नई दिल्ली। टेस्ला के CEO एलन मस्क सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के नए मालिक बन गए हैं। एलन मस्क ने इस साल 13 अप्रैल को ट्विटर खरीदने का ऐलान किया था। एलन मस्क द्वारा ट्विटर का अधिग्रहण के बाद भारत का भी बयान सामने आया है। आईटी व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने समाचार एजेंसी रायटर्स से कहा कि देश को उम्मीद है कि ट्विटर भारत में नए आईटी नियमों का पालन करेगा।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर का मालिक बदलने की परवाह नहीं है। प्लेटफार्म के मालिक के हिसाब से कानून नहीं बदलने वाले हैं। भारत में आपना कानून है, यहां सभी को कानून का पालन करना पड़ेगा। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री से एक्ट्रेस कंगना रनौत समेत कुछ भारतीयों के ट्विटर अकाउंट बैन को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि जल्द ही नया आईटी नियम लाया जाएगा, जो कि हर किसी पर लागू होगा।
बता दें कि 13 अप्रैल 2022 को एलन मास्क ने उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 54.2 डालर प्रति शेयर के रेट से 44 अरब डालर में खरीदने का आफर दिया था। लेकिन तब स्पैम और फेक अकाउंट्स की वजह से उन्होंने उस डील को ही होल्ड पर रख दिया था। इसके बाद 8 जुलाई को मस्क ने डील तोड़ने का फैसला किया। इसके खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का रुख किया था। लेकिन फिर अक्टूबर महीने की शुरुआत में मस्क ने अपना रुख बदला और फिर से डील को पूरी करने के लिए तैयार हो गए। इसी बीच डेलावेयर कोर्ट ने 28 अक्टूबर तक डील पूरी करने का आदेश दिया था। एलन मस्क ने एक दिन पहले ही ट्विटर के दफ्तर में पहुंचकर सभी को चौंका दिया था।
गौरतलब है कि पिछले साल मई में कंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट नियमों का उल्लंघन करने की वजह से स्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया गया था। कंगना ने आज इंस्टाग्राम स्टोरीज पर यूजर का पोस्ट शेयर किया। कंगना ने एक न्यूज आर्टिकल की हेडलाइन भी शेयर की जिसमें लिखा है, एलन मस्क ने ट्विटर का चार्ज लिया और सीईओ पराग अग्रवाल सहित उच्च पदों पर बैठे दूसरे लोगों को हटा दिया। आगे कंगना ने ताली बजाने वाला इमोजी शेयर किया है।
बता दें कि जुलाई में भारत सरकार ने ट्विटर को कुछ आपत्तिजनक सामाग्री हटाने के लिए कहा था, इसे लेकर मामला कोर्ट में गया था। कोर्ट में ट्विटर के अधिकारी ने कुछ सामाग्री हटाने पर सहमत भी हुए थे। पिछले दो वर्षों में भारत सरकार ने ट्विटर से स्वतंत्र सिख राज्य बनाने, किसानों के विरोध के बारे में गलत सूचना फैलाने, COVID-19 महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को गलत अर्थों में फैलाने जैसे तथ्यों को हटाने का अनुरोध किया था।