नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के लिए PM मोदी ने नोटबंदी की थी। आज 8 नवंबर 2022 को नोटबंदी के 6 साल पूरे हो चुके हैं। विपक्षी दल के नेताओं ने बीजेपी और PM मोदी को आर्थिक नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। नोटबंदी को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह 2-3 अरबपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था। उन्होंने अपने ट्वीट में PM मोदी पर तंज कसते हुए ‘पेपीएम’ लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।
इसको लेकर राहुल गांधी शुरू से ही PM मोदी दोषी ठहरा रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को अपने भाषणों का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “नोटबंदी ‘PayPM’ द्वारा एक जानबूझकर उठाया गया कदम था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके 2-3 अरबपति दोस्त छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म करके भारत की अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार कर लें।”
इससे पहले राहुल गांधी ने एक और ट्वीट किया, ”काला धन नहीं आया, बस ग़रीबी आई, इकॉनमी कैशलेस नहीं, कमजोर हुई। आतंकवाद नहीं, करोड़ों छोटे व्यापार और रोजगार खत्म हुए ‘राजा’ ने नोटबंदी में, ‘50 दिन’ का झांसा दे कर अर्थव्यवस्था का DeMo-lition कर दिया।’
भारत में हुई नोटबंदी की छठी वर्षगांठ है। इस फैसले का मुख्य मकसद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और काले धन पर अंकुश लगाना तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को खत्म करना था। हालांकि विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी को “आर्थिक नरसंहार और आपराधिक कृत्य” करार दिया है।
नोटबंदी पर “श्वेत पत्र ” लाने की मांग
कांग्रेस ने नोटबंदी के 6 साल पूरा होने के मौके पर मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के इस कदम के बाद चलन में नकदी 72 प्रतिशत बढ़ गई और ऐसे में सरकार को इस पर ‘श्वेत पत्र’ लाना चाहिए। पार्टी नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी रूपी इस भयावह विफलता को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “8 नवंबर 2016 का दिन सबको याद होगा। आज भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के फैसले की छठी बरसी है। नोटबंदी के 50 दिन के बाद आज तक सरकार ने नोटबंदी का नाम तक नहीं लिया है।”
वल्लभ ने दावा किया, “हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी के माध्यम से सरकार ने की।” उन्होंने कहा, “पिछले 6 साल में अर्थव्यवस्था में जो कैश-इन-सर्कुलेशन (चलन में नकदी) है, वो 72 प्रतिशत बढ़ा है। 2016 में अर्थव्यवस्था में चलन में नकदी 17.97 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज 30.88 लाख करोड़ रूपये हो चुकी है।”