ब्यूरो द्रष्टा, नई दिल्ली। आज 8 अगस्त 2025 को राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी एक वीडियो में यह आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग (EC) और भाजपा ‘चुनावों को चुराने’ के लिए ‘सांठगांठ’ कर रहे हैं। बिहार में SIR को इसलिए लाया गया है क्योंकि चुनाव आयोग जानता है कि ‘हमने उनकी चोरी पकड़ ली है’।राहुल गांधी ने कहा, भारत का लोकतंत्र बेशकीमती है इसकी चोरी का अंजाम बहुत भयानक होगा ।
राहुल गांधी के चुनाव आयोग से 5 सवाल –
1. विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं मिल रही? क्या छिपा रहे हो?
2. CCTV और वीडियो सबूत मिटाए जा रहे हैं – क्यों? किसके कहने पर?
3. फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई – क्यों?
4. विपक्षी नेताओं को धमकाना, डराना – क्यों?
5. साफ-साफ बताओ – क्या ECI अब BJP का एजेंट बन चुका है?
इससे पहले, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 7 अगस्त 2025, नागरिक अधिकारों के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोटों की चोरी में चुनाव आयोग को सबूतों के साथ पकड़ा है। राहुल गांधी ने दावा किया कि चुनाव आयोग गरीबों के मताधिकार को छीनने के उद्देश्य से इस ‘चोरी’ को अंजाम देने के लिए भाजपा के साथ ‘खुलेआम मिलीभगत’ कर रहा है।
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उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनावों, महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में ‘वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली’ की गई। उन्होंने कहा, ‘मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट न देना इस बात का सबूत है कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव ‘चुराने’ के लिए बीजेपी से मिलीभगत की है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘गुमराह’ करने वाला बताया है। आयोग ने कहा है कि वो अपनी शिकायत लिखित में कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दें।
विपक्षी नेता चुनाव आयोग को पहले से ही पक्षपाती बताते रहे हैं –
मतदान प्रक्रिया और नेताओं पर विशेष नज़र रखने वाली संस्था ADR (एसोसिएशन डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ) चुनाव की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है। वकील महमूद प्राचा ईवीएम से हो रही चुनावी धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट को जांच के लिए सहमत कर चुके हैं। दिल्ली विधानसभा में सौरभ भारद्वाज, संसद संजय सिंह, आप मुखिया अरविन्द केजरीवाल, सपा मुखिया अखिलेश यादव, बसपा की मायावती, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई विपक्षी नेता चुनाव आयोग पर धांधली करने और पक्षपाती होने का लगातार आरोप लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग के खिलाफ आम नागरिकों ने 2014 से ही मोर्चा खोल रखा है।
राहुल गांधी ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कहा-
1-‘महाराष्ट्र चुनावों में गड़बड़ी’ का आरोप
-महाराष्ट्र में हमने सार्वजनिक रूप से चुनाव आयोग को बताया था कि पांच महीने में जितने नए वोटर जोड़े गए, वो पिछले पांच सालों में जोड़े गए कुल वोटर्स से भी ज्यादा थे, जिससे संदेह पैदा हुआ।
-नए वोटरों की संख्या तो महाराष्ट्र की आबादी से भी ज्यादा हो गई, जो बेहद हैरान करने वाली बात थी।
-फिर पांच साल बाद अचानक मतदान प्रतिशत में बड़ा उछाल आया।
-विधानसभा चुनावों में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ हो गया, जबकि कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में यही गठबंधन जीत गया था। यह बहुत ही संदेहास्पद था।
-महाराष्ट्र में राज्य स्तर पर हमने देखा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए वोटर जुड़ गए थे। इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई।
-राज्य में 40 लाख फर्जी वोटर का पता लगाया गया।
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2-कर्नाटक को लेकर क्या कहा?
-कर्नाटक लोकसभा चुनाव में इंटरनल पोल्स ने 16 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था लेकिन कांग्रेस को केवल 9 सीटें मिलीं।