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‘क्रॉस वोटिंग’ के खेल में BJP को मिली 10 राज्यसभा सीटें

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नई दिल्ली।  यूपी, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की कुल 15 राज्यसभा सीटों पर मंगलवार 27 फरवरी को चुनाव हुए। इनमें से बीजेपी ने कुल 10 सीटें जीत ली हैं। बीजेपी को यूपी की 10 सीटों में से 8 पर जीत मिली। कर्नाटक की एक सीट पर भी पार्टी ने जीत हासिल की। बीजेपी ने हिमाचल की एकमात्र सीट भी जीत ली है। कांग्रेस को कर्नाटक की 3 सीटों पर जीत मिली। यूपी की 2 सीट पर सपा ने कब्जा जमाया।  राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से ज्यादा ‘क्रॉस वोटिंग’  शब्द ज्यादा चर्चा में है। यूपी में समाजवादी पार्टी और कर्नाटक-हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस  के कई विधायकों ने पार्टी लाइन हटकर से वोटिंग किया।

कर्नाटक में कांग्रेस के 3 और NDA के एक उम्मीदवार जीते

कर्नाटक में आज हुए राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 3 सीटें जीत ली है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक सीट मिली है। उच्च सदन के लिए कांग्रेस से निर्वाचित हुए सदस्यों में अजय माकन, जी सी चंद्रशेखर और सैयद नसीर हुसैन शामिल हैं। वहीं भाजपा के नारायणसा के. भांडगे भी जीत के बाद राज्यसभा जाएंगे।

चुनाव में चार सीट के लिए पांच उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार डी. कुपेंद्र रेड्डी भी शामिल थे। चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई। भाजपा विधायकों में से एक, एस टी सोमशेखर ने कांग्रेस के अजय माकन के लिए मतदान किया, जबकि अन्य विधायक ए. शिवराम हेब्बार ने मतदान में भाग नहीं लिया।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन को झटका देते हुए भाजपा विधायक एस टी सोमशेखर ने राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को वोट दिया। भाजपा की ओर से भी इसकी पुष्टि की गई। भाजपा नेताओं ने कहा कि सोमशेखर ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया और कहा कि पार्टी उनसे निपटने के लिए कानूनी विकल्प तलाशेगी। सोमशेखर भाजपा से नाराज हैं और पार्टी के खिलाफ बगावती रुख अपनाए हुए थे। नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि सोमशेखर ने ‘क्रॉस वोटिंग’ की है। मेरा मानना ​​है कि लोग बार-बार धोखा देने को पसंद नहीं करते।”

पूर्व उपमुख्यमंत्री अशोक ने कहा, ‘‘मैंने वकील विवेक रेड्डी से सलाह ली है जो हमारे राज्य कानूनी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और उच्च न्यायालय के वकील हैं। हम अध्यक्ष से उनके (सोमशेखर) खिलाफ पहल करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने की संभावनाएं तलाशने के लिए कहेंगे।”सोमशेखर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और मंत्री (भाजपा सरकार में) के रूप में कार्य किया था और उन्हें मैसूरु जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया था। अशोक ने सोमशेखर के फैसले को ‘‘राजनीतिक आत्महत्या” करार दिया।

हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की थी

हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर बीजेपी ने जीत ली है। बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन ने कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को मात दी।  क्रॉस वोटिंग के बाद भी दोनों को 34-34 वोट मिले थे। जिसके बाद टॉस से विजेता का फैसला हुआ। हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की थी। 3 निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाला था। क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल में कांग्रेस सरकार के गिरने का खतरा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के 5-6 विधायकों को हरियाणा पुलिस लेकर गई है।

इन कांग्रेसी विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

हिमाचल में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेसी विधायकों में सुजानपुर के राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ के देवेंद्र भुट्‌टो, बड़सर के आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर और गगरेट के चैतन्य शर्मा का नाम आ रहा है। ये सभी वोटिंग से पहले सुबह एक ही गाड़ी में विधानसभा पहुंचे। वोटिंग के तुरंत बाद से पार्टी इनसे कोई संपर्क नहीं कर पा रही है।

