Operation Sindoor : भारतीय सांसद दुनिया को बताएंगे अपना पक्ष

अमेरिकी राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद दुनियाभर में मोदी सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। अब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के सांसद दुनिया को ब्रीफ करेंगे

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DrashtaNews

– केंद्र सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 या 23 मई से 10 दिनों के लिए विदेश दौरे पर भेज रही है। ये सांसद अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे और वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे।

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर के जरिये आतंक का सफाया करना शुरू कर दिया था। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्तक्षेप के बाद भारत और पकिस्तान ने सीजफायर कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद दुनियाभर में मोदी सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। अब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के सांसद दुनिया को ब्रीफ करेंगे। केंद्र सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 या 23 मई से 10 दिनों के लिए विदेश दौरे पर भेज रही है। ये सांसद अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे। वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे।

पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर कड़ा संदेश दिया। इस निर्णायक कार्रवाई के लिए न सिर्फ जनता का बल्कि विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिला। विचारधाराएं भले अलग हों, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और आतंक के खिलाफ एकजुटता की आई, तो पूरा राजनीतिक नेतृत्व एक सुर में खड़ा नजर आया। अब भारत की यही राजनीतिक एकता दुनियाभर में दिखाई देने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को 8 अलग-अलग देशों में भेजा जाएगा। इस प्रयास की अगुवाई संसदीय कार्य मंत्रालय कर रहा है, जो विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत की डिप्लोमेसी स्ट्राइक
पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब डिप्लोमेसी स्ट्राइक करने जा रहा है। इसके तहत भारतीय सांसद दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान की हकीकत से उन्हें अवगत कराएंगे। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर पर वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखेंगे। केंद्र सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 या 23 मई से 10 दिनों के लिए विदेश दौरे पर भेज रही है। ये सांसद अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे और वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे। संसदीय कार्य मंत्रालय ने इस संबंध में सभी दलों से बातचीत शुरू कर दी है। कांग्रेस ने इस पहल में भागीदारी का ऐलान किया है।

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कौन-कौन सांसद होंगे शामिल?
सूत्रों के मुताबिक विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में करीब 43-45 सांसदों का नाम शामिल होगा।अगले हफ्ते ये प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएगा। 22 मई के बाद सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर जाना शुरू होगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में सांसदों का 8 ग्रुप बनाया जाएगा। सांसदों का ये 8 ग्रुप, 8 अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेगा। सांसदों के इस 8 ग्रुपों में सभी पार्टी के सांसदों को शामिल किया जाएगा। विदेश भेजे जाने वाले सांसदों के दल में सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को रखा जाएगा। सभी 8 ग्रुप का नेतृत्व विभिन्न पार्टियों के फ्लोर लीडर्स करेंगे।

सरकार ने 8 मई को सभी दलों की बैठक बुलाई थी केंद्र सरकार ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी। अगले दिन संसद में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए सभी दलों की बैठक बुलाई गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

रक्षा मंत्री ने बैठक में बताया कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी ठिकानों पर जो हमले किए, उसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अलावा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक, इसमें निम्नलिखित सांसदों के नाम शामिल हैं।

1. प्रेमचंद गुप्ता- आरजेडी
2. संजय झा- जेडीयू, जापान जाएंगे
3. रविशंकर प्रसाद- बीजेपी, मिडिलईस्ट जाएंगे
4. विजयंत जय पांडा- बीजेपी
5. अनुराग ठाकुर- बीजेपी
6. बृजलाल- बीजेपी
7. तेजस्वी सूर्या- बीजेपी
8. अपराजिता सारंगी- बीजेपी
9. राजीव प्रताप रूडी- बीजेपी
10. डी पुरंदेश्वरी- बीजेपी
11. श्रीकांत शिंदे- शिवसेना शिंदे
12. सुप्रिया सुले- NCP(SP)
13. सस्मित पात्रा- बीजेडी
14. समिक भट्टाचार्य- बीजेपी
15. मनीष तिवारी- कांग्रेस
16. शशि थरूर- कांग्रेस
17. अमर सिंह- कांग्रेस
18. प्रियंका चतुर्वेदी- शिवसेना उद्धव गुट
19. जॉन बिट्स- सीपीआई एम
20. असदुद्दीन ओवैसी- एआईएमआईएम

पहले की सरकारों ने भी रखा था विदेशों में अपना पक्ष

1994: विपक्ष के नेता वाजपेयी ने UNHRC में भारत का पक्ष रखा था ये पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार ने किसी मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए विपक्षी पार्टियों की मदद लेगी। इससे पहले 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय डेलिगेशन को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) भेजा था।

उस डेलिगेशन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और सलमान खुर्शीद जैसे नेता भी शामिल थे। तब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में UNHRC के सामने एक प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में था।

हालांकि, भारतीय डेलिगेशन ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब दिया और नतीजतन पाकिस्तान को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। उस समय यूएन में भारत के राजदूत हामिद अंसारी ने भी प्रधानमंत्री राव की रणनीति सफल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2008: मुंबई हमलों के बाद मनमोहन सरकार ने डेलिगेशन विदेश भेजा था 2008 में मुंबई हमलों के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी आतंकवादी हमलों में पाकिस्तानी लिंक होने से जुड़े दस्तावेजों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के डेलिगेशन को विदेश भेजने का फैसला किया था।

भारत ने पाकिस्तान पर सैन्य हमला न करने का फैसला किया था। हालांकि, मनमोहन सरकार के कूटनीतिक हमले के कारण पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा। यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल और फाइनेंशियल एक्स टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को पहली बार ग्रे-लिस्ट में भी डाला था।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने बॉर्डर पार किए बिना पाकिस्तान में 9 आतंकी कैंप्स नष्ट किए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हमला किया था।

इस दौरान भारत ने अपने एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम की बदौलत बॉर्डर पार किए बिना पाकिस्तान के भीतर जाकर नौ आतंकवादी कैंपों को नष्ट कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी हमला किया, लेकिन भारत की मल्टी लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग हर पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन को बेअसर कर दिया।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस की एस-400, बराक-8 मीडियम रेंज SAM सिस्टम और स्वदेशी आकाशतीर सिस्टम को तैनात किया था। इसके अलावा पिकोरा, OSA-AK और LLAD गन (लो-लेवल एयर डिफेंस गन) के जरिए भी पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमले नाकाम किए।

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