कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कैबिनेट मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि पार्थ चटर्जी को दूसरे हॉस्पिटल में क्यों ट्रांसफर किया गया। इसके साथ-साथ ED ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में पार्थ चटर्जी किसी डॉन की तरह बर्ताव कर रहे हैं और वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे।
मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को SSC घोटाला मामले में आज कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें एक दिन की ED हिरासत में भेजा है। सोमवार को उन्हें स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। ED ने यह भी अपील की है कि अस्पताल में भर्ती होने के दौरान समय को कस्टडी न माना जाए। अगर उन्हें इलाज की जरूरत होगी तो दिल्ली के अच्छे अस्पताल या फिर AIIMS कल्याणी में भर्ती कराया जाएगा।
बता दें कि ईडी की छापेमारी में अर्पित मुखर्जी के घर से 21 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी। इसके अलावा उनके घर से कई मोबाइल फोन भी मिले थे। आज अर्पिता को कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया था। अदालत ले जाने से पहले उनका मेडिकल टेस्ट करवाया गया था।
इस मामले में ED ने कैबनेट मंत्री पार्थ चटर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया। अब केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं। TMC ने बयान जारी कर कहा है कि अगर पार्थ दोषी पाए जाते हैं तो पार्टी कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करेगी और उनके खिलाफ ऐक्शन लेगी। वहीं ईडी का आरोप है कि पार्थ हिरासत के दौरान पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ED का कहना है कि पार्थ को दूसरे अस्पताल में क्यों भर्ती करवाया गया।
दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर करने को लेकर ED ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका फाइल की है। ED ने कोर्ट में कहा है कि इलाज के दिनों को कस्टडी में न गिना जाए। अगर चाहें तो पार्थ को इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। ED का कहना है कि अस्पताल में पार्थ किसी डॉन की तरह बर्ताव कर रहे हैं और वह अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं।