खराब सड़क के कारण घातक दुर्घटनाओं के लिए अधिकारी होंगे जिम्मेदार, सेफ्टी ऑडिट की दी जाएगी ट्रेनिंग -NHI

>Dसडकों में गड्ढे और उसके कारण होने वाली जनहानि के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने योजना तैयार कर ली है। NHAI खराब सड़क के चलते होने वाली घातक या गंभीर दुर्घटनाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएगा। अथॉरिटी ने सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में शामिल NHI प्रतिनिधियों की लापरवाही पर गंभीरता से विचार किया है। इस अनदेखी के कारण ही यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। NHI की ओर से जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गई है। सर्कुलर में कहा गया है, 'यह ध्यान में आया है कि रोड मार्किंग, रोड साइनेज, क्रैश बैरियर जैसे सुरक्षा कार्यों को पंच सूची में रखकर सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है, बल्कि दुर्घटना/मौत होने पर एनएचएआई का नाम भी खराब होता है।' मालूम हो कि लंबित कार्यों को एक श्रेणी के तहत रखा जाता है, जिसे पंच सूची कहा जाता है। 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर में हो रहे सड़क हादसों को लेकर बड़ी जानकारी दिए हुए कहा था कि केंद्र सरकार सड़क हादसों को रोकने के लिए लगातार काम कर रही है। नितिन गडकरी ने कहा है कि इस समय पर सेफ्टी सबसे जरूरी है। देशभर में हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार की ओर से खास प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि हादसों को रोकने के लिए उनका कारण जान कर उसको दुरुस्त करना जरूरी होगा। देशभर में हो रहे हादसों को कम करने के लिए परिवहन मंत्रियों को एकसाथ मिलकर काम करना होगा। गडकरी ने बताया था कि इसे योजना से साल 2024 तक करीब 50 फीसदी तक सड़क हादसों में कमी आएगी। 'सर्टिफिकेट जारी करने से पहले जांच जरूरी' एनएचएआई ने कहा, 'यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी काम पूरे हैं। घटिया सड़क इंजीनियरिंग कार्यों के चलते हुई किसी भी घातक सड़क दुर्घटना के लिए क्षेत्रीय अधिकारी/परियोजना निदेशक/स्वतंत्र इंजीनियर जिम्मेदार होंगे।'

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नई दिल्ली। सडकों में गड्ढे और उसके कारण होने वाली जनहानि के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने योजना तैयार कर ली है।
NHAI खराब सड़क के चलते होने वाली घातक या गंभीर दुर्घटनाओं के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएगा। अथॉरिटी ने सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में शामिल NHI प्रतिनिधियों की लापरवाही पर गंभीरता से विचार किया है। इस अनदेखी के कारण ही यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। NHI की ओर से जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गई है।

सर्कुलर में कहा गया है, ‘यह ध्यान में आया है कि रोड मार्किंग, रोड साइनेज, क्रैश बैरियर जैसे सुरक्षा कार्यों को पंच सूची में रखकर सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है, बल्कि दुर्घटना/मौत होने पर एनएचएआई का नाम भी खराब होता है।’ मालूम हो कि लंबित कार्यों को एक श्रेणी के तहत रखा जाता है, जिसे पंच सूची कहा जाता है।

9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर में हो रहे सड़क हादसों को लेकर बड़ी जानकारी दिए हुए कहा था कि केंद्र सरकार सड़क हादसों को रोकने के लिए लगातार काम कर रही है। नितिन गडकरी ने कहा है कि इस समय पर सेफ्टी सबसे जरूरी है। देशभर में हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार की ओर से खास प्लान बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि हादसों को रोकने के लिए उनका कारण जान कर उसको दुरुस्त करना जरूरी होगा। देशभर में हो रहे हादसों को कम करने के लिए परिवहन मंत्रियों को एकसाथ मिलकर काम करना होगा। गडकरी ने बताया था कि इसे योजना से साल 2024 तक करीब 50 फीसदी तक सड़क हादसों में कमी आएगी।

‘सर्टिफिकेट जारी करने से पहले जांच जरूरी’
एनएचएआई ने कहा, ‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी काम पूरे हैं। घटिया सड़क इंजीनियरिंग कार्यों के चलते हुई किसी भी घातक सड़क दुर्घटना के लिए क्षेत्रीय अधिकारी/परियोजना निदेशक/स्वतंत्र इंजीनियर जिम्मेदार होंगे।’

2017-20 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 4.46 लाख मौतें
सरकार की ओर से संसद में यह जानकारी दी गई कि देश में वर्ष 2017 से 2020 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 4.46 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी थी। इसके अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2017 में 1,47,913 लोगों की मौत हुई। इसी तरह वर्ष 2018 में 1,51,417, वर्ष 2019 में 1,51,113 और 2020 में 1,31,714 लोगों की मौत हुई।

पंच सूची को लेकर बरती जाएगी सख्ती
अथॉरिटी ने कहा कि पंच सूची में वही कार्य शामिल करने चाहिए, जो सड़क सुरक्षा से संबंधित नहीं हैं। इस सूची के कार्यों को 30 दिनों के भीतर पूरा करना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले नितिन गडकरी ने कहा था कि कंसल्टेंट की ओर से तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) में गलतियां सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं। उन्होंने कहा कि DPR तैयार करने में कहीं अधिक सावधानी और कई गुना बदलाव लाने की जरूरत है।

सेफ्टी ऑडिट की होगी ट्रेनिंग
उन्‍होंने कहां कि मंत्रालय इंजीनियरिंग के छात्रों को सेफ्टी ऑडिट की ट्रेनिंग देगा। बेंगलुरू में सड़क परिवहन मंत्रालय का दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम चल रहा है। गडकरी ने बेंगलुरू में परिवहन मंत्रालय के कार्यक्रम मंथन को संबोधित करते हुए इस बारे में जानकारी दी है।

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