पाक के सियासी खेल में मंत्री ने भी छोड़ा साथ, इमरान खान मुश्किल में

DrashtaNewsअब, सभी की निगाहें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पर हैं, जिसके असेंबली में सात सदस्य हैं। अगर यह विपक्ष को वोट […]

DrashtaNews

अब, सभी की निगाहें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पर हैं, जिसके असेंबली में सात सदस्य हैं। अगर यह विपक्ष को वोट देती है, तो इमरान खान की सरकार गिर जाएगी।

इस्लामाबाद (भाषा)पाकिस्तान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के कुछ घंटे बाद इमरान खान की सरकार के एक कैबिनेट सदस्य ने इस्तीफा दे दिया। संघीय आवास मंत्री तारिक बशीर चीमा बहावलपुर से पीएमएल-क्यू के सदस्य हैं। चीमा ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने का फैसला लिया है।
इससे पहले दिन में, सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पीएमएल-क्यू नेता चौधरी परवेज इलाही को पंजाब के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया था। इमरान खान की पार्टी ने अपने मौजूदा सीएम उस्मान बुजदार का इस्तीफा ले लिया था। बुजदार को भी इमरान खान की तरह ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था। इमरान सरकार के खिलाफ आठ मार्च को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के कारण पाकिस्तान का राजनीतिक पारा चढ़ता दिख रहा है, जिसका अगले हफ्ते के अंत तक परिणाम दिख सकता है। इमरान सरकार को गिराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 मत की जरूरत होगी।
69 वर्षीय खान वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे, लेकिन वह मूलभूत समस्याओं से निपटने में नाकाम रहे जिससे विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया। नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं और उन्हें भी सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, खान के गठबंधन के 23 सदस्यों ने अब तक उनका समर्थन करने की प्रतिबद्धता नहीं जताई है और सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के करीब दो दर्जन सदस्यों ने बगावत कर दी है। ऐसे में उनके लिए अब भी मुश्किल स्थिति है।
बलूचिस्तान अवामी पार्टी ने विपक्ष को अपना समर्थन देने की घोषणा की
एक सदस्य के विपक्ष में जाने के बाद, पीएमएल-क्यू में अब चार सदस्य बचे हैं जो पीटीआई के अनुसार सरकार का समर्थन करेंगे। 342 सदस्यीय पाकिस्तान नेशनल असेंबली में, पीएमएल-एन, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सहित विपक्षी दलों को 163 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा बलूचिस्तान अवामी पार्टी ने इमरान खान को झटका देते हुए विपक्ष को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। इससे विपक्ष की ताकत 168 हो गई है, जो इमरान खान सरकार को बेदखल करने के लिए आवश्यक संख्या से सिर्फ चार वोट कम है।
वहीं पाकिस्तान में विपक्षी दल ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान के करीबी और पाकिस्तान के पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कुछ ही हफ्ते पहले पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद विपक्ष ने यह कदम उठाया। बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत जल्दबाजी में लाया गया ताकि प्रधानमंत्री के हटाये जाने पर पंजाब विधानसभा को भंग करने की पीटीआई सरकार की संभावित योजना को पहले ही विफल कर दिया जाए।
विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 52 वर्षीय बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव सौंपा जिसमें 127 विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
विपक्ष ने एक प्रार्थनापत्र पेश करके विधानसभा सत्र के लिए अनुरोध किया है ताकि वह अविश्वास प्रस्ताव को सदन में रख सकें। अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बुजदार ने सदन का विश्वास खो दिया है। अविश्वास प्रस्ताव के संकल्पपत्र में कहा गया है कि बुजदार ने 11 करोड़ की आबादी वाले पंजाब प्रांत के कामकाज को संविधान के अनुरूप नहीं संपन्न करके संविधान का उल्लंघन किया है। विपक्ष ने इसमें आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले साढ़े तीन साल के दौरान लोकतंत्र की भावना के विपरीत काम किया।

अविश्वास प्रस्ताव सौंपने के बाद पीएमएल-एन के विधायक राणा मशहूद ने कहा कि विपक्ष नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी के खिलाफ भी अविस्वास प्रस्ताव लायेगा। राणा ने कहा कि दीवार पर यह साफ-साफ लिखा दिख रहा है कि इमरान और बुजदार अविश्वास प्रस्ताव का समाना नहीं कर सकेंगे, इसलिए दोनों के समक्ष सम्मानजनक विदाई लेने का एक ही रास्ता है कि इस्तीफा दे दें।
पीएमएल-क्यू सरकार की सहयोगी पार्टी है जिसके पास पंजाब विधानसभा में 10 सीट है, लेकिन इसने भी विपक्ष से हाथ मिलाने के संकेत दिये हैं। पीएमएल-क्यू ने कहा कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर उसे पंजाब के मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया है।

सभी की निगाहें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पर

अब, सभी की निगाहें मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पर हैं, जिसके असेंबली में सात सदस्य हैं। अगर यह विपक्ष को वोट देती है, तो इमरान खान की सरकार गिर जाएगी। बता दें कि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पहले ही पेश हो चुका है। अब मतदान तीसरे दिन के बाद और सातवें दिन से पहले होना है। पाकिस्तान के संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री सदन को भंग नहीं कर सकते और नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश नहीं दे सकते हैं।
इमरान खान कई बार दोहरा चुके हैं कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक लड़ते रहेंगे। रविवार को इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में एक रैली के दौरान, 69 वर्षीय राजनेता ने उनकी सरकार को गिराने के प्रयासों के पीछे एक विदेशी साजिश का आरोप लगाया।

Scroll to Top