इन कांग्रेसी विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

हिमाचल में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेसी विधायकों में सुजानपुर के राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, कुटलैहड़ के देवेंद्र भुट्‌टो, बड़सर के आईडी लखनपाल, लाहौल-स्पीति के रवि ठाकुर और गगरेट के चैतन्य शर्मा का नाम आ रहा है। ये सभी वोटिंग से पहले सुबह एक ही गाड़ी में विधानसभा पहुंचे। वोटिंग के तुरंत बाद से पार्टी इनसे कोई संपर्क नहीं कर पा रही है।

3 निर्दलीय विधायकों ने BJP को दिया समर्थन

हिमाचल के 3 निर्दलीय विधायक पहले कांग्रेस को समर्थन देने की बात कर रहे थे। लेकिन उन्होंने भी बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की। इन निर्दलीय उम्मीदवारों में हमीरपुर के आशीष शर्मा, देहरा के होशियार सिंह और नालागढ़ के केएल ठाकुर शामिल हैं।  कांग्रेस के 6 विधायकों समेत इन निर्दलीय विधायकों को CRPF की सिक्योरिटी दी जा रही है।

CM ने दावा किया कि कांग्रेस के पास पूरा बहुमत

क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के 6 विधायकों से पार्टी का संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से कहा, “जिस तरह अभी काउंटिग शुरू हुई और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर काउंटिंग ऑफिसर को धमका रहे हैं, ये लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। BJP के हिमाचल नेताओं को मुख्यमंत्री ने सब्र रखने की नसीहत दी।”

सीएम सुक्खू ने कहा कि CRPF और हरियाणा पुलिस हिमाचल के विधायकों को लेकर गई हैं। उनके परिवार के लोग संपर्क कर रहे है।  उन्होंने बीजेपी पर गुंडागर्दी करने के आरोप लगाए। CM ने दावा किया कि कांग्रेस के पास पूरा बहुमत है। जिस तरह का गंदा खेल बीजेपी खेल रही है, हिमाचल की संस्कृति इस चीज को पसंद नहीं करती।

क्या होती है क्रॉस वोटिंग?

राज्यसभा चुनाव के दौरान हर पार्टी के विधायक अपना मत तय करते हैं। वोटों को पार्टी के मुखिया को दिखाया जाता है। इसके बाद उसे सभापति के पास जमा कर दिया जाता है। जब विधायक अपनी पार्टी के उम्मीदवार की बजाय किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को वोट दे देता है, तो उसे क्रॉस वोटिंग कहते हैं। 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के विधायकों ने जमकर क्रॉस वोटिंग की। इसका फायदा BJP को हो सकता है।

राष्ट्रपति चुनाव में भी पंजाब में क्रॉस वोटिंग हुई

राज्यसभा चुनाव और राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग होती रहती है। राज्यसभा चुनाव के लिए पहली बार 1998 में क्रॉस वोटिंग हुई थी।  कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद ओपेन बैलेट का नियम भी लाया गया, जिसके कारण हर विधायक को अपना मत पार्टी के मुखिया को दिखाना होता है, लेकिन इसके बाद भी ये सिलसिला जारी रहा। राष्ट्रपति चुनाव में भी पंजाब में क्रॉस वोटिंग हुई थी।

क्रॉस वोटिंग करने वालों पर क्या होता है एक्शन?

क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक के बारे में अगर पार्टी जानती है, तो उसके खिलाफ एक्शन ले सकती है। 2022 में हरियाणा के कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की थी। वह बाद में बीजेपी में शामिल हो गए। इसी चुनाव में राजस्थान से बीजेपी नेता शोभारानी कुशवाह ने भी क्रॉस वोटिंग की थी। वह भी पार्टी से निकाल दी गईं। 2016 में उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के 6 नेताओं ने बीजेपी के लिए क्रॉस वोटिंग की थी।  पार्टी ने सभी को निष्कासित कर दिया था। 2017 में कांग्रेस की अपील पर दो नेताओं के वोट खारिज हो गए थे, क्योंकि इन दोनों ने अपना बैलेट पेपर अमित शाह को दिखाया था। इसके बाद कांग्रेस के अहमद पटेल राज्यसभा सांसद बने थे।

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