माइक्रोसॉफ्ट की दिक्कत दूर होने में लगेंगे 5 से 10 घंटे

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नई दिल्ली (एजेंसी) माइक्रोसॉफ्ट 365 के ऑफिशियल एक्स हैंडल से कहा गया, “हमने अपनी मिटिगेशन एक्शन पूरा कर लिया है और हमारी टेलीमेट्री से पता चलता है कि पहले प्रभावित सभी Microsoft 365 ऐप और सेवाएं ठीक हो गई हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी की अवधि में प्रवेश कर रहे हैं कि प्रभाव पूरी तरह से हल हो गया है।”

इस समस्या के कारण 74% यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन करने में दिक्कत आ रही है। 26% यूजर्स को ऐप में प्रॉब्लम आ रही है।जर्मनी में बैंकिंग, टेलीकॉम, मीडिया आउटलेट और एयरलाइंस की सेवाएं प्रभावित चल रही हैं। दुबई एयरपोर्ट पर भी इसका असर दिख रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर के डाउन होने का असर लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर भी पड़ा है। नीदरलैंड्स की हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं।
दुनिया भर में इन सेवाओं पर सबसे ज्यादा असर हुआ है।

एयरपोर्ट
रेलवे
बैंकिंग
स्टॉक एक्सचेंज
टीवी चैनल्स
ऑनलाइन स्टोर
हॉस्पिटल
IT सेक्टर

इन देशों में एयरलाइंस पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है

अमेरिका
ब्रिटेन
सिंगापुर
फ्रांस
ऑस्ट्रेलिया
न्यूजीलैंड

दिक्कत दूर होने में लग सकते हैं 5-10 घंटे
सूत्रों की मानें तो माइक्रोसॉफ्ट जिस सॉफ्टवेयर फाल्कन का इस्तेमाल करता है उसमे एक अपडेट आया था। अपडेट करते ही फाल्कन जहां-जहां इस्तेमाल किया जाता था, सभी जगह दिक्कतें आई हैं। इसे ठीक होने में करीब 5 से 10 घंटे लग सकते हैं। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “यह अभूतपूर्व और वैश्विक आक्रोश है, मैंने पिछले 30 सालों में ऐसा आक्रोश कभी नहीं देखा।”

माइक्रोसॉफ्ट की यात्रा

दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट से हर वह यूजर वाकिफ है, जो कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करता है। आज से लगभग 50 साल पहले शुरू हुई माइक्रोसॉफ्ट की यात्रा में कई अहम पड़ाव आए। बहुत कम लोगों को पता होगा माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज मोबाइल नाम से अपना मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया।
बात आज से लगभग 50 साल पुरानी है, बिल गेट्स और पॉल एलन के जेहन में माइक्रोसॉफ्ट शुरू करने की कहानियां पनप रही थीं। 4 अप्रैल 1975 वह दिन था जब माइक्रोसॉफ्ट की शुरुआत हुई। चार साल तक कंपनी उसी स्थान पर काम करती रही जहां उसकी नींव पड़ी, लेकिन फिर वक्त बदला और कंपनी की जगह भी बदल गई। 1979 में माइक्रोसॉफ्ट न्यू मैक्सिको से वॉशिंगटन स्टेट में शिफ्ट हुई और यहां से उसके फलने-फूलने का असली सफर शुरू हुआ। जाहिर तौर पर इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि उसे यहीं से बड़ी मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के तौर पर पहचान मिली।

1995 में ब्राउजर लॉन्च किया

माइक्रोसॉफ्ट ने 1995 में इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउजर लॉन्च किया। इसके बाद ऑपरेटिंग सिस्टम का कारोबार 1996-98 के दौरान लगभग चार गुना बढ़कर 261 बिलियन डॉलर हो गया था, जिसने बिल गेट्स को दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया। इसके तुरंत बाद बिल गेट्स ने स्टीव बाल्मर को सीईओ बनाया। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक लंबी यात्रा तय की।

2003 में एपल द्वारा अपना आईफोन लॉन्च करने से बहुत पहले माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज मोबाइल नाम से अपना मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया था, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। माइक्रोसॉफ्ट के इस ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर ज्यादा तरजीह नहीं दी गई। दूसरी तरफ एपल के उस वक्त के सीईओ स्टीव जॉब्स ने अलग सोचा और अपने मोबाइल लॉन्च किए। इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट ने दूसरी सर्विस भी लॉन्च की, जिनमें Windows Vista, Windows 7, Bing, Xbox360, Microsoft Surface, Microsoft Outlook और Microsoft Azure शामिल रहे।

माइक्रोसॉफ्ट के बारे में
स्थापना- 4 अप्रैल 1975

फाउंडर- बिल गेट्स, पॉल एलन

मुख्यालय- संयुक्त राज्य अमेरिका

सीईओ- सत्य नडेला (2014 से अब तक )

सहायक कंपनियां- एक्सबॉक्स गेम्स स्टूडिया, इंसेबल स्टूडियोज, गिटहब, लिंक्डइन

सीईओ- सत्य नडेला (2014 से अब तक )

1995 में इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउजर लॉन्च किया।

2016 में 26.2 बिलियन डॉलर में लिंक्डइन खरीदा।

सत्य नडेला को बनाया CEO
साल 2014 में माइक्रोसॉफ्ट अपने टॉप मैनेजमेंट में अहम बदलाव करने की ओर अपने कदम बढ़ाए और सत्य नडेला को CEO की जिम्मेदारी दी। इसके बाद कंपनी ने गेमिंग कंपनी Mojang Studios का अधिग्रहण किया। इसके कुछ ही समय बाद कंपनी ने GitHub प्रोग्रामिंग प्लेटफॉर्म और LinkedIn नामक सोशल नेटवर्क को भी खरीद लिया।

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