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भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल गिरा, बिहार सरकार ने दिए जांच के आदेश
-फोर लेन के इस पुल डिजाइन को लेकर पहले से ही सवाल उठे थे – तेजस्वी यादव
पटना। बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा है पुल रविवार को ताश के पत्तों की भरभरा कर गिर गया। 2014 में सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था। पुल के गिरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि पुल के एक पिलर के 30 से अधिक स्लैब गंगा नदी में गिर रहे हैं। बता दें कि इस पुल के निर्माण का जिम्मा एक निजी कंपनी को दिया गया था।
मिल रही जानकारी के अनुसार सुल्तानगंज से खगड़िया के बीच बन रहा यह पुल फोर लेन का था। निर्माणाधीन इस पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। पुल के हिस्से को नदी में गिरता देख घटना स्थल से कुछ दूरी पर खड़े लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने को लेकर बिहार सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। बिहार सरकार की तरफ से जारी एक बयान में गया है कि जांच के दौरान पुल के गिरने के कारणों को पता लगाया जाएगा साथ ही जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले 2022 में भी आंधी आने के कारण इसका ऊपरी हिस्सा गिरा था. उस समय विपक्ष में रहते हुए भी हमनें सवाल उठाया था. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आईआईटी रूड़की को जांच सौंपा गया था जिस रिपोर्ट में कई बात बताई गई जिसके आधार पर कुछ निर्माण को तोड़ा भी गया था. पुल के डिजाइन को लेकर हमलोगों को आशंकाएं थी।
बीजेपी ने की निष्पक्ष जांच की मांग
पुल गिरने को लेकर बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. बीजेपी ने एक बयान जारी करके कहा कि बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा है पुल जिस तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है। इस पुल के गिरने से सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार के भ्रष्टाचार का प्रमाण लेकर सामने आया है। ये कई सवाल पैदा करता है. ये ब्रिज कई वर्षों से बन रहा था और नीतीश कुमार जी का ड्रिम प्रोजेक्ट था, जिसे 2014 में शुरू किया गया था। इसमें लगातार लागत बढ़ाया गया।
पिछले वर्ष भी आंधी आने से ये पुल गिर गया था। इस बार भी बगैर किसी वाहन के चले ही ये ब्रिज गिर गया। इससे ये तो साफ है कि किस प्रकार का घटिया काम, जो भ्रष्टाचार, चोरी और कमीशनखोरी के चलते किया गया है। बिहार में इस तरह के निर्माण का काम कई जगह पर हो रहा है। हम इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। नीतीश कुमार जी को इस हादसे की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।