हिमांचल में BJP की नहीं गली दाल, कांग्रेस ने बचाई सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार की सुबह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकर गिर जाएगी। हालांकि पार्टी की तरफ से डैमेज कंट्रोल के प्रयास के बाद बुधवार की शाम विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

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पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार की सुबह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, अब  इस्तीफा वापस लिया।

नई दिल्ली/एजेंसी। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल प्रदेश की सियासत में हलचलें तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की हार के बाद अटकलों का बाजार गर्म था। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार की सुबह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकर गिर जाएगी। हालांकि पार्टी की तरफ से डैमेज कंट्रोल के प्रयास के बाद बुधवार की शाम विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस लेने के बाद कहा कि चार राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री जोऑब्जर्वर लगाए गए थे। उनसे चर्चा के बाद मैंने इस्तीफे का निर्णय वापस लिया है और कहा कि सरकार को कोई खतरा नही है हमारे पास बहुमत है। और मैं पार्टी का सिपाही हूं हाईकमान का जो भी आदेश होगा उसे मैं मानता हूं।

 राज्यसभा एकमात्र सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी (BJP) के लिए क्रॉस वोटिंग की। इसके बाद सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। बीजेपी उम्मीदवार को वोट देने वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा शिमला के सिसिल होटल में एकएक विधायक से चर्चा कर रहे हैं। सियासी संकट के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बीजेपी के 15 विधायकों की अप्रत्यक्ष मदद से पहला टेस्ट पास कर लिया है। बुधवार को विधानसभा में सुक्खू सरकार ने बजट पेश किया, जो ध्वनिमत से पास हो गया। अगर बजट पास नहीं होता, तो सरकार अल्पमत में सकती थी।

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 14 फरवरी को बजट सत्र की शुरुआत की गई थी। बुधवार को बजट पेश होने के पहले विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। वो सीएम सुक्खू के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे और तख्तियां लहरा रहे थे। कई वार चेतावनी देने के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने पूर्व CM जयराम ठाकुर समेत 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया। इस बीच दोपहर 1 बजे सीएम सुक्खू ने मीडिया के सामने आकर इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।

BJP के 15 विधायकों के सस्पेंड होने से कांग्रेस को मिला फायदा

BJP के 15 विधायकों के सस्पेंड होने का सीधा फायदा सुक्खू सरकार को मिला। क्योंकि सस्पेंड विधायकों ने संकटग्रस्त सत्ताधारी कांग्रेस को विधानसभा में कामकाजी बहुमत दे दिया। बहुमत की वजह से सुक्खू सरकार का बजट बिना किसी बाधा को पारित हो गया। क्योंकि बीजेपी के बाकी 10 विधायक भी स्पीकर के फैसले के विरोध में सदन से बाहर चले गए थे।

हमारी सरकार टर्म पूरा करेगीसीएम सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, “बजट आज पारित हो गया. हमारी सरकार को गिराने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है। कांग्रेस में सब संगठित हैं। हमारी सरकार 5 साल का टर्म पूरा करेगी।बजट पारित करके मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को किसी भी तात्कालिक परीक्षा से बचा लिया है। दूसरी तरफ, बीजेपी को 15 विधायकों के सस्पेंशन को लेकर स्पीकर के फैसले का मुकाबला करने के लिए कानूनी चुनौती दायर करनी होगी।

सीएम सुक्खू ने भी बीजेपी के सामने एक बड़ी रेखा खींच दी है। उन्होंने बीजेपी पर कांग्रेस पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, ” तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा है। ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा सौंपा है। हम अपना बहुमत साबित करेंगे। हम जीतेंगे…” दूसरी ओर, जयराम ठाकुर ने बजट पारित करने को सुक्खू सरकार का रणनीतिक कदम बताया है।

6 बागी विधायकों मिला कारण बताओ नोटिस

स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों पर कार्रवाई से जुड़ा फैसला सुरक्षित रख लिया है। राज्यसभा चुनाव में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर कांग्रेस ने स्पीकर से इन विधायकों पर दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी। स्पीकर ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार को इन विधायकों के खिलाफ पिटीशन फाइल की थी। इस पर विधानसभा सचिवालय ने दोनों पार्टियों को नोटिस करते हुए बुधवार को हियरिंग के लिए बुलाया था। स्पीकर ने कहा कि दोनों पक्षों को उन्होंने डिटेल में सुना। दोनों तरफ से जो तथ्य रखे गए, उन पर विचार करने के बाद उन्होंने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

