नई दिल्ली। 20 प्रतिशत शुल्क चुकाने के बाद चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सरकार ने आठ सितंबर को ‘टूटे चावल’ के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक व्यापार नोटिस में कहा कि उस चावल (पांच प्रतिशत और 25 प्रतिशत टूटा हुआ) के संबंध में अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं जिनके लिए आठ सितंबर से पहले अपरिवर्तनीय साख पत्र जारी किया गया है और इसे बंदरगाहों पर रोका जा रहा है। चावल के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं है और व्यापारी 20 प्रतिशत शुल्क चुकाने के बाद इसका निर्यात कर सकते हैं।
नोटिस के अनुसार, ‘‘सामान्य चावल के संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि चावल (पांच प्रतिशत और 25 प्रतिशत) को पहले से ही छूट दी गई है क्योंकि यह टूटे हुए चावल नहीं बल्कि मानक के अनुसार टूटे चावल की अनुमति योग्य सीमा के साथ सामान्य चावल है।
भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर का रहा. भारत ने 2021-22 के दौरान विश्व के 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया।