– जल दिवाली’ 3 दिवसीय अभियान, पानी की प्रणाली समझेंगी महिलाएं
नई दिल्ली। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय मंगलवार 7 नवंबर से पूरे देश में जल दिवाली-महिलाओं के लिए पानी और पानी के लिए महिलाएं अभियान चलाएगा। अपनी प्रमुख योजना – अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (एएमआरयूटी) के तहत एक प्रगतिशील पहल “महिलाओं के लिए पानी, पानी के लिए महिलाएं अभियान” को शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस योजना में मंत्रालय के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) की भी भागीदारी है। ओडिशा अर्बन एकेडमी इसकी ‘नॉलेज पार्टनर’ है।
घरेलू जल प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं। महिलाओं को जल उपचार और बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी प्रदान करके महिलाओं को सशक्त बनाकर, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का लक्ष्य उनके घरों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बारे में उनकी क्षमता को बढ़ाना है। इस अभियान का उद्देश्य पारंपरिक रूप से पुरुषों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देकर लैंगिक समानता के मुद्दों को हल करना है।
इस “जल दिवाली” अभियान का जश्न 7 नवंबर, 2023 से शुरू होकर 9 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य देश में पानी की प्रणाली से महिलाओं को जोड़ना है। अभियान के तहत 550 से अधिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में महिलाओं के 15 हजार स्वयं सहायता समूह के दौरे कराए जाएंगे, ताकि वे पानी के प्रति अपनी समझ बढ़ा सकें। यह अभियान अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमृत) के तहत चलाया जाएगा।
महिलाओं के लिए जल, जल के लिए महिलाएं अभियान”, ‘’जल दिवाली” के पहले चरण में राष्ट्रव्यापी रूप से 15,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह महिलाओं की अपेक्षित भागीदारी के साथ सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (आदर्श आचार संहिता के तहत 5 राज्यों को छोड़कर) की भागीदारी रहेगी। इस अभियान के प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं :
महिलाओं को जल उपचार संयंत्रों और जल परीक्षण सुविधाओं की कार्यप्रणाली से परिचित कराना
महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्हों और वस्तुओं के माध्यम से महिलाओं की समावेशिता और भागीदारी को बढ़ावा देना
महिलाओं को अमृत योजना और जल बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी देना और शिक्षित करना। इस अभियान के अपेक्षित परिणामों में जल उपचार के बारे में जागरूकता और जानकारी में वृद्धि करना, स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना, समावेशिता को बढ़ावा देना, स्वयं सहायता समूहों का सशक्तिकरण, सकारात्मक सामुदायिक प्रभाव और भविष्य की पहल के लिए मॉडल शामिल हैं।
पानी की गुणवत्ता परीक्षण के प्रोटोकाल के बारे में जानकारी
वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों के दौरों से महिलाओं को घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने में प्रयुक्त महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को स्पष्ट रूप से देखने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा महिलाओं को पानी की गुणवत्ता परीक्षण के प्रोटोकाल के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी। इस अभियान का व्यापक लक्ष्य जल बुनियादी ढांचे के प्रति महिलाओं में स्वामित्व और अपनेपन की भावना को विकसित करना है। भारत में 3,000 से अधिक जल उपचार संयंत्र हैं, जिनकी निर्मित जल उपचार क्षमता 65,000 एमएलडी से अधिक और परिचालन क्षमता 55,000 एमएलडी से अधिक है। घरेलू जल प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं।