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घटता भूजल संकट, दुनिया के लिए भविष्य का संकट :PM मोदी

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नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राजस्थान के सिरोही में ब्रह्मा कुमारियों द्वारा आयोजित जल-जन अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभियान ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब पूरी दुनिया जल संकट को भविष्य के संकट के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि  21वीं सदी ये दुनिया यह महसूस करने के लिए जाग रही है कि पृथ्वी पर उपयोग करने के लिए पानी सीमित है।

उन्होंने कहा, “जल जन अभियान ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब विश्व स्तर पर जल संकट को भविष्य के संकट के रूप में देखा जा रहा है। 21 वीं सदी में दुनिया इस गंभीरता को समझ रही है कि पृथ्वी के पास सीमित जल संसाधन हैं, ”। इस दौरान उन्होंने दिवंगत राजयोगिनी दादी जानकी जी से आशीर्वाद  भी लिया और इसे अपनी सबसे बड़ी पूंजी बताया।

भारत में पानी की कमी के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि “भूजल स्तर में गिरावट के कारण भारत एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। अमृत काल में  भारत भविष्य के रूप में पानी की ओर देख रहा है। अगर पानी है तो कल होगा। उन्होंने जल संरक्षण के लिए लोगों को संयुक्त प्रयास का भी आवाह्नन किया ।”

पीएम मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ये अभियान जनता के लिए देश के जल संरक्षण प्रयास में भाग लेने का एक अवसर होगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के साथ भावनात्मक जुड़ाव से मानव द्वारा उनका शोषण अपने आप कम हो जाएगा। उन्होंने हिंदुओं के परम्पराओं का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे हिंदुओं में भी जल की पूजा की जाती है, जल संरक्षण हमारे समाज की संस्कृति है और हमारी सामाजिक सोच का केंद्र है। इसलिए हम जल को भगवान और अपनी नदियों को माता मानते हैं।

प्रधानमंत्री ने पिछले दशकों में देश में रही विभन्न सरकारो द्वारा  जल संरक्षण के मुद्दों को  उपेक्षित करने पर दुख व्यक्त किया और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू किए गए नमामि गंगे, ‘कैच द रेन’, 55 अमृत सरोवर, अटल भूजल योजना आदि जैसे अभियानों के बारे में बात की।

उन्होंने महिलाओं को जल संरक्षण परियोजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाएं जल समितियों के माध्यम से जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का नेतृत्व कर रही हैं। इसी तरह ब्रह्मा कुमारी बहनें और उनका अभियान भी जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

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