नई दिल्ली । भारत समेत आसियान देशों में चोरी के और नकली मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है। एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) देशों की बैठक में चोरी के और नकली मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक के लिए सहमति बन गई है। आसियान देशों के डिजिटल मंत्रियों की दूसरी बैठक में इस रोक के लिए वर्क प्लान बनाने की मंजूरी दी गई।
आसियान डिजिटल मंत्रियों की दूसरी बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। संचार राज्यमंत्री देवू¨सह चौहान और म्यांमार के यातायात एवं संचार मंत्री एडमिरल तिन आंग सान ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। चोरी के और नकली मोबाइल फोन के इस्तेमाल से भारत समेत आसियान देश भी प्रभावित है और बैठक में इस मसले को प्रमुखता से उठाया गया।
संचार विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चोरी के मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक के साथ वर्क प्लान में वाईफाई की पहुंच को बढ़ाने, राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट उपलब्ध कराने, सूचना व संचार तकनीक से जुड़े क्षेत्र के साथ 5जी सेवा में एक दूसरे के साथ जानकारी को साझा करने जैसे मुद्दों को वर्क प्लान में शामिल किया गया।
भारत में मोबाइल फोन की चोरी से निपटने और उसे ब्लाक करने के लिए संचार विभाग ने वर्ष 2019 के अंत में एक पोर्टल लांच किया था। यह पोर्टल मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर के लोगों की सहायता के लिए बनाया गया था। संचार विभाग से जुड़ी सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) सिस्टम मोबाइल हैंडसेट की सुरक्षा व चोरी जैसे मामलों की निगरानी करती है।
आसियान डिजिटल मंत्रियों के मंच में ब्रूनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के संचार मंत्री शामिल है जिनकी वार्षिक बैठक होती है।बैठक में संवाद साझीदार देश – ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, जापान, कोरिया गणराज्य, न्यूजीलैंड, रूस, यूके और अमेरिका भी हिस्सा लेते हैं। बैठक में डिजिटल समावेश और एकीकरण की भावना को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय डिजिटल सहयोग को मजबूत बनाने संबंधी विषयों पर चर्चा तथा विचार-विमर्श किया गया।
चौहान ने इस अवसर पर कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी नागरिक और सरकार के बीच उन्नत आदान-प्रदान के जरिए लोकतांत्रिक प्रणालियों तथा संस्थानों को मजबूत तथा सक्षम बनाती हैं। उन्होंने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से नागरिकों को अवसर देने के साथ-साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सूचना के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहन मिलता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बदलने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।