मणिपुर में अराजक हिंसा चरम पर, सेना के अधिकारी का घर से अपहरण

थौबल जिले के निवासी जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) कोनसम खेड़ा सिंह का आज (8 मार्च ) सुबह 9 बजे एक वाहन में आए अज्ञात लोगों ने घर से अपहरण कर लिया।

DrashtaNews

-मई में मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, उसके बाद से राज्‍य में इस तरह की यह चौथी घटना है। 

इंफाल (एजेंसी)। मणिपुर में हिंसा और अराजकता का दौर जारी है। यहां एक सेना के अधिकारी का उनके घर से अपहरण कर लिया गया है। हाल ही में 27 फरवरी को एडिशनल एसपी का अपहरण हुआ था। पिछले साल मई में मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, उसके बाद से राज्‍य में इस तरह की यह चौथी घटना है।  सूत्रों के अनुसार, थौबल जिले के निवासी जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) कोनसम खेड़ा सिंह का आज (8 मार्च ) सुबह 9 बजे एक वाहन में आए अज्ञात लोगों ने घर से अपहरण कर लिया।

सूत्रों के मुताबिक, “सूचना मिलने के बाद JCO  को बचाने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों ने समन्वित तलाशी अभियान शुरू किया है। हम राष्ट्रीय राजमार्ग 102 पर सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि उसका अपहरण क्यों किया गया है. हम इसकी जांच कर रहे हैं।”

अवश्य पढ़ें : एनडीए के ‘अमृतकाल’ में मणिपुर का सर्वनाश

सूत्रों ने कहा कि सुरक्षाबलों की टीमें अपहृत अधिकारी की तलाश में इलाके में फैल गई हैं और जैसे ही उन्हें अधिक जानकारी मिलेगी, वे अपडेट देंगे। सूत्रों ने कहा कि मई 2023 में हिंसा शुरू होने के बाद से यह यह चौथी घटना है, जब छुट्टी पर और ड्यूटी पर मौजूद सैनिकों या उनके रिश्तेदारों को “शत्रुतापूर्ण तत्वों” ने निशाना बनाया है।

असम रेजिमेंट के एक पूर्व सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का सितंबर 2023 में अज्ञात सशस्त्र समूह ने अपहरण कर लिया था और उनकी हत्‍या कर दी गई थी। वह मणिपुर के लीमाखोंग में डिफेंस सर्विस कोर (डीएससी) में तैनात थे। भारतीय सेना की स्पीयर कोर ने एक एक्स पोस्ट में कहा था, “घटना के वक्‍त वह इंफाल पश्चिम में अपने घर पर छुट्टी पर थे।”

उस घटना के दो महीने बाद अज्ञात सशस्त्र समूह ने चार लोगों का उस वक्‍त अपहरण कर लिया गया था, जब वे पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से लीमाखोंग तक एक एसयूवी में यात्रा कर रहे थे। उनकी हत्या कर दी गई थी। चारों जम्मू-कश्मीर में सेवारत भारतीय सेना के एक जवान के परिवार के सदस्य थे। इस दौरान सैनिक के पिता भागने में सफल रहे थे। वह घायल थे और बाद में सेना द्वारा उन्‍हें इलाज के लिए दीमापुर ले जाया गया था। आखिर में उन्‍हें असम के गुवाहाटी स्थित बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।

सूत्रों ने कहा कि सैनिक के पिता का गुवाहाटी के बेस अस्पताल के बाद अब लीमाखोंग सैन्य अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि सैनिक की मां का शव मिल गया और उसे लीमाखोंग ले जाया गया है, जहां से शव को अंतिम संस्कार के लिए चुराचांदपुर भेज दिया गया।

एडिशनल एसपी का अपहरण

कानून-व्यवस्था संभालने वालों पर हमले के एक अन्य मामले में इंफाल पश्चिम में 27 फरवरी को 200 हथियारबंद लोगों ने एक सीनियर पुलिस अधिकारी अमित सिंह के घर पर धावा बोल दिया। अमित सिंह, इंफाल पश्चिम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) हैं। एक मैतेई निगरानी समूह अरामबाई तेंगगोल के संदिग्ध सदस्यों ने ASP के घर से उनका अपहरण कर लिया था।  पुलिस और सुरक्षा बलों ने मिलकर बचाव अभियान चलाया और इस संयुक्त कार्रवाई में कुछ ही घंटों के अंदर अधिकारी को सुरक्षित वापस लाया गया।

इस मामले में हमलावरों की पहचान पुलिस द्वारा अरामबाई तेंगगोल के रूप में की गई थी। इस घटना के बाद मणिपुर पुलिस कमांडो ने इंफाल और अन्य इलाकों में प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया था।

पुलिस ने संकेतों में चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसी घटनाओं से अफस्‍पा को फिर से लागू करने की स्थिति पैदा हो जाएगी। सुरक्षा प्रतिष्‍ठान के सूत्रों ने कहा, “शांति और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले सुरक्षा बलों को उनके कर्तव्य पालन के लिए निशाना बनाया जा रहा है। सुरक्षा बलों और उनके परिवारों पर शत्रुतापूर्ण हमलों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए और अपराधियों को पकड़कर कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए।”

Scroll to Top