-‘भारत आने के लिए हसीना ने मांगी थी मंजूरी’, संभावना जताई जा रही है कि भारत सरकार शेख हसीना को लंबे समय तक भी शरण दे सकती है।
-बांग्लादेश के साथ भारत के दशकों से हैं गहरे संबंध, बांग्लादेश में करीब 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं और हम सभी के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। हालांकि, जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए हैं। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। – जयशंकर
नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पिछले 24 घंटों से भारत में हैं। शेख हसीना ने अब तक किसी देश से रहने के लिए शरण नहीं मांगी है। पिछले 15 सालों तक बांग्लादेश की सरकार पर काबिज रहने के बाद सोमवार 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ही वे देश छोड़कर भारत पहुंचीं हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देश को लेकर संसद में बयान दिया है। बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारी समझ यह है कि सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक के बाद शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है। बहुत कम समय में उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी मांगी। वे कल शाम दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी देश में जारी हिंसा और अस्थिरता के बारे में सभी राजनीतिक दलों की चिंता है।
भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में है विदेश मंत्रालय
उन्होंने आगे कहा कि हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में करीब 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र हैं और हम सभी के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। हालांकि, जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए हैं। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत के दशकों से गहरे संबंध हैं और वहां के हालात से यहां भी चिंता उत्पन्न हुई है। बांग्लादेश में जून से ही हालात बिगड़ने शुरू हुए और यह सिलसिला अब तक जारी है और उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी हालात नहीं बदले। उन्होंने कहा कि जो कुछ पड़ोसी देश में हुआ, उसका एक सूत्री एजेंडा यह था कि प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दे दें।
पड़ोसी देश में जारी हिंसा को लेकर भारत चिंतित
जयशंकर ने कहा कि पांच अगस्त को कर्फ्यू के बाद भी वहां दंगे हुए। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी और उनका अनुरोध स्वीकार कर उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई। विदेश मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में अभी भी अस्थिर हालात हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निरंतर संपर्क में है।
जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश में एक अनुमान के अनुसार 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें 9,000 छात्र हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई में अधिकतर छात्र भारत लौट आए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा एवं अस्थिरता को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने चिंता जताई है।
विदेश मंत्री ने कहा कि जनवरी 2024 में चुनाव के बाद से ही बांग्लादेश की राजनीति में काफी तनाव देखने को मिला। इसके कारण इस साल जून में शुरू हुए छात्र आंदोलन को और बढ़ावा मिला। सार्वजनिक भवनों और बुनियादी ढांचे पर हमलों के साथ-साथ यातायात और रेल अवरोधों सहित हिंसा बढ़ रही थी। हालांकि, हमने बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और आग्रह किया कि बातचीत के माध्यम से स्थिति को शांत किया जाए।
संभावना जताई जा रही है कि भारत सरकार शेख हसीना को लंबे समय तक भी शरण दे सकती है। हालांकि, अभी तक भारत सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों ने बताया कि भारत सरकार 77 वर्षीय अवामी लीग प्रमुख हसीना के लिए एक यूरोपीय देश में शरण सुनिश्चित करने पर काम कर रही है, मगर उनकी यात्रा कुछ ‘दिक्कतें’ आ जाने के कारण अड़चन में फंस गई है। ऐसे में अगले कुछ दिनों तक उनके भारत से बाहर जाने की संभावना नहीं है।
भारत की जिम्मेदारी है शेख हसीना की सिक्योरिटी
सूत्रों का कहना है कि “वायुसेना और सुरक्षा एजेंसियों ने शेख हसीना के प्रवास के लिए संभावित लंबे समय तक भारत में रुकने की व्यवस्था पर विचार करते हुए हिंडन एयर बेस से लेकर दिल्ली के सफदरजंग और पालम हवाई अड्डों तक स्पेशल अभ्यास कर रही है। इसको लेकर ड्रिल भी की गई है। इस बीच, सूत्रों ने यह भी बताया कि शेख हसीना की आंतरिक सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के कमांडो तैनात किए गए हैं। जबकि, वायुसेना के गरुड़ कमांडो हिंडन एयरबेस पर बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।