नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (RVM) का प्रोटोटाइप दिखाएगा। आयोग ने आठ मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय दलों और 57 मान्यताप्राप्त राज्यस्तरीय दलों को सोमवार सुबह एक प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया है। पत्र में कहा गया है कि उन्हें ‘‘रिमोट वोटिंग का इस्तेमाल करके घरेलू प्रवासियों की मतदाता भागीदारी में सुधार पर चर्चा” के लिए आमंत्रित किया गया है।
रिमोट EVM के प्रदर्शन के दौरान निर्वाचन आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे। प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के लिए विभिन्न दलों को आमंत्रित करते हुए आयोग ने प्रौद्योगिकी पर एक अवधारणा नोट भी जारी किया था। RVM के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर दलों को जनवरी के अंत तक अपने विचार लिखित रूप में देने को कहा गया था। यदि हितधारकों से परामर्श के बाद इसे लागू किया जाता है, तो प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिलों की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने दूर-दराज के मतदान केंद्रों पर डाले गए वोट की गिनती और दूसरे राज्यों में रिटर्निंग ऑफिसर को उनके प्रसारण को एक ‘‘तकनीकी चुनौती” बताया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि आरवीएम को मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर आधारित ‘‘एक मजबूत, त्रुटिहीन और प्रभावी स्टैंड-अलोन सिस्टम” के रूप में विकसित किया जाएगा और यह इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होगी। बता दें सार्वजनिक क्षेत्र की एक कंपनी द्वारा निर्मित मल्टी कांस्टीट्यूएंसी रिमोट ईवीएम एक ही जगह से 72 चुनाव क्षेत्रों को संचालित कर सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव के प्रति युवाओं और शहरी क्षत्रों में रहने वाले लोगों में देखी गई उदासीनता के मद्देनजर रिमोट वोटिंग मशीन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने में कारगर पहल साबित होगी।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) द्वारा विकसित बहु-निर्वाचन रिमोट EVM एक दूरस्थ मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है। ECIL और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड दो सार्वजनिक उपक्रम हैं जो EVM का निर्माण करते हैं। RVM एम3 (मार्क 3) EVM के मॉडल का एक संशोधित संस्करण है, जो घरेलू प्रवासियों के लिए दूरस्थ मतदान केंद्रों-घरेलू निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के मतदान केंद्रों पर मतदान को सक्षम बनाता है। निर्वाचन आयोग ने पिछले महीने कहा था कि पहल अगर लागू की जाती है, तो प्रवासियों के लिए ‘‘सामाजिक परिवर्तन” हो सकता है।