यरुशलम (एजेंसी)। गाजा और इजरायल के बीच युद्ध जारी है। आज गाजा पर इजरायली हमले के 100 दिन पूरे हो गए। इस बीच शनिवार को जारी रहे हवाई और जमीनी हमलों में 135 लोग मारे गए और 312 घायल हुए। 100 दिनों में मरने वालों की कुल संख्या 24 हजार का आंकड़ा छू गई है, लेकिन इनमें मारे गए लड़ाके सिर्फ 8 हजार हैं, बाकी के आमजन हैं। इन आमजनों में 80 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। करीब दस हजार लोग लापता हैं जिनमें से तमाम के बमबारी से ध्वस्त हुए भवनों के नीचे दबे होने का अंदेशा है। गाजा की 23 लाख की आबादी में से करीब 19 लाख लोग बेघर हो गए हैं।
शनिवार को रफाह में 2 शरणार्थी परिवारों पर हुए हवाई हमलों में 10 लोग मारे गए। ये शरणार्थी परिवार कुछ हफ्ते पहले ही जान बचाने के लिए मिस्र की सीमा पर स्थित रफाह शहर आए थे। इनमें से एक परिवार पर तब हवाई हमला हुआ जब वह रात में खाना खाने के लिए बैठा थे। हमले का शिकार हुई एक बच्ची के हाथ में रोटी का टुकड़ा मिला है।
हेलीकॉप्टर से गोलियां बरसा रही इजरायली सेना
दक्षिण के शहर खान यूनिस और मध्य गाजा में भी इजरायली सेना की कार्रवाई जारी है। दोनों जगहों पर दर्जनों लड़ाकों के साथ अन्य लोग भी मारे गए हैं और घायल हुए हैं। हमास ने कहा है कि खान यूनिस में उसके लड़ाकों पर इजरायली सेना हेलीकाप्टरों से भी गोलियां बरसा रही है, जबकि मध्य गाजा के अल-बुरेज, नुसीरत और मेघाजी में हवाई हमलों, टैंकों से गोलाबारी और असाल्ट राइफलों से फायरिंग के जरिये इजरायली सेना हमास के लड़ाकों से लड़ रही है।
कई खूबसूरत शहर अब मलबों के ढेरों में तब्दील
उत्तरी गाजा के बीत लाहिया और दराज इलाकों के 20 ठिकानों पर भी इजरायली हमलों की सूचना है। इजरायल सात अक्टूबर को हमास के हमले में अपने 1,200 नागरिकों के मारे जाने और हजारों के घायल होने के जवाब में यह सैन्य कार्रवाई कर रहा है। उस दिन अगवा किए करीब 130 नागरिक भी अभी हमास के कब्जे में हैं। 99 दिन के युद्ध में हुई इजरायली बमबारी में 23 लाख की आबादी वाले गाजा की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गाजा के 35 अस्पतालों में से सीमित सुविधाओं के साथ केवल 15 अस्पताल कार्य कर रहे हैं। सुविधाएं न होने से इन अस्पतालों में नए मरीजों को कुछ ही घंटे रखकर डिस्चार्ज किया जा रहा है। इसी तरह से युद्ध में गाजा के भवनों-मकानों और अन्य सुविधाओं का भी नुकसान हुआ है। कई खूबसूरत शहर अब मलबों के ढेरों में तब्दील हो गए हैं।