नई दिल्ली। कुछ कॉर्पोरटे मीडिया समूह पहलवानों के आंदोलन को बर्बाद करने की कोशिश में गलत रिपोर्टिंग कर रहे हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि 7 पीड़ितों में शामिल एकमात्र नागालिग पहलवान की तरफ से अपनी शिकायत वापस ले ली गई है। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से जुड़े यौन शोषण के मामले में मंगलवार को एक बड़ा अपडेट सामने आया। अब उस नाबालिग के पिता ने केस वापस लेने वाली खबर को बिल्कुल गलत बताया है।
दरअसल इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया था कि 17 वर्षीय पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने CRPC की धारा 164 के तहत ताजा बयान दर्ज कराया है। इस बयान का मतलब है कि अब कोर्ट को इस बात का निर्णय लेना है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस को आगे बढ़ाते हुए ट्रायल चलाया जाना चाहिए या नहीं। अखबार के मुताबिक, उसने नाबालिग के पिता से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।
हालांकि अब द प्रिंट न्यूज वेबसाइट के मुताबिक नागालिग पहलवान के पिता ने शिकायत वापस लेने की खबर को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘आरोप वापस लेने की खबर पूरी तरह से फर्जी है। हमनें शिकायत वापस नहीं ली है। जी हां, हमनें लड़ने का निर्णय लिया है, लेकिन कबतक मैं ऐसे ही लड़ता रहूंगा। इस अनुभव ने हमें सिखा दिया है।’
इस मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पहला मामला नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। वहीं दूसरा मुकदमा महिलाओं की अस्मिता के उल्लंघन से जुड़ा है।
बीते सप्ताह ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गए थे। वो अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने गए थे। हालांकि रास्ते में ही उन्हें किसान नेताओं ने रोक दिया था। जिसके बाद सभी पहलवान वापस अपने घर लौट गए थे। इसी बीच जानकारी मिली कि पहलवान गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले हैं। उन्हें न्याय मिलने क अश्वासन दिया गया. पहलवानों का कहना है कि न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।