नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल एक साल और बढ़ गया है। उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है। इसके साथ ही वह अब नवंबर 2023 तक ED के निदेशक के पद पर बने रहेंगे। यह तीसरी बार है, जब उन्हें लगातार सेवा विस्तार दिया गया है। उनकी सर्विस में ये तीसरा सेवा विस्तार है। इस विस्तार के साथ वह अगले साल इस पद पर पांच साल पूरे कर लेंगे। पिछले साल एसके मिश्रा प्रवर्तन निदेशालय में एक साल का सेवा विस्तार पाने वाले पहले अधिकारी बने।
एसके मिश्रा 19 नवंबर, 2018 को ED के निदेशक नियुक्त किए गए थे। ED निदेशक का निश्चित कार्यकाल दो साल होने की वजह से उनका कार्यकाल अगले हफ्ते खत्म हो रहा था। 60 वर्षीय मिश्रा 1984 बैच के आयकर कैडर में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। सरकार पिछले साल एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमें यह अनुमति दी गई थी कि ED और CBI के निदेशकों का कार्यकाल दो साल की अनिवार्य अवधि के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।
एस. के. मिश्रा आयकर विभाग में विभिन्न पदों पर रहें और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के विदेशी कर विभाग में भी अपनी सेवा दे चुके हैं, जो विदेशों में धन छुपाने वाले भारतीयों के मामलों से संबंधित है। उन्होंने नेशनल हेरल्ड मामले में नेहरू-गांधी परिवार की संलिप्तता और कुछ अन्य प्रमुख मामलों में विभाग की जांच में भी अहम भूमिका निभाई।
प्रमुख के रूप में मिश्रा का यह तीसरा विस्तार है और वह अब एजेंसी के प्रमुख के रूप में पांचवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। वह मूल रूप से साल 2020 में ही रिटायर्ड हो गए थे, लेकिन एक-एक करके उन्हें दो बार सेवा विस्तार दिया गया। सरकार, नवंबर 2021 में, केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) अधिनियम के साथ-साथ दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (DSPE) अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश लाई, ताकि ED प्रमुख और CBI निदेशक को तीन बार एक साल का विस्तार दिया जा सके। इसे एक महीने बाद संसद द्वारा पारित किया गया था।
60 वर्षीय मिश्रा 1984 बैच के आयकर कैडर में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं और 19 नवंबर, 2018 को उन्हें ED का निदेशक नियुक्त किया गया था। ED निदेशक का निश्चित कार्यकाल दो साल होने की वजह से उनका कार्यकाल अगले हफ्ते खत्म हो रहा था। उन्हें नवंबर, 2020 में पद छोड़ना था, लेकिन इसके बाद उन्हें सेवा विस्तार दिया गया और कार्यकाल तीन साल का हो गया। उनके कार्यकाल में यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर, ICICI बैंक की पूर्व एमडी और CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर, कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स सहित कई हाई प्रोफाइल व्यक्तियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया। कथित बिचौलियों सुशेन मोहन गुप्ता और राजीव सक्सेना, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया गया।
मिश्रा को बाद में एक साल विस्तार दिया गया था, जो कि दूसरी बार था। गुरुवार के आदेश में कहा गया, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने ईडी के निदेशक के रूप में संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल में एक वर्ष की अवधि (18 नवंबर 2022 से 18 नवंबर 2023 तक) के लिए विस्तार को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को 16 नवंबर, 2021 से आगे बढ़ाने से रोक दिया था। कॉमन कॉज की ओर से दायर मामले में 8 सितंबर, 2021 को दिए गए अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि एसके मिश्रा को और विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए, जिनका ED निदेशक के रूप में कार्यकाल 16 नवंबर, 2021 को समाप्त होना था।
कोर्ट ने माना था कि केंद्र केवल “दुर्लभ और असाधारण परिस्थितियों” में ईडी निदेशक के कार्यकाल को 2 साल से आगे बढ़ा सकता है। बाद में, नवंबर 2021 में, एसके मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पहले, केंद्र ने CVC अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया, ताकि केंद्र ED निदेशक के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ा सके। अध्यादेश को दिसंबर 2021 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। अध्यादेश के आधार पर, मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ाया गया था। अब तीसरी बार उन्हें सर्विस एक्सटेंशन दिया गया है।