल है। नकली नोट बनाने का तरीका उसने डासना जेल में सीखा था। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने बताया, आरोपी प्रशांत उर्फ विराट सफेद कागज पर नए नोट चिपका कर उन्हें स्कैन करता था। इसके बाद प्रिंटर से उसी साइज के नए नोट निकालता था। इन नोटों पर महात्मा गांधी का वाटर-मार्क छापने के लिए स्क्रीन प्रिंटिंग फ्रेम का यूज करता था। नोटों की कटिंग में असली वाले से कोई अंतर न हो, इसके लिए वह ट्रांसपेरेंट ग्लास स्लैब्स प्रयुक्त करता था। जबकि सुरक्षा धागा लगाने के लिए रंगीन वाली प्लास्टिक टेप काम में लाई जाती थी। 30% असली पैसा के साथ आरोपी नकली नोट लोगों को बेचता था। मतलब 300 रुपए के असली नोट देने पर 1000 के नकली नोट देता था। 8 मई को पुलिस ने किया था गिरफ्तार स्पेशल सेल के DCP राजीव रंजन सिंह ने बताया, पिछले काफी दिनों से दिल्ली-एनसीआर में नकली नोट छपने की सूचनाएं मिल रही थीं। पता चला कि ये रैकेट गाजियाबाद के लोनी इलाके से प्रशांत उर्फ विराट चला रहा है। यह बात भी सामने आई कि इस व्यक्ति ने नकली नोट छापने के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस लगाई हुई है। 8 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली में इंद्रप्रस्थ पार्क के सामने रिंग रोड से प्रशांत उर्फ विराट को 2 लाख रुपए के नकली नोट के साथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि वह ये नोट गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र स्थित किराए के मकान में छापता है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मकान पर छापा मारा। यहां से पुलिस को 200, 500 और 2 हजार रुपए वाले करीब पौने 5 लाख रुपए कीमत के नकली नोट मिले। इसके अलावा करीब 35 हजार सफेद कागज, प्रिंटर, कटर पेपर, सुरक्षा धागे के रूप में प्रयुक्त होने वाली रंगीन टेप आदि सामान बरामद किया। दिल्ली पुलिस ने बताया कि प्रशांत उर्फ विराट मूलत तमिलनाडु राज्य में त्रिशूर जिले का रहने वाला है। वो 10वीं पास नहीं कर सका था। इसके बाद उसने पढ़ाई छोड़कर AC की मरम्मत करना सीखा। साल 2013 में वह दिल्ली आया और उसने AC मैकेनिक के रूप में काम शुरू किया। साल 2015 में गाजियाबाद की सिहानी गेट थाना पुलिस ने प्रशांत को चोरी की बाइक सहित पकड़ा। इस मामले में वह डासना जेल में बंद रहा। फोटो-कॉपी की मशीन खरीदकर शुरू किया काम जेल के अंदर ही उसकी मुलाकात अमित नामक व्यक्ति से हुई। अमित पहले से जाली नोट छापने का काम करता था। अमित ने उसको सारे टिप्स दे दिए। जेल से बाहर आने के बाद प्रशांत ने भी रंगीन फोटो-कॉपी मशीन से नकली नोट छापने शुरू कर दिए। साल 2018 में गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने उसको ढाई लाख रुपए कीमत के नकली नोटों सहित धर दबोचा था। साल 2020 की शुरुआत में वह फिर जेल से बाहर आ गया और इसी धंधे को करने लगा था। नकली करेंसी में प्रशांत एक बार मेरठ पुलिस के द्वारा भी जेल भेजा जा चुका है।

DrashtaNews

-नकली नोट छापने वाला आरोपी  तमिलनाडु का रहने वाला है 

-डासना जेल में सीखा नकली नोट छापने का तरीका

नई दिल्‍ली ।  देश  में नकली नोट के कारोबार से मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हालांकि दिल्‍ली पुलिस ऐसे मामलों में कार्रवाई करती है, लेकिन आरोपी इससे बाज नहीं आ रहे हैं। हाल ही में दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने नकली नोट छापने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने 6,72,500 रुपये की कीमत के 2000, 500 और 200 के नकली नोट बरामद किए हैं।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गाजियाबाद के लोनी इलाके में नकली करेंसी छापने का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने शुक्रवार को तमिलनाडु के आरोपी को गिरफ्तार कर करीब पौने 7 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं। आरोपी ने दिल्‍ली पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