विक्रमादित्य सिंह ने वापस लिया इस्तीफा

इस बीच कांग्रेस सरकार के लिए राहत भरी खबर भी आई. पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू सरकार पर अपने परिवार के अपमान का आरोप लगाया था। हालांकि, पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार रात इस्तीफा वापस ले लिया। सिंह सुक्खू सरकार में लोक निर्माण विभाग में मंत्री थे।

सभी विधायकों की इच्छा पूरी नहीं हो सकती

राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग और एक मंत्री के इस्तीफे के बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने साफ किया कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की थी। इसके बाद हिमाचल सरकार खतरे में गई थी।

सबकी नज़र बुधवार को विधानसभा में पेश होने वाले बजट पर था।  अगर बजट पास नहीं होता, तो हिमाचल में सुक्खू सरकार गिर जाती। हालांकि, बुधवार को विधानसभा बजट ध्वनिमत से पास हो गया।  इसके बाद CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कहा कि बीजेपी ने सरकार गिरने की अफवाह फैलाई थी। उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। सीएम सुक्खू ने कहा, “सभी विधायकों की राजनीतिक इच्छा पूरी नहीं की जा सकती है।सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की, वो भी हमारे संपर्क में हैं।

BJP  पार्टी को तोड़ना चाहती है, लेकिन कांग्रेस संगठित है। सुक्खू ने कहा, “कुछ विधायकों की राजनीतिक इच्छा थी। लेकिन उन्हें समझना होगा कि सभी विधायकों की राजनीतिक इच्छा पूरी नहीं की जा सकती। कुछ जगह प्रलोभन था। उसमें से एक विधायक ने तो बड़े दुखी मन से कहा कि बड़ी गलती हो गई। हमारी सरकार सेफ है। हम 5 साल का टर्म पूरा करेंगे।

बीजेपी के लिए सत्ता में उलटफेर करना आसान नहीं

हिमाचल की कांग्रेस सरकार में अंदरूनी कलह और बगावत के बाद भी बीजेपी के लिए यहां सत्ता में उलटफेर करना आसान नहीं है। हिमाचल में कुल 68 सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 35 है। कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं। इनमें से 6 बागी हो चुके हैं. अगर इन बागी विधायकों को छोड़ दिया जाए, तो भी कांग्रेस के पास 34 विधायक रहेंगे। 3 निर्दलीय विधायक हैं, जो राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं। बीजेपी के 25 विधायकों के साथ अगर कांग्रेस के 6 बागी विधायकों और 3 निर्दलियों को जोड़ दिया जाए, तो ये संख्या भी 34 हो जाती है।

अगर कांग्रेस अपने 6 बागी विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे देती है, तो ये विधायक बीजेपी के हक में वोट नहीं कर पाएंगे। जाहिर तौर पर बीजेपी सरकार नहीं बना पाएगी और सुक्खू सरकार बहुमत साबित कर देगी।

कांग्रेस के पास बहुमत

सुक्खू ने कहा, “बीजेपी ने साजिश रचकर CRPF लगाकर सरकार को गिराने की कोशिश की, वह आज नाकाम हुई।उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों के खिलाफ डिस्कवालिफिकेशन मोशन लाई है, उसकी सुनवाई चल रही है। लोकतंत्र में हमेशा सत्य की जीत हुई है, जिन्होंने सरकार गिराने की साजिश की, उनका भी भंडाफोड़ किया जाएगा। हिमाचल के CM ने कहा, “BJP तमाम कोशिशों के बाद भी हिमाचल प्रदेश सरकार को नहीं गिरा सकी। इसके पीछे हिमाचल की जनता का आशीर्वाद है। आम लोगों का आशीर्वाद है। लोकतंत्र में इस प्रकार की प्रैक्टिस बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

सीएम ने कहा, “क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 विधायकों को निकालकर 34 विधायक कांग्रेस के पास हैं। बीजेपी के पास तो 25 विधायक हैं। साफ है कि बहुमत कांग्रेस के पास है। आगे का रास्ता जनता बताएगी। कांग्रेस के विधायक एकजुट हैं।

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