यस बैंक की हालत में सुधार, 48 हजार करोड़ रुपये का फंसा कर्ज जेसी फ्लॉवर्स को सौंपा

प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक में शेयर के निवेशकों की मौज हो गई है। दरअसल, यस बैंक ने अपनी बैलेंस शीट को साफ करने के उद्देश्य से निजी इक्विटी फर्म जेसी फ्लावर्स को 480 बिलियन रुपये (5.81 बिलियन डॉलर) के खराब ऋणों का ट्रांसफर पूरा कर लिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,निजी क्षेत्र के यस बैंक ने 48,000 करोड़ रुपये के अपने फंसे हुए कर्ज को कर्ज पुनर्गठन कंपनी जेसी फ्लॉवर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन के सुपुर्द कर दिया है। बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि तनावग्रस्त कर्ज के रूप में चिह्नित 48,000 करोड़ रुपये के ऋण पोर्टफोलियो को जेसी फ्लॉवर्स के सुपुर्द करने का काम पूरा कर लिया गया है। इस दौरान एक अप्रैल से 30 नवंबर तक हुई कर्ज वसूली का समायोजन भी कर दिया गया है। यस बैंक ने अपने चिह्नित तनावग्रस्त कर्ज को जेसी फ्लॉवर्स एआरसी को सौंपने की घोषणा पहले ही कर दी थी। इस तरह बैंक अपने पोर्टफोलियो में फंसे हुए कर्ज का आकार कम कर अपनी वित्तीय स्थिति सुधारना चाहता है। यस बैंक ने इस तरह अपने पोर्टफोलियो में से एनपीए के हिस्से को कम कर अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने की कोशिश की है। कुछ साल पहले फंसे हुए कर्ज का आकार बढ़ने से यस बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई थी, लेकिन हाल में उसने अपने कर्ज पोर्टफोलियो को दुरूस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह सौदा भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में खराब ऋणों की अब तक की सबसे बड़ी बिक्री है, दो साल से अधिक समय के बाद जब केंद्रीय बैंक ने विषाक्त संपत्तियों में नाटकीय वृद्धि के बाद निवेशकों और जमाकर्ताओं को चिंतित कर दिया था। यस बैंक के हालिया कदम से उसके एनपीए में बड़ी गिरावट आएगी। पिछले एक महीने के रिटर्न की बात करें, तो यस बैंक के शेयर ने निवेशकों को 30 फीसदी का बंपर मुनाफा दिया है। वहीं, केवल 9 कारोबारी सत्रों में ही इस शेयर ने निवेशकों को 24 फीसदी का रिटर्न दे दिया। वहीं, एक साल में इस शेयर ने करीब 60 फीसदी का रिटर्न दिया है। दरअसल, कार्लाइल और एडवेंट के यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की खबरों के बाद से इस शेयर में भारी उछाल दर्ज किया गया था, लेकिन अचानक शेयर में तेज गिरावट भी आई. इस गिरावट की वजह ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली थी। मॉर्गन स्टेनली ने यस बैंक के शेयर पर अंडरवेट रेटिंग दी। साथ ही अपना टार्गेट भी 20.50 रुपये कर दिया। इसके बाद शेयर में गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बैड लोन बेचने की खबर आने पर शेयर में फिर से उछाल देखने को मिल रही है।

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नई दिल्ली।  प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक में शेयर के निवेशकों की मौज हो गई है। दरअसल, यस बैंक ने अपनी बैलेंस शीट को साफ करने के उद्देश्य से निजी इक्विटी फर्म जेसी फ्लावर्स को 480 बिलियन रुपये (5.81 बिलियन डॉलर) के खराब ऋणों का ट्रांसफर पूरा कर लिया है। 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,निजी क्षेत्र के यस बैंक ने 48,000 करोड़ रुपये के अपने फंसे हुए कर्ज को कर्ज पुनर्गठन कंपनी जेसी फ्लॉवर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन के सुपुर्द कर दिया है।

बैंक ने शनिवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि तनावग्रस्त कर्ज के रूप में चिह्नित 48,000 करोड़ रुपये के ऋण पोर्टफोलियो को जेसी फ्लॉवर्स के सुपुर्द करने का काम पूरा कर लिया गया है। इस दौरान एक अप्रैल से 30 नवंबर तक हुई कर्ज वसूली का समायोजन भी कर दिया गया है। यस बैंक ने अपने चिह्नित तनावग्रस्त कर्ज को जेसी फ्लॉवर्स एआरसी को सौंपने की घोषणा पहले ही कर दी थी। इस तरह बैंक अपने पोर्टफोलियो में फंसे हुए कर्ज का आकार कम कर अपनी वित्तीय स्थिति सुधारना चाहता है।

यस बैंक ने इस तरह अपने पोर्टफोलियो में से एनपीए के हिस्से को कम कर अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने की कोशिश की है। कुछ साल पहले फंसे हुए कर्ज का आकार बढ़ने से यस बैंक की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई थी, लेकिन हाल में उसने अपने कर्ज पोर्टफोलियो को दुरूस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह सौदा भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में खराब ऋणों की अब तक की सबसे बड़ी बिक्री है, दो साल से अधिक समय के बाद जब केंद्रीय बैंक ने विषाक्त संपत्तियों में नाटकीय वृद्धि के बाद निवेशकों और जमाकर्ताओं को चिंतित कर दिया था। 

यस बैंक के हालिया कदम से उसके एनपीए में बड़ी गिरावट आएगी। पिछले एक महीने के रिटर्न की बात करें, तो यस बैंक के शेयर ने निवेशकों को 30 फीसदी का बंपर मुनाफा दिया है। वहीं, केवल 9 कारोबारी सत्रों में ही इस शेयर ने निवेशकों को 24 फीसदी का रिटर्न दे दिया। वहीं, एक साल में इस शेयर ने करीब 60 फीसदी का रिटर्न दिया है।

दरअसल, कार्लाइल और एडवेंट के यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की खबरों के बाद से इस शेयर में भारी उछाल दर्ज किया गया था, लेकिन अचानक शेयर में तेज गिरावट भी आई. इस गिरावट की वजह ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली थी। मॉर्गन स्टेनली ने यस बैंक के शेयर पर अंडरवेट रेटिंग दी। साथ ही अपना टार्गेट भी 20.50 रुपये कर दिया। इसके बाद शेयर में गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बैड लोन बेचने की खबर आने पर शेयर में फिर से उछाल देखने को मिल रही है। 

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