नई दिल्ली। महिला पहलवानों के यौन उत्पीडऩ के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ करीब 1500 पन्नों की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की। दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट से बृजभूषण शरण सिंह पर लगे पॉक्सो एक्ट हटाने की भी सिफारिश की है। सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई तय हुई है।
दिल्ली पुलिस ने 200 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किये हैं लेकिन, चार्जशीट में 19 गवाह
पुलिस की चार्जशीट में केवल 19 गवाह को रखा गया है, जिनमें पीड़ित पहलवान, उनके रिश्तेदार, तत्कालीन कोच, तत्कालीन फिजियोथेरेपिस्ट, मसाजर, को-रेसलर, आयोजक, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के कर्मचारी और आम लोग आदि शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने मामले में 200 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए थे।
दिल्ली पुलिस ने 6 बालिग महिला पहलवानों के मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (अपमान), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (पीछा करना) और 506 (1) (आपराधिक धमकी) के तहत अपराधों के लिए आरोप पत्र दायर किया है।
आईपीसी की धारा 354
भारतीय दंड़ संहिता की धारा 354 का उन मामलों में इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें किसी महिला की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के मकसद से हमला किया गया हो या फिर गलत मंशा के साथ उसके साथ जोर जबरदस्ती की गई हो।
सजा- धारा 354 के तहत दोष सिद्ध होने पर उसे कम से कम एक साल की सजा और अधिकतम 5 साल तक कैद या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।
आईपीसी की धारा 354 A
धारा 354 A का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी महिला को गलत या दुर्भावनापूर्ण इरादे से छूता है। स्पष्ट यौन संबंध का प्रस्ताव देता है। इसके अलावा इस धारा के अंतर्गत किसी महिला की सहमति के बिना जबरन अश्लील या सेक्सुअल सामग्री दिखाना भी शामिल है।
आईपीसी की धारा 354 D
इस धारा के अंतर्गत, कोई पुरूष किसी स्त्री का पीछा किसी गलत इरादे से करता है या महिला के इनकार करने के बावजूद बार-बार बातचीत के लिए संपर्क करता है अथवा इंटरनेट, ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक संसूचना के माध्यम निगरानी करता है तो उसपे धारा 354-डी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है।
सजा- इस धारा में पहली बार दोषी पाये जाने पर एक से तीन वर्ष कारावास की सजा प्रावधान है। वहीं दूसरी बार दोषी पाये जाने पर पांच वर्ष कारावास के साथ जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 506 (1)
धमकी देने से जुड़ी धारा है। इसमें दोषी पाए जानें पर अधिकतम दो साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकती है।
सजा- इस धारा के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर 1 से 3 वर्ष कठोर कारावास के साथ जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यह एक जमानती धारा है।
नाबालिग पहलवान के केस में पोक्सो हटाया
इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी और कोर्ट ही तय करेगी कि पॉक्सो एक्ट में मामला चलेगा या नहीं। खास बात है जिस नाबालिग लड़की की शिकायत के बाद बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, उसमें वह पहलवान लड़की दिल्ली पुलिस की जांच में बालिग निकली है। साथ ही नाबालिग लड़की के पिता ने बयान देकर कहा कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। नाबालिग के पिता ने कहा कि ऐसा उन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष से बदला लेने के लिए किया था।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि पॉक्सो मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिला। POCSO मामले में जांच पूरी होने के बाद शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर कोर्ट में मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में क्या कहा?
इसी को लेकर धारा 173 CrPC के तहत एक पुलिस रिपोर्ट प्रस्तुत की है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताया कि पहलवानों द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में जांच पूरी होने के बाद हमने आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354डी के तहत और आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 109/354/354ए/506 के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा का कहना है कि बृजभूषण के खिलाफ जिन आईपीसी की जिन धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है। प्रवक्ता सुमन नलवा ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह शरण के खिलाफ पहलवानों की शिकायत पर कनॉट प्लेस थाने में मामला दर्ज किया गया था। जांच में सबूतों को एकत्रित किया है। इसके बाद इस मामले में बृजभूषण व उनके सहयोग विनोद तोमर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। उन्होंने कहा कि इसमें अधिकतम सजा 5 वर्ष की है। पुलिस ने जिस तरह जांच की उससे उम्मीद है कि न्यायसंगत निर्णय आएगा।
इसके अलावा नाबालिग पहलवान व उनके पिता की शिकायत पर पोक्सो की दूसरी FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद उनकी प्रार्थना पर न्यायिक बयान करवाया था। इस बयान के आधार पर उसे क्लोलर रिपोर्ट फाइल की है। बाकी प्रक्रिया कोर्ट में होगी। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है वह न्यायपालिका के सामने रख दी है। पोक्सो के मामले में कोर्ट उचित निर्णय लेगी।
इस मामले की जांच पर नजर रखने वाले नई दिल्ली जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आरोप पत्र में पूरक आरोप पत्र दायर करने की गुंजाइश छोड़ी है। जैसे ही बृजभूषण के खिलाफ सबूत आएंगे पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा का कहना है कि बृजभूषण के खिलाफ जिन IPC की जिन धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है।