भारत में भूख का स्तर ‘खतरनाक’, वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का नंबर 107वां

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DrashtaNews

– इस रिपोर्ट के अनुसार नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देशों ने अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने में भारत से अच्छा काम किया है।

नई दिल्ली। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2022 को लेकर 121 देशों की रैंकिंग की सूची जारी की गई है। इसमें भारत का नंबर 107वां है।  दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान को छोड़कर तकरीबन सभी देशों से भारत लिस्ट में पीछे है। भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाले ग्लोबल हंगर इंडेक्स की वेबसाइट ने शनिवार को यह जानकारी दी कि चीन, तुर्की और कुवैत सहित 17 देशों ने 5 से कम  GHI स्कोर के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है।  भारत 121 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2022 में 101 से 107वें स्थान पर खिसक गया है। अब इस सूचकांक में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका भी भारत से आगे हो गया है।

इससे पहले भारत 2020 में 94वें स्थान पर था लेकिन 2021 में वो सात पायदान नीचे खिसक गया है। सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ की संयुक्त रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘खतरनाक’ बताया गया है।

वहीं भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो इस रिपोर्ट में पड़ोसी देश नेपाल का 76वां स्थान है, बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान ने 92वां स्थान हासिल किया है। हालांकि इन देशों में भी भुखमरी की स्थिति चिंताजनक हैं, लेकिन भारत से अगर इनकी तुलना देखें तो ये सभी देश आगे नजर आ रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देशों ने अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने में भारत से अच्छा प्रदर्शन किया है।

कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 8 साल में 2014 के बाद से हमारा स्कोर खराब हुआ है। उन्होंने ट्विटर पर पूछा, “माननीय प्रधान मंत्री कब बच्चों के बीच कुपोषण, भूख और लाचारगी जैसे वास्तविक मुद्दों का समाधान करेंगे?” आयरिश सहायता एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ़ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए इस रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को “गंभीर” करार दिया गया है। भारत की रैंकिंग गिरने के बाद सरकार ने पिछले साल इस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा था कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पद्धति अवैज्ञानिक है।

वर्ष 2021 में भारत 116 देशों की सूची में 101 स्थान पर था लेकिन इस बार 121 देशों की लिस्ट में भारत छह अंक लुढ़ककर 107वें नंबर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत का जीएचआई स्कोर भी गिर गया है – 2000 में यह 38.8 था जो 2014 और 2022 के बीच 28.2 – 29.1 के बीच पहुंच गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों के चलते लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। यहां दुनिया भर में बच्चों की वेस्टिंग की दर सबसे ज्यादा है। 1998 और 2002 के बीच भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 17.1% से बढ़कर 2016 और 2020 के बीच 17.3 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने बाल मृत्यु दर, बाल स्टंटिंग की व्यापकता और अपर्याप्त भोजन के कारण अल्पपोषण की व्यापकता जैसे अन्य पैरामीटरों में अपने यहां सुधार दिखाया है।

इस रिपोर्ट में चीन, ब्राजील और कुवैत सहित 18 देशों ने पांच से कम का GHI स्कोर हासिल किया है और टॉप स्थान साझा किया है। GHI की रिपोर्ट के अनुसार, भुखमरी के खिलाफ पूरी दुनिया की लड़ाई को खतरनाक तरीके से झटका लगा है। मौजूदा समय में अनुमानों के आधार पर, दुनिया और खास तौर पर 47 देश 2030 तक निम्न स्तर की भूख को प्राप्त करने में समर्थ नहीं होंगे।

इंडेक्स जारी करने वाले संगठन के मुताबिक, श्रीलंका 64, नेपाल 81, बांग्लादेश 84 और पाकिस्तान 99 वें नंबर पर है। दक्षिण एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है। अफगानिस्तान इस इंडेक्स में 109 नंबर पर है। गौर करने वाली बात यह है कि इस इंडेक्स में सूडान, इथोपिया, रवांडा, नाइजीरिया, केन्या, गाम्बिया, नामीबिया, कम्बोडिया, म्यांमार, घाना, इराक, वियतनाम, लेबनान, गुयाना, यूक्रेन और जमैका जैसे देश भी भारत से कहीं ऊपर हैं।

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