लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी (OBC) आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की इजाजत दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ओबीसी आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है। सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध थी एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर ही सारी कार्यवाही कर ली। उन्होंने कहा कि विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने बिना OBC आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि प्रदेश सरकार दलित, पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है। सरकार बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराएगी। इसके बाद सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के संबंध में एक रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी, जिसके बाद इस मामले को देखने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी। वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले साल दिसंबर में निकाय चुनावों पर राज्य सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया था और OBC के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद पैनल का गठन किया गया था।
इससे पहले यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था। बता दें कि यूपी में 760 नगर निकायों पर चुनाव होने वाले हैं, जिसमें मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद की सीट शामिल है। अब सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद राजनीतिक दल फिर से एक्टिव हो गए हैं, लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की राजनीति में यह चुनाव बड़ा अहम है। जहां बसपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह नगर निकाय चुनाव के लिए अपने सांसदों के साथ बैठक करेगी और आम आदमी पार्टी (AAP) यूपी नगर निकाय चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के तत्काल चुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाते हुए ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गठित आयोग को 31 मार्च के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और सर्वे के बाद नौ मार्च को ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों को सरकार ने 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था। इसी मामले की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट स्वीकार्य करते हुए ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी है।