-जुलाई 2013 में राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंदर सिंह ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति 100 करोड़ रुपए में राज्यसभा का सदस्य बन सकता है
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक अरब तक की राशि में राज्य सभा की सीट दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि सीबीआई ने धनराशि के आदान-प्रदान के ठीक पहले एक आरोपी को पकड़ लिया।
मीडिया में मामले के जानकार लोगों के हवाले से यह खबर दी गई है। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने पैसे के लेन-देन से ठीक पहले आरोपी को पकड़ लिया। इतना ही नहीं, आरोपी ने 100 करोड़ रुपये के बदले राज्यपाल बनाने की भी पेशकश की थी।
जांच से जुड़े लोगों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि CBI की ओर से पिछले कुछ हफ्तों से एक फोन को इंटरसेप्ट कर एक कॉल सुना जा रहा था। मामले को लेकर कुछ आरोपियों पर केस किया गया है, इसमें महाराष्ट्र के करमलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के निवासी रवींद्र विट्ठल नाइक, निवासी, दिल्ली के निवासी महेंद्र पाल अरोड़ा और अभिषेक बूरा, निवासी और अन्य अज्ञात लोग शामिल हैं।
CBI ने चार से ज्यादा लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया है। इनमें से कुछ की पहचान महाराष्ट्र निवासी कमलाकर प्रेमकुमार बांदगर, कर्नाटक निवासी रवींद्र विट्ठल नाइक, दिल्ली निवासी महेंद्र पाल अरोड़ा और अभिषेक बूरा के रूप में हुई है।
CBI की पहली एफआईआर में इस बात का विस्तृत जिक्र है कि किसी तरह से रैकेट ने राज्यसभा की सीट का प्रलोभन देकर लोगों से 100 करोड़ रुपये तक भी ठगी की। बंदगर ने खुद को सीनियर CBI अफसर के रूप में पेश करते हुए मोहम्मद एजाज खान सहित अन्य आरोपियों से किसी भी तरह का काम लाने को कहा था ताकि वे बड़ी राशि में सौदा तय कर सकें। सीबीआई की FIR के अनुसार, बंदगर, अरोरा, एजाज खान और रवींद्र विट्ठल नाइक सीधे तौर पर या बिचौलिये अभिषेक बूरा के जरिये आने वाले ‘क्लाइंट्स’ को प्रभावित करने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनीतिक पदाधिकारियों के नाम का भी उपयोग करते थे।
FIR के मुताबिक, सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरोपी वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनीतिक पदाधिकारियों के नाम का इस्तेमाल करेंगे ताकि किसी काम के लिए उनसे संपर्क करने वाले ग्राहकों को सीधे या फिर अभिषेक बूरा जैसे बिचौलिए के माध्यम से प्रभावित किया जा सके। यह भी पता चला है कि बंदगर ने खुद को CBI के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश किया था और विभिन्न पुलिस थानों के अधिकारियों से अपने परिचित लोगों का काम कराने को कहा था और विभिन्न मामलों की जांच को प्रभावित करने की कोशिश भी की थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि लोगों को झूठा आश्वासन देकर धोखा देने के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। ये लोग राज्यसभा में सीटों की व्यवस्था करने, राज्यपाल बनाने या फिर सरकारी संगठनों, मंत्रालयों और विभागों के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति कराने तक वादा करते थे। इसके बदले करोड़ों रुपये की मांग की जाती थी।
राज्यसभा की एक सीट पाने के लिए 100 करोड़ रुपए की जरुरत है
मुख्यमंत्री भुपिंदर सिंह हुड्डा के धुर विरोधी हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंदर सिंह ने जुलाई 2013 में कहा था कि कोई भी व्यक्ति 100 करोड़ रुपए में राज्यसभा का सदस्य बन सकता है। कांग्रेस सांसद बीरेंदर सिंह ने उस कार्यक्रम में कहा था कि एक बार उनसे एक व्यक्ति ने कहा था कि राज्यसभा की एक सीट पाने के लिए 100 करोड़ रुपए की जरुरत है। लेकिन उन्होंने बताया था कि वह 80 करोड़ में ही राज्य सभा की सीट पा गए। इस तरह उनके 20 करोड़ बच गए।
उनके इस दावे से राजनीतिक गलियारों में विवाद खडा़ हो गया था। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस पर देश की राजनीति को निम्न स्तर पर पहुंचाने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में चौधरी बीरेंद्र सिंह अपने बयान से पलट गए और उन्होंने अपने बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था।
इस पर कांग्रेस सांसद ने सवाल किया कि जो लोग पैसे देकर राज्य सभा का सांसद बनना चाहते हैं क्या वो गरीबों के हितों के बारे में सोचेंगे।उनके बयान के बाद से भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद प्रकाश जावडेकर ने कहा कि बीरेंदर सिंह ने जरूर अपना उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निम्न स्तर की राजनीति कर रही है।