यूक्रेन में करीब 16,000 भारतीय नागरिकों को अब भी सुरक्षित वापस लाना देश के लिए बड़ी चुनौती, -विदेश मंत्रालय

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नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से आज फोन पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच हो रही हिंसा को तुरंत बंद करने की अपील की है। शुक्रवार को रूस के हमले के बाद से लगातार यूक्रेन के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाना देश के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसी बीच आज भारत सरकार ने ताजा जानकारी देते हुए कहा कि यूक्रेन में अभी भी करीब 16 हजार भारतीय हैं और इन्हें निकालने के लिए सरकार योजना बना रही है। बता दें कि यूक्रेन संकट पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया की मदद से लोगों को निकालने की योजना बना रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी कुछ ही देर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे। वही, विदेश मंत्री एस जयशंकर इन देशों के समकक्षों के साथ लोगों को निकालने में मदद करने के लिए बात करेंगे।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं। दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं। यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे।
विदेश सचिव ने कहा कि यूक्रेन के चारों पड़ोसी देशों के रास्ते जमीनी मार्ग से भारतीय नागरिकों को निकाला जाएगा। इसके लिए विदेश मंत्रालय में रूसी भाषा बोलने वाले अधिकारियों की चार टीमों को भेजा गया है जो हंगरी, पोलैंड, स्लोवाक गणराज्य एवं रोमानिया में स्थित भारतीय मिशनों में तैनात अधिकारियों के साथ मिल कर काम करेंगे। एक सवाल के जवाब में श्री श्रृंगला ने यूक्रेन में फंसे छात्रों के माता पिता से अपील में कहा कि हम भारतीय छात्रों के संपर्क में हैं और उन्हें सुरक्षित निकालने की तैयारी की जा रही है।

भारतीय नागरिकों को निकालने में देरी के एक सवाल पर श्री श्रृंगला ने कहा कि भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी से ही एडवायजरी जारी करनी शुरू कर दी थी और सभी भारतीयों से जरूरी नहीं होने पर तुरंत देश छोड़ने को कहा था। यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय नागरिक थे जिनमें से करीब चार हजार वापस लौट चुके हैं। लेकिन छात्रों ने पढ़ाई के नुकसान के डर से रुकने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास ने शक्षिण संस्थानों एवं वश्विवद्यिालयों से ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का अनुरोध किया है ताकि भारतीय छात्रों की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय में यूक्रेन के संकट को लेकर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसमें करीब 20 अधिकारी तैनात हैं और चौबीसों घंटे काम करने वाले इस कंट्रोल रूम में अब तक 980 कॉल और 850 ईमेल प्राप्त हुए हैं और उनका नस्तिारण किया गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है और अगर जरूरी हुआ तो भारतीय वायुसेना के विमानों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन रूस एवं अमेरिका सहित सभी पक्षों से संयंम बरतने एवं कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान खोजने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस बारे में एक प्रस्ताव लाया जा रहा है। प्रस्ताव के प्रारूप को अंतिम रूप जा रहा है।

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