EVM डेटा ‘न मिटाया जाए और न ही फिर से लोड किया जाए- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सत्यापन करते समय ईवीएम में डेटा को न तो मिटाया जाए और न ही फिर से लोड किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को तकनीकी एसओपी में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया।

D.Suprim Court
DrashtaNews

– कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव आयोग सत्यापन करते समय ईवीएम में डेटा को न तो मिटाया जाए और न ही फिर से लोड किया जाए।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज 7 मई को ईवीएम डेटा को लेकर सुनवाई हुई। इसके लिए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर याचिका दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि EVM के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग को मानक संचालन प्रकिया बनाने का निर्देश दिया जाए। इस पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि यदि कोई उम्मीदवार मतगणना के सत्यापन की मांग करता है तो ईवीएम का डेटा नहीं हटाएगा।

इंजीनियर करेंगे सत्यापित

मामले की सुनवाई सीजेआई संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सत्यापन करते समय ईवीएम में डेटा को न तो मिटाया जाए और न ही फिर से लोड किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को तकनीकी एसओपी में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया।
चीफ़ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि ईवीएम के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग द्वारा तैयार मानक संचालन प्रक्रिया ईवीएम-वीवीपीएटी मामले में अप्रैल 2024 के फैसले के अनुसार नहीं थी। फरवरी में, अदालत ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा दायर एक आवेदन पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जली हुई मेमोरी और सिंबल लोडिंग इकाइयों के सत्यापन की अनुमति देने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने चुनाव आयोग से यह भी कहा था कि सत्यापन करते समय ईवीएम में डेटा को मिटाया या पुनः लोड न किया जाए। आज, न्यायालय ने दर्ज किया कि, दिनांक 11.2.2025 के अपने अंतिम आदेश के अनुसरण में, चुनाव आयोग ने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि वे अब उन ईवीएम इकाइयों के डेटा को नहीं मिटाएंगे, जिनका सत्यापन इस न्यायालय के दिनांक 26.4.2024 के फैसले के संदर्भ में उम्मीदवारों द्वारा मांगा गया है। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व एडवोकेट प्रशांत भूषण ने किया

SOP में चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित परिवर्तनों की अनुमति देते हुए, अदालत ने निर्देश दिया कि EVM का सत्यापन भारतीय इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (चुनाव आयोग L) के इंजीनियरों द्वारा किया जाएगा, जो ईवीएम का परीक्षण करने के बाद मंजूरी प्रमाण पत्र जारी करेंगे।

खंडपीठ ने कहा, ”हम तकनीकी प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं। तथापि, उक्त सत्यापन भारतीय इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा किया जाना चाहिए। उक्त इंजीनियर एक प्रमाण पत्र भी जारी करेंगे कि वे संतुष्ट हैं कि जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर और सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है और उनकी अखंडता बनी हुई है।

डाउनलोड कर सकेंगे मॉक पोल का डेटा
कोर्ट ने आगे कहा कि अगर कोई उम्मीदवार मॉक पोल कराना चाहता है तो वह ईवीएम में मौजूद डेटा को मिटाने के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है। जोकि डेटा को सुरक्षित करने के बाद ही होगा। सुरक्षित किए गए डेटा को इंजीनियर प्रमाणित करेंगे। इसके बाद मॉक पोल का डेटा डाउनलोड किया जा सकेगा।

ADR ने की ये मांग
याचिका में ADR ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 1 जून 2024 और 16 जुलाई 2024 को जारी की गई एसओपी में ईवीएम की जली हुई मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट की जांच और सत्यापन के लिए पर्याप्त दिशा-निर्देशों का अभाव था। इस पर चुनाव आयोग ने हलफनाम दायर कर SOP में बदलाव करने की बात कही है।

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