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Lok Sabha Elections 2024 : 21 राज्यों की 102 सीटों पर पहले चरण में 64 प्रतिशत हुआ मतदान

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-पूरे देश में सबसे कम मतदान 47.50 प्रतिशत मतदान की सूचना है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान आज 19 अप्रैल को सुबह 7 बजे शुरू हुआ। पहले चरण के लिए देश की 21 राज्यों की 102 सीटों पर लगभग 64 प्रतिशत वोट डाले गए हैं।  छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। पूरे देश में सबसे कम मतदान 47.50 प्रतिशत मतदान की सूचना है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि वोटर्स मतदान केंद्र तक क्यों नहीं पहुंचे?

इसमें राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, असम और महाराष्ट्र में 5, मणिपुर में 2 और त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर तथा छत्तीसगढ़ में एक-एक सीट पर मतदान हुआ।

मतदाताओं में 2019 और 2014 वाला नहीं दिखा उत्साह

भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता बढ़ सकती है क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में मोदी युग के उदय के बाद वोट प्रतिशत में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली थी। 2014 और 2019 में मत प्रतिशत अच्छे रहे थे। इस चुनाव में बीजेपी ने अपने लिए मिशन 370 का लक्ष्य रखा है। बीजेपी की तरफ से इस बात के दावे लगातार होते रहे हैं कि पार्टी आसानी से इस लक्ष्य तक पहुंच जाएगी।

इसके अलावा तमिलनाडु (39), मेघालय की (2), उत्तराखंड (5), अरुणाचल प्रदेश (2), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (1), मिजोरम (1), नगालैंड (1), पुडुचेरी (1), सिक्किम (1) और लक्षद्वीप (1) की सभी लोकसभा सीट पर भी मतदान हुआ।

पश्चिम बंगाल में रिकॉर्ड 77.57% मतदान

देशभर में पहले चरण का मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण रहा है।  पश्चिम बंगाल में शाम 5 बजे तक 77.57% मतदान हुआ, जो आज लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान करने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक है।

तमिलनाडु: 62.02%

त्रिपुरा: 76.10%

यूपी: 57.54%

उत्तराखंड: 53.56%

पश्चिम बंगाल: 77.57%

नागालैंड: 55.79%

पुडुचेरी: 72.84%

राजस्थान: 50.27%

सिक्किम: 68.06%

एमपी: 63.27%

लक्षद्वीप: 59.02%

महाराष्ट्र: 54.85%

मणिपुर: 67.66%

मेघालय: 69.91%

अंडमान निकोबार: 56.87%

अरुणाचल प्रदेश: 63.44%

असम: 70.77%

बिहार: 46.32%

छग: 63.41%

जम्मू-कश्मीर: 65.08%

कम मतदान से कई बार सत्ताधारी दलों को हुआ है फायदा

हालांकि एक तरफ जहां कम मतदान को लेकर कुछ जानकार बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बता रहे हैं।  वहीं कुछ आंकड़ें बताते हैं कि चुनाव में कम मतदान होना इस बात के संकेत हो सकते हैं कि जनता बदलाव नहीं चाहती है। कई बार ऐसा राज्यों के चुनावों में देखा गया है कि जब बंपर वोटिंग हुई है तो सत्ता में बदलाव हुए हैं। सरकार को बदलने के लिए अधिक मतदान होते रहे हैं। कम मतदान का लाभ सत्ताधारी दलों को मिला है।

मतदान प्रतिशत में गिरावट से बदलती रही है सरकार

पिछले 12 में से 5 चुनावों में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखने को मिले है। जब-जब मतदान प्रतिशत में कमी हुई है 4 बार सरकार बदल गयी है। वहीं एक बार सत्ताधारी दल की वापसी हुई है। 1980 के चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट हुई और जनता पार्टी की सरकार सत्ता से हट गयी. जनता पार्टी की जगह कांग्रेस की सरकार बन गयी। वहीं 1989 में एक बार फिर मत प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गयी और कांग्रेस की सरकार चली गयी। विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी। 1991 में एक बार फिर मतदान में गिरावट हुई और केंद्र में कांग्रेस की वापसी हो गयी। 1999 में मतदान में गिरावट हुई लेकिन सत्ता में परिवर्तन नहीं हुआ। वहीं 2004 में एक बार फिर मतदान में गिरावट का फायदा विपक्षी दलों को मिला।

मणिपुर मतदान अधिकारी के निमोला देवी का कहना है, “हमारा मतदान संपन्न हो गया है, जैसे ही शाम 4 बजे हमने गेट बंद कर दिए, हमने एजेंटों को बुलाया और फिर उनके सामने हमने सभी डेटा और मशीनों को सील कर दिया। इसके बाद यह सब पूरा हो गया है हम इसे डीसी कार्यालय में जमा कर देंगे।

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