भारत को बनाना है मैन्युफैक्चरिंग हब – विदेश मंत्री एस जयशंकर

साइप्रस की राजधानी निकोसिया में शुक्रवार को एक बिजनेस इवेंट को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए महत्वपूर्ण स्थान बनाने में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और सुधारों ने योगदान दिया। एस जयशंकर ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना और साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभारना है। जयशंकर ने आगे कहा, हम अपने इतिहास में सर्वाधिक FDI प्रवाह प्राप्त कर रहे हैं। पिछले साल हमें FDI के रूप में 81 अरब डॉलर मिले। हमारे व्यापार का काफी विस्तार हुआ है। वर्ष 2021-22 के लिए पहली बार हमारा निर्यात 400 अरब डॉलर के पार गया और इस साल हमने 470 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है। हम दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक का घर बन गए हैं। अब हम करीब 100 यूनिकॉर्न की मेजबानी कर रहे हैं। वर्तमान में हमारे पास यूनिकॉर्न्स की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। इसी बीच एस जयशंकर ने वैश्विक कोरोना महामारी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हम वैक्सीन के निर्माण में सबसे बड़े वैश्विक केंद्रों में से एक थे। हमने 100 देशों को वैक्सीन की सप्लाई की। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 के आदर्श वाक्य वसुधैव कुटुम्बकम है यानि विश्व एक परिवार है और इसे हमने महामारी के दौरान अपने व्यवहार में लाया है। विदेश मंत्री ने कहा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत आज एक भरोसेमंद भागीदार है। हम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर काम कर रहे हैं और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत चल रही है। इस वर्ष, हमने ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ समझौते किए।

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निकोसिया, एजेंसी। साइप्रस की राजधानी निकोसिया में शुक्रवार को एक बिजनेस इवेंट को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए महत्वपूर्ण स्थान बनाने में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और सुधारों ने योगदान दिया।

एस जयशंकर ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना और साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभारना है। जयशंकर ने आगे कहा, हम अपने इतिहास में सर्वाधिक FDI प्रवाह प्राप्त कर रहे हैं। पिछले साल हमें FDI के रूप में 81 अरब डॉलर मिले। हमारे व्यापार का काफी विस्तार हुआ है। वर्ष 2021-22 के लिए पहली बार हमारा निर्यात 400 अरब डॉलर के पार गया और इस साल हमने 470 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है। हम दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक का घर बन गए हैं। अब हम करीब 100 यूनिकॉर्न की मेजबानी कर रहे हैं। वर्तमान में हमारे पास यूनिकॉर्न्स की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है।

इसी बीच एस जयशंकर ने वैश्विक कोरोना महामारी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हम वैक्सीन के निर्माण में सबसे बड़े वैश्विक केंद्रों में से एक थे। हमने 100 देशों को वैक्सीन की सप्लाई की। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 के आदर्श वाक्य वसुधैव कुटुम्बकम है यानि विश्व एक परिवार है और इसे हमने महामारी के दौरान अपने व्यवहार में लाया है।

विदेश मंत्री ने कहा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत आज एक भरोसेमंद भागीदार है। हम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर काम कर रहे हैं और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत चल रही है। इस वर्ष, हमने ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ समझौते किए।

उन्होंने आगे कहा, हम जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए भी 100 फीसदी प्रतिबद्ध हैं। मौजूद समय में हम जिन जिन बड़ी पहलों पर काम कर रहे हैं, उनमें से एक जीवनशैली में बदलाव की वकालत करना है। हम इसे आगे बढ़ाने के लिए जी20 की अध्यक्षता का इस्तेमाल करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी महसूस करते हैं कि इससे पर्यावरण पर बहुत फर्क पड़ेगा।

व्यवसायिक कार्यक्रम में एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में जो तकनीकी और बुनियादी ढांचागत प्रगति की है, उसने भारत में निवेश करने के लिए दुनिया में अधिक भूख पैदा की है। साथ ही उन्होंने कहा कि व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों के संबंध में हमने अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि किया है। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने बहुत महत्वाकांक्षी आर्थिक सुधारों को पूरा करने के लिए कोरोना महामारी के समय का सदुपयोग किया। जयशंकर ने प्रोडक्टिव लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) कार्यक्रम की सफलताओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।

विदेश मंत्री ने साइप्रस यात्रा के दौरान कोणार्क व्हील का भी दौरा किया। इस मौके पर साइप्रस के विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और गृह मंत्री साथ थे। एस जयशंकर ने तस्वीर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। कोणार्क व्हील को दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का प्रतीक माना जाता है। भारत और साइप्रस इस समय अपने 60 साल के राजनयिक संबंधों का जश्न मना रहा है। कोणार्क व्हील 2017 में भारत द्वारा साइप्रस को उपहार में दिया गया था। भारत की आजादी के 75 साल और राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 साल पूरे होने के मौके पर दोनों देशों ने 29 दिसंबर को स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

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