गाजियाबाद। दुनियाभर में क़ानूनीतंत्र पर भरोसा रखनेवाले नागरिकों पर ठगों का क़हर जारी है। भारत में साइबर फ्रॉड से लेकर ठगी के सारे हथकंडे मीडिया की सुर्खियां बन रही है। ग्रेटर नोएडा की एक सोसायटी की रहने वाली छात्रा को स्पेन से MBBS कराने का झांसा देकर 17.50 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। स्पेन में वह 6 महीने तक फंसी रही। इस मामले में महिला डॉक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में केस दर्ज कराया गया है।
गाजियाबाद जनपद के साहिबाबाद में कौशांबी थाना क्षेत्र में ऑफिस चलाने वाले ठगी के आरोपों ने गौतमबुद्धनगर की एक छात्रा का स्पेन की एक यूनिवर्सिटी में MBBS में एडमिशन कराने के नाम पर 17.50 लाख रुपये ठग लिए। ठगी के आरोपियों ने वीजा देकर छात्रा को स्पेन बुला लिया और यहां एडमिशन नहीं कराया। काफी समय तक पीड़िता दोस्तों व घर वालों के खर्च पर स्पेन में रही और वीजा समाप्त होने के बाद वापस भारत आई। वापस आने के बाद पीड़िता की मां ने कौशांबी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपित पूर्व में भी इस प्रकार से कई लोगों से ठगी कर चुके हैं।
मुंबई व गाजियाबाद पुलिस गिरोह के कई लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। नई FIR दर्ज कर पुलिस ने दोबारा से जांच शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर एक डिवाइजन ग्रेस सोसायटी निवासी संगीता पोद्दार का कहना है कि 2023 में उन्हें अपनी बेटी का MBBS में एडमिशन कराना था। इसी दौरान उनका संपर्क कौशांबी के एंजेल माल में आफिस चलाने वाले अर्चना गौतम, विवेक कुमार डायरेक्टर, राहुल गौतम, हिमांशी, शिशुपाल, पुष्पक, कार्तिक, ओमकार और डा. सस्मिता नंदा से हुआ।
आरोपी कार्यालय बंद कर भागे
एडमिशन के नाम पर उन्होंने 17.50 लाख रुपये मांगे। इस रकम में से आधी पोलैंड के एक खाते में जमा कराए और बाकी एक अर्चना गौतम के भारतीय खाते में जमा कराई। आरोपियों ने स्पेन के बार्सिलोना यूनिवर्सिटी में MBBS में एडमिशन कराने, वीजा और रहन सहन का प्रबंध करने की जिम्मेदारी ली। वीजा मिलने पर उनकी बेटी 17 मार्च 2024 को बार्सिलोना पहुंच गई। संगीता का कहना है कि वहां पर टीम की हेड डा. सुस्मिता नंदा ने उनकी बेटी को एक बंकरनुमा डोरमेट्री में रखा, जिसकी स्थिति बहुत ही खराब थी। इसके बाद उनकी बेटी ने अपने दोस्तों की मदद से आवास, किराया और खर्च का प्रबंध खुद किया। जिसमें 8 लाख रुपये खर्च हुए।
पीड़िता का कहना है कि उनके कुल 28 लाख रुपये खर्च हुए। बेटी को एमबीबीएस में एडमिशन नहीं मिला। इस दौरान उनकी बेटा का वीजा भी समाप्त हो गया और उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनकी बेटी काफी समय तक स्पेन में ही फंसी रही। इस दौरान उन्होंने और दोस्तों ने बेटी का खर्च उठाया। किसी तरह से उनकी बेटी वापस लौटी। तब उन्होंने कौशांबी स्थित ऑफिस में संपर्क किया तो पता चला कि आरोपित कार्यालय बंद कर भाग चुके हैं।
पहले भी फ्रॉड कर चुका गैंग जा चूका है जेल
पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि यह गिरोह पहले भी इसी तरह कई स्टूडेंट्स के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। ट्रांस हिडन के DCP निमिष पाटील ने बताया कि स्पेन में MBBS कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के खिलाफ 2024 मे प्रमोद राघवन ने केस दर्ज कराया गया था। उनकी शिकायत के आधार पर राहुल गौतम, अर्चना गौतम, विवेक कुमार, ओमकार, डॉ. स्मिता नंदा, शिशुपाल, पुष्पक, हिमाशी और सागर को नामजद किया गया था। अर्चना गौतम के खिलाफ मुंबई के डोंगरी भाईकला थाने में मुकदमा दर्ज है।
इस मामले में मुंबई पुलिस ने अर्चना को गिरफ्तार किया था और वह मुंबई के बाबर वाला जेल में बंद थी। गाजियाबाद पुलिस ने अर्चना को गाजियाबाद की अदालत में तलब करवाया था और 14 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। अर्चना के खिलाफ 16 अक्तूबर 2024 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था और अन्य नामजद आरोपियों के खिलाफ जांच की जा रही है। इस गिरोह के खिलाफ हरिद्वार में भी एक मुकदमा दर्ज है। दोनों ही मामलों में पीड़ितों की शिकायत पर ठगी के केस दर्ज हुए हैं। पुलिस टीमें मामलों की जांच कर रही हैं। जल्द ही आरोपियो को गिरफ्तार किया जाएगा।


