पुलिस ने इनके कब्जे से वाहन की तलाश के दौरान सेंसर किट, मैग्नेट, एलएनटी चाबियां और रिमोट से चलने वाली आठ चाबियां व सात कारें बरामद की है। एक आरोपी बरेली यूपी में कम्प्यूटरीकृत चाबी बनाने की दुकान चलाता है।
नई दिल्ली । दिल्ली में मध्य जिला की वाहन चोरी निरोधक शाखा ने तीन माह में डेढ़ सौ से अधिक वाहनों की चोरी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। हॉलीवुड फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ से प्रेरित होकर 40 आलीशान कारें चुराने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद यह जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पहचान दिल्ली के उत्तम नगर के निवासियों मनीष राव (42), जगदीप शर्मा (43) और उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले आस मोहम्मद (40) के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी. ने बताया कि राव और शर्मा को चोरी की कार का सौदा करते समय गिरफ्तार किया गया।
कार को दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके से चुराया गया था। पुलिस ने इनके कब्जे से वाहन की तलाश के दौरान सेंसर किट, मैग्नेट, एलएनटी चाबियां और रिमोट से चलने वाली आठ चाबियां व सात कारें बरामद की है। एक आरोपी बरेली यूपी में कम्प्यूटरीकृत चाबी बनाने की दुकान चलाता है। पुलिस ने कहा कि चोरी की कारों के मुख्य आपूर्तिकर्ता मोहम्मद को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वह राजस्थान में इन कारों को बेचा करता था।
जिला पुलिस उपायुक्त श्वेता चौहान ने बताया कि गिरफ्तार वाहन चोरों की पहचान गीता कालोनी निवासी हेमंत और बरेली यूपी निवासी बलवंत सिंह के रूप में हुई है। वहीं खरीदार की पहचान बदायूं यूपी निवासी प्रवेश कुमार के रूप में हुई है। जिले की वाहन चोरी निरोधक शाखा एसआई संदीप गोदारा के नेतृत्व में वाहन चोरी करने वाले बदमाशों पर निगरानी रख रही थी। पुलिस टीम वारदात वाली जगह से कब्जे में लिए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की। फुटेज और डोजियर की जांच के बाद पुलिस को पता चला कि बदमाश गीता कालोनी इलाके में रहते हैं। तकनीकी जांच और कुछ दिनों तक गीता कालोनी और राजेंद्र नगर में डेरा डालने के बाद बदमाशों की पहचान कर ली।
27 अप्रैल की रात पुलिस ने एक आई20 कार का 120 किलोमीटर तक पीछा कर दो बदमाशों को दबोच लिया। उनके कब्जे से पुलिस ने राजौरी गार्डन से चुराई गई आई20 कार बरामद कर ली। दोनों बदमाशों की पहचान हेमंत और बलवंत के रूप में हुई। पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि पिछले तीन महीनों में दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न हिस्सों से लगभग डेढ़ सौ कारें चुराई हैं। वाहनों की चोरी करने के बाद इसे बदायूं निवासी प्रवेश कुमार को बेच देते थे।
बदमाशों ने बताया कि कार चोरी करने के लिए वह प्रोग्रामिंग टूल का इस्तेमाल करते थे। पुलिस उनके निशानदेही पर प्रवेश को बदायूं से गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से छह कारें बरामद कर ली। जांच के बाद पुलिस ने बताया हेमंत 2009 में हत्या के मामले में गिरफ्तार हुआ था। जेल में उसकी मुलाकात अन्य बदमाशों से हुई। जेल से छूटने के बाद उसने कारों को चुराना शुरू कर दिया। वहीं बलवंत सिंह कार की चाबी बनाने का काम करता है। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण वह गलत संगत में आकर वाहन चोरी करने लगा। प्रवेश अमीर आदमी बनना चाहता था। इसलिए गलत संगत में आकर चोरी का वाहन खरीदने लगा।
डीसीपी ने कहा कि आरोपी हॉलीवुड फिल्म ‘द फास्ट एंड द फ्यूरियस’ से प्रेरित थे और जीपीएस को निष्क्रिय कर चंद मिनटों में कार के दरवाजे खोल देते थे।