AAP के हुए अल्पेश कथीरिया, पाटीदार आरक्षण आंदोलन में थी प्रमुख भूमिका

गुजरात में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) अपनी ताकत बढ़ा रही है। 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का हिस्सा रहे एक प्रमुख नेता अल्पेश कथीरिया रविवार को राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। अल्पेश भावनगर जिले के गरियाधर कस्बे में आयोजित चुनावी रैली के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘AAP' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए। विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पाटीदार आंदोलन से उभरे नेता हार्दिक पटेल पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वह बीते कई दिनों से कोशशि कर रहे थे कि उनके साथी और आंदोलन का दूसरा चेहरा अल्पेश कथीरिया भी बीजेपी में आ जाएं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कथीरिया, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के संयोजक हैं, जिसने पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का दर्जा और सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन किया था। कथीरिया के अलावा PAAS के सह-संयोजक धार्मिक मालवीय और संगठन के अन्य सदस्यों ने भी ‘AAP' का दामन थाम लिया हार्दिक पटेल के दोस्त PAAS संयोजक अल्पेश कथिरिया पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हैं। वह हार्दिक पटेल के साथ इस आंदोलन में शामिल हुए थे। हार्दिक पटेल के बाद अल्पेश कथिरिया का चेहरा पाटीदार आरक्षण आंदोलन के मुख्य नेता के रूप में देखा जाने लगा था। >>D>कथिरिया सूरत में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा थे और सूरत पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में उन्हें जेल में डाल दिया गया था। वह पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे। इससे पहले दिन में कोली समुदाय के प्रमुख नेता राजू सोलंकी और उनके बेटे ब्रजराज सोलंकी भावनगर शहर में केजरीवाल की मौजूदगी में आप में शामिल हो गए। चुनाव आयोग इस सप्ताह 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।

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भावनगर। गुजरात में विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए आम आदमी पार्टी (आप) अपनी ताकत बढ़ा रही है।  2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का हिस्सा रहे एक प्रमुख नेता अल्पेश कथीरिया रविवार को राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। अल्पेश भावनगर जिले के गरियाधर कस्बे में आयोजित चुनावी रैली के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘AAP’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए। 

विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पाटीदार आंदोलन से उभरे नेता हार्दिक पटेल पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वह बीते कई दिनों से कोशशि कर रहे थे कि उनके साथी और आंदोलन का दूसरा चेहरा अल्पेश कथीरिया भी बीजेपी में आ जाएं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

कथीरिया, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के संयोजक हैं, जिसने पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का दर्जा और सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन किया था।  कथीरिया के अलावा PAAS के सह-संयोजक धार्मिक मालवीय और संगठन के अन्य सदस्यों ने भी ‘AAP’ का दामन थाम लिया।

पार्टी में शामिल होने के बाद कथीरिया ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘समाज के लिए, अपने गौरव के लिए, देश के लिए, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार-मुक्त सुशासन के लिए इस संघर्ष में हम सभी को आगे आना होगा। आपके समर्थन की आवश्यकता है।” 

2015 के आरक्षण आंदोलन में शामिल होने और जमानत पर रिहा होने से पहले 14 महीने जेल में बिताने के लिए देशद्रोह सहित 22 से अधिक मामलों का सामना करने वाले कथिरिया ने कहा, “जितना बड़ा संघर्ष, उतनी बड़ी जीत।” कथिरिया पीएएएस के पूर्व संयोजक हार्दिक पटेल के मित्र हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस में शामिल होकर राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा, जहां उन्होंने इसके कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

हार्दिक पटेल के दोस्त PAAS संयोजक अल्पेश कथिरिया पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हैं। वह हार्दिक पटेल के साथ इस आंदोलन में शामिल हुए थे। हार्दिक पटेल के बाद अल्पेश कथिरिया का चेहरा पाटीदार आरक्षण आंदोलन के मुख्य नेता के रूप में देखा जाने लगा था।

कथिरिया सूरत में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का चेहरा थे और सूरत पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में उन्हें जेल में डाल दिया गया था। वह पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े थे। इससे पहले दिन में कोली समुदाय के प्रमुख नेता राजू सोलंकी और उनके बेटे ब्रजराज सोलंकी भावनगर शहर में केजरीवाल की मौजूदगी में आप में शामिल हो गए। चुनाव आयोग इस सप्ताह 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। 

2017 में पाटीदार आंदोलन के चलते बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ था। पार्टी को राज्य में महज 99 सीटें मिली थीं। अल्पेश कथिरिया को दक्षिण गुजरात में पाटीदारों का मजबूत नेता माना जाता है। इससे पहले अल्पेश की बीजेपी के साथ बैठक हुई थी लेकिन बात नहीं बनी। बताया जा रहा है कि अब आप में शामिल होने के बाद उन्हें अरविंद केजरीवाल पार्टी से उम्मीदवार भी बना सकते हैं।

वहीं धार्मिक मालवीय का चेहरा भी पाटीदार आंदोलन से ही उभरा था। सूरत नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने धार्मिक मालवीय को लास्ट मौके पर उनके साथी संजयभाई की पत्नी को टिकट नहीं दिया था। वह नाचते गाते नामांकन तक के लिए पहुंच गए थे लेकिन जब टिकट न मिलने की बात पता चली तो कांग्रेस से खफा हो गए और बाद में कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।

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