नई दिल्ली। पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक और “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को आज पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले आज उसे सात जिलों की पुलिस ने घेर लिया था। जालंधर के शाहकोट के गांव महेतपुर के पास अमृतपाल सिंह और उनके साथियों की पुलिस ने घेराबंदी की थी। पुलिस को अमृतपाल सिंह के शाहकोट आने की पहले से सूचना थी। इसीलिए पहले से ही मोगा पुलिस ने मोगा और शाहकोट के सारे रोड बंद करके बड़ा नाका लगा दिया था।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके 9 साथियों को पंजाब पुलिस ने अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारियां अजनाला थाने पर हमले से जुड़े केस में की गईं। अमृतपाल के 6 साथियों को शनिवार दोपहर जालंधर से मोगा की तरफ जाते समय पकड़ा गया। यहां पंजाब पुलिस के घेरा डालते ही अमृतपाल खुद गाड़ी में बैठकर भाग निकला। पुलिस की करीब 100 गाड़ियों ने लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद उसे जालंधर के नकोदर एरिया से दबोच लिया। हालांकि उसकी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। 2 लोगों को अमृतसर और एक को मोगा में उसके खेतों से गिरफ्तार किया गया।
इस बीच माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते पंजाब में 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। राज्य में रविवार दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद रहेगी। राज्य के फाजिल्का और मुक्तसर जिले में धारा 144 लगा दी गई। उधर अमृतपाल की गिरफ्तारी के विरोध में मोहाली में प्रदर्शन शुरू हो गया। यहां चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर लगे इंसाफ मोर्चा में मौजूद लगभग 150 निहंग नंगी तलवारें और डंडे लेकर सड़क पर उतर आए।
सूत्रों का कहना है कि जी-20 के कारण सरकार ने अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई करने का इंतजार किया। खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ तीन केस दर्ज हैं जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने एक करीबी की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के पर पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी।
अपने प्रमुख सहयोगी लवप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करके अमृतपाल सिंह ने अपने कार्यकर्ता को पुलिस से छुड़ा लिया था। अक्सर सशस्त्र समर्थकों द्वारा घिरे रहने वाला कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पंजाब में कुछ अरसे से सक्रिय है। अमृतपाल सिंह “वारिस पंजाब दे” का प्रमुख है। यह अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा शुरू किया गया एक कट्टरपंथी संगठन है। सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
अमृतपाल सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके सहयोगी लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान सिंह के खिलाफ “झूठा मामला” दर्ज किया था, इसलिए वह और सैकड़ों “वारिस पंजाब दे” समर्थक अमृतसर के अजनाला में पुलिस से मिलने गए थे। वहां लवप्रीत सिंह को रखा गया था। अमृतपाल सिंह ने एक निजी न्यूज़ चैनल से कहा था, “मीडिया पूरे मामले को गलत तरीके से पेश कर रहा है। लवप्रीत सिंह के खिलाफ एक झूठी प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी। पुलिस ने लाठीचार्ज करने से पहले हमारे वाहनों को रोक दिया।”
उसने कहा था कि, “अगर पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज नहीं किया होता तो हिंसा नहीं होती।” उसने इन आरोपों का खंडन किया था कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए उसने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब का इस्तेमाल किया। सिंह ने कहा, “हम जहां भी जाते हैं, गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी आगे बढ़ती है।”
उधर अमृतपाल की गिरफ्तारी के विरोध में मोहाली में प्रदर्शन शुरू हो गया। यहां चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर लगे इंसाफ मोर्चा में मौजूद लगभग 150 निहंग हाथों में नंगी तलवारें और डंडे लेकर सड़क पर उतर आए। यह लोग अमृतपाल को रिहा करने के लिए नारेबाजी करते हुए चंडीगढ़ की तरफ बढ़ने लगे और रोके जाने पर एयरपोर्ट रोड जाम कर दी। पंजाब पुलिस के जवानों ने इनके चारों तरफ घेरा डाल लिया।चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर इसी इंसाफ मोर्चे में शामिल निहंगों और पुलिस के बीच 8 फरवरी 2023 को हिंसक झड़प हो गई थी जिसमें कई पुलिसवाले घायल हो गए थे।
खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने एक करीबी की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी।
शनिवार को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। शाहकोट-मलसियां इलाके में उसके प्रोग्राम के लिए समर्थक सुबह से जुटने लगे थे। इस प्रोग्राम से पहले ही जालंधर और मोगा पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में गुपचुप तरीके से अमृतपाल को गिरफ्तार करने की रणनीति बना ली थी। इसके लिए आसपास के कई जिलों से रातोंरात पुलिस फोर्स बुला ली गई। जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर भी सुबह से ही भारी नाकेबंदी कर दी गई।
शनिवार दोपहर लगभग 1 बजे जैसे ही अमृतपाल का काफिला जालंधर के मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। काफिले में सबसे आगे चल रही 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया गया। अमृतपाल की मर्सिडीज कार काफिले में तीसरे नंबर पर थी। पुलिस को देखकर उसका ड्राइवर गाड़ी लिंक रोड की तरफ मोड़कर भगा ले गया। जालंधर और मोगा पुलिस उसके पीछे लग गई।
पुलिस को गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के 6 साथियों से कई हथियार मिले हैं। इन्हें जालंधर के मैहतपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। अमृतपाल का कार में बैठकर भागते हुए का एक वीडियो भी सामने आया। इसमें अमृतपाल गाड़ी की अगली सीट पर बैठा नजर आ रहा है और अपने समर्थकों से इकट्ठा होने की अपील कर रहा है। गाड़ी में मौजूद अमृतपाल के समर्थक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिस उनके पीछे लगी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद पुलिस ने अमृतपाल को नकोदर एरिया से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस का कोई अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा।
अमृतपाल के 2 साथियों को अमृतसर में अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया। इनमें अमृतसर के बालसरां जोधा गांव का रहने वाला हरमेल सिंह जोध और शेरों गांव का हरचरण सिंह शामिल है। अमृतपाल के करीबी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को पुलिस ने मोगा से पकड़ा। भगवंत को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह खेतों में पशुओं के लिए चारा काट रहा था। 5 गाड़ियों में पहुंचे पुलिसवालों के खेतों में घेरा डालते ही भगवंत सिंह सोशल मीडिया पर लाइव हो गया और अपनी तरफ बढ़ रहे पुलिसवालों को दिखाने लगा।
संगठन ‘वारिस पंजाब दे
भगवंत सिंह के खिलाफ हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने को लेकर केस दर्ज हो चुका है। वह पंजाब सरकार के खिलाफ और अमृतपाल के हक में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालता रहा है। खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल की अगुवाई में उसके हजारों समर्थकों ने 23 फरवरी 2023 को अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग अमृतपाल के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। हमले से दबाव में आई पंजाब पुलिस को लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा करने का ऐलान करना पड़ा था।
पंजाब में इंटरनेट और ब्लक SMS सेवाएं बंद
अमृतपाल की गिरफ्तारी के साथ ही पंजाब में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद कर दी गईं। इससे जुड़ा आदेश पंजाब के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी की ओर से जारी किया गया। इस ऑर्डर में कहा गया कि पंजाब डीजीपी की तरफ से जानकारी दी गई है कि सोशल मीडिया और बल्क SMS के जरिए पंजाब में लोगों को भड़काने की कोशिश की जा सकती है। इसके बाद शनिवार दोपहर 12 बजे से रविवार दोपहर 12 बजे तक राज्य में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाएं बंद करने के आदेश दिए गए हैं। बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर अन्य सभी तरह की SMS सेवाएं बंद रहेंगी।
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतसर जिले में रईया के पास पड़ते उसके गांव जल्लूपुर खेड़ा को भी घेर लिया। गांव में आने-जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है और गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। पंजाब पुलिस के अलावा जल्लूपुर खेड़ा के चारों तरफ सेंट्रल फोर्सेस के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं।