कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, मैं हमेशा इस देश में स्वतंत्र आवाज बनना चाहता था

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”हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि मोदी सरकार का विरोध करें ”

नई दिल्ली। कांग्रेस में लंबे समय से बागी सुर बुलंद करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। समाजवादी पार्टी से समर्थन से राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने इसका खुलासा किया। पत्रकारों से बातचीत में कपिल सिब्बल ने खुलासा किया कि वह कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि 16 मई को ही कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था।
कपिल सिब्बल ने कांग्रेस से इस्तीफे का खुलासा करते हुए कहा, ”हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि मोदी सरकार का विरोध करें। हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने हिन्दुस्तान में कि मोदी सरकार की जो खामियां हैं वह जनता तक पहुंचाई जाएं। मैं खुद इसका प्रयास करूंगा।” सिब्बल ने यह भी कहा कि उन्हें सभी दलों ने समर्थन दिया है।
कपिल सिब्बल ने समर्थन के लिए आजम खान का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने खुद साफ किया कि वह सपा में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया है। सिब्बल ने कहा,”मुझे खुशी है कि मैं राज्यसभा का निर्दलीय उम्मीदवार बनने जा रहा हूं। मैं हमेशा इस देश में स्वतंत्र आवाज बनना चाहता था। मुझे खुशी है कि अखिलेश यादव ने इसे समझा। हम पार्टी का सदस्य होने पर उसके अनुशासन से बंध जाते हैं।”
कपिल सिब्बल के नामांकन के बाद अखिलेश यादव ने कहा, ”आज कपिल सिब्बल ने नामांकन दाखिल किया है। वह सपा के समर्थन से राज्यसभा जा रहे हैं। दो और सदस्य राज्यसभा जा सकते हैं। कपिल सिब्बल वरिष्ठ वकील हैं। वह संसद में भी अपने विचार रखते रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अपने और सपा के विचारों को रखेंगे।” अखिलेश यादव ने कहा कि दो और उम्मीदवार भी जल्द नामांकन दाखिल करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, डिंपल यादव और जावेद अली को भी सपा राज्यसभा का टिकट दे सकती है।
कपिल सिब्बल ने कहा, “मैं अखिलेश यादव जी का शुक्रगुजार हूं… हम और कई लोग साल 2024 लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ आ रहे हैं। हम 2024 से पहले केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे। सभी अपने विचार जनता के सामने रखेंगे।”
हालांकि इससे विपरीत, राज्यसभा में सिब्बल के फिर से चुने जाने में थोड़ी मुश्किल जरूर है लेकिन अगर वह कांग्रेस के साथ भी रहते तो निश्चित रूप से फिर से निर्वाचित नहीं होते। कपिल सिब्बल ने समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में अपना पर्चा दाखिल किया। अखिलेश यादव ने बाद में कहा, “कपिल सिब्बल एक वरिष्ठ वकील हैं। उन्होंने संसद में अपनी राय अच्छी तरह से प्रस्तुत की है। हमें उम्मीद है कि वह सपा और खुद दोनों की राय पेश करेंगे।”

कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह

कपिल सिब्बल G23 के एक प्रमुख सदस्य हैं। यह कांग्रेस नेताओं का ऐसा समूह है जो कई मौकों पर पार्टी हाईकमान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर चुका है। कपिल सिब्बल का कांग्रेस पार्टी से इस वक्त जाने से पार्टी में अंतर्कलह और कमजोरी एक बार फिर उजागर हुई है। खासकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृ्त्व पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा अगले साल बड़े पैमाने पर नौ राज्यों में चुनाव हैं। इसके बाद साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी बड़ी चुनौती है। सिब्बल ने जिस तरह संकेत दिया है कि अभी तो साल 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कई और लोग भी एक साथ आ रहे हैं, बड़ा संकेत देता है।

हाल के हफ्तों में सिब्बल कांग्रेस से तीसरे हाई-प्रोफाइल नेता हैं जिनका पार्टी से मोहभंग हुआ है। इससे पहले पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ और गुजरात के पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल भी पार्टी छोड़ चुके हैं। जाखड़ ने तो भाजपा का दामन थाम लिया है वहीं, हार्दिक के भी भाजपा में जाने के कयास हैं।

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