-पहले भी कर चुके हैं आत्माओं से छुटकारा दिलाने का दावा किया था
नई दिल्ली। देश में उच्च शिक्षित लोग मानसिक संतुलन तेजी से खो रहे हैं। उनकी शिक्षा और व्यवहार में कोई तालमेल नहीं दिखाई दे रहा है। कई वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों के बयान सामाजिक भविष्य को चिंता में डाल रखा है। आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के डायरेक्टर लक्ष्मीधर बेहरा ने दावा किया कि मांस खाने से भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने छात्रों से मांस नहीं खाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उनके इस बयान से विवाद पैदा हो गया है।
बेहरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अगर हम ऐसा करते रहे तो हिमाचल प्रदेश में और गिरावट आएगी… आप वहां जानवरों को मार रहे हैं…निर्दोष जानवरों को. इसका पर्यावरण के क्षरण के साथ ही सहजीवी संबंध भी है…जिसे आप अभी नहीं देख सकते लेकिन ऐसा है।” बेहरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है। बेहरा ने कहा, ‘बार-बार भूस्खलन, बादल फटना और कई अन्य चीजें हो रही हैं, ये सभी पशुओं पर क्रूरता का प्रभाव है…लोग मांस खाते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अच्छे इंसान बनने के लिए, आपको क्या करना चाहिए। मांस खाना बंद करें।” उन्होंने छात्रों से मांस नहीं खाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। इंटरनेट का उपयोग करने वाले कुछ लोगों ने उनके बयान की आलोचना की। इस विवाद पर बेहरा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
उद्यमी और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र संदीप मनुधने ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘गिरावट पूरी हो गई है। 70 वर्षों में जो कुछ भी बनाया गया था, ऐसे अंधविश्वासी मूर्ख उसे नष्ट कर देंगे।’ बायोफिजिक्स के प्रोफेसर गौतम मेनन ने बेहरा के बयान को बेहद दुखद बताया। यह पहली बार नहीं है जब बेहरा की टिप्पणियों ने विवाद खड़ा किया है। पिछले साल, वह उस समय सुर्खियों में थे, जब उन्होंने दावा किया था कि मंत्रों का जाप कर उन्होंने अपने एक दोस्त और उसके परिवार को बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाया था।