पुलिस का दावा है कि आरोपी ने गाजियाबाद में नकली नोट छापने का पूरा प्रिंटिंग सेटअप लगा रखा था। मौके से जितना रॉ मैटेरियल मिला है, उससे 5 करोड़ रुपए की कीमत तक के नकली नोट छापे जा सकते थे। हैरानी वाली बात यह है कि युवक 10वीं फेल है। नकली नोट बनाने का तरीका उसने डासना जेल में सीखा था। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पुलिस ने बताया, आरोपी प्रशांत उर्फ विराट सफेद कागज पर नए नोट चिपका कर उन्हें स्कैन करता था। इसके बाद प्रिंटर से उसी साइज के नए नोट निकालता था। इन नोटों पर महात्मा गांधी का वाटर-मार्क छापने के लिए स्क्रीन प्रिंटिंग फ्रेम का यूज करता था। नोटों की कटिंग में असली वाले से कोई अंतर न हो, इसके लिए वह ट्रांसपेरेंट ग्लास स्लैब्स प्रयुक्त करता था। जबकि सुरक्षा धागा लगाने के लिए रंगीन वाली प्लास्टिक टेप काम में लाई जाती थी। 30% असली पैसा के साथ आरोपी नकली नोट लोगों को बेचता था। मतलब 300 रुपए के असली नोट देने पर 1000 के नकली नोट देता था।

स्पेशल सेल के DCP राजीव रंजन सिंह ने बताया, पिछले काफी दिनों से दिल्ली-एनसीआर में नकली नोट छपने की सूचनाएं मिल रही थीं। पता चला कि ये रैकेट गाजियाबाद के लोनी इलाके से प्रशांत उर्फ विराट चला रहा है। यह बात भी सामने आई कि इस व्यक्ति ने नकली नोट छापने के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस लगाई हुई है। 8 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली में इंद्रप्रस्थ पार्क के सामने रिंग रोड से प्रशांत उर्फ विराट को 2 लाख रुपए के नकली नोट के साथ गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में पता चला कि वह ये नोट गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र स्थित किराए के मकान में छापता है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मकान पर छापा मारा। यहां से पुलिस को 200, 500 और 2 हजार रुपए वाले करीब पौने 5 लाख रुपए कीमत के नकली नोट मिले। इसके अलावा करीब 35 हजार सफेद कागज, प्रिंटर, कटर पेपर, सुरक्षा धागे के रूप में प्रयुक्त होने वाली रंगीन टेप आदि सामान बरामद किया।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि प्रशांत उर्फ विराट मूलत तमिलनाडु राज्य में त्रिशूर जिले का रहने वाला है। वो 10वीं पास नहीं कर सका था। इसके बाद उसने पढ़ाई छोड़कर AC की मरम्मत करना सीखा। साल 2013 में वह दिल्ली आया और उसने AC मैकेनिक के रूप में काम शुरू किया। साल 2015 में गाजियाबाद की सिहानी गेट थाना पुलिस ने प्रशांत को चोरी की बाइक सहित पकड़ा। इस मामले में वह डासना जेल में बंद रहा।

जेल के अंदर ही उसकी मुलाकात अमित नामक व्यक्ति से हुई। अमित पहले से जाली नोट छापने का काम करता था। अमित ने उसको सारे टिप्स दे दिए। जेल से बाहर आने के बाद प्रशांत ने भी रंगीन फोटो-कॉपी मशीन से नकली नोट छापने शुरू कर दिए।

साल 2018 में गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने उसको ढाई लाख रुपए कीमत के नकली नोटों सहित धर दबोचा था। साल 2020 की शुरुआत में वह फिर जेल से बाहर आ गया और इसी धंधे को करने लगा था। नकली करेंसी में प्रशांत एक बार मेरठ पुलिस के द्वारा भी जेल भेजा जा चुका है।

Scroll to Top