नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जियोर्जिएवा ने कहा है कि 2023 में वैश्विक आर्थिक ग्रोथ रेट के सुस्त पड़ने की आशंका है। उन्होंने ग्लोबल आर्थिक स्लोडाउन के चलते वैश्विक स्तर पर गरीबी और भूखमरी बढ़ने का खतरा का मंडरा रहा है। क्रिस्टालिना जियोर्जिएवा ने कहा कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3 फीसदी से भी कम दर से विकास कर सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछले साल 3.4 फीसदी रही है। जॉर्जीवा ने यह चेतावनी भी दी कि वैश्विक वृद्धि के सुस्त पड़ने से गरीबी और भुखमरी बढ़ सकती है, जो कोविड संकट के कारण पहले ही चुनौती बनी हुई है। उन्होंने इसे एक खतरनाक प्रवृत्ति बताया। क्रिस्टालिना जियोर्जिएवा ने कहा कि अगले पांच वर्षों तक आर्थिक विकास दर 3 फीसदी के आसपास ही रहने की उम्मीद है और 1990 के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास दर को लेकर IMF का सबसे कम अनुमान है और बीते दो दशकों के औसत 3.8 फीसदी से भी कम है। उन्होंने कहा कि विकास दर में गिरावट का बड़ा खामियाजा उठाना होगा खासतौर से कम आय वाले देशों को।
आईएमएफ (International Monetary Fund) प्रमुख ने कहा कि गरीबी और भूखमरी में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जो कि एक खतरनाक ट्रेंड है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद से इस ट्रेंड की शुरुआत हुई है। आईएमएफ चीफ ने कहा कि लगातार महंगी होती ब्याज दरें, अमेरिका और यूरोप में बैंकों के ठप्प पड़ने और वैश्विक राजनीतिक मतभेद के चलते दुनिया के फाइनैंशियल स्टैबिलिटी के लिए खतरा पैदा कर रहा है।
मेरिडियन-पोलिटिको में एक कार्यक्रम के दौरान क्रिस्टालिना जियोर्जिएवा का ये बयान तब आया है जब अगले हफ्ते आईएमएफ और उसकी लेंडिंग एजेंसी वर्ल्ड बैंक की अगले हफ्ते वॉशिंगटन में बैठक होने वाली है। इस बैठक में दुनियाभर के पॉलिसीमेकर्स वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा करने वाले हैं। भारत की ओर RBI गवर्नर बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक में दुनियाभर के सेंट्रल बैंक के प्रमुख तब हिस्सा ले रहे हैं जब महंगाई चरम पर है और ब्याज दरें आसमान छू रही है।
वहीं, आईएमएफ ने कहा है कि भारत ने व्यापक उपयोग वाला एक विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक ढांचा खड़ा किया है जो दूसरे देशों के लिए भी अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का सबक हो सकता है। डिजिटल सार्वजनिक ढांचे के तहत विशिष्ट पहचान (आधार), यूपीआई और आधार-समर्थित भुगतान सेवा के साथ डिजिलॉकर एवं खाता एग्रिगेटर जैसे डेटा विनिमय की व्यवस्था शामिल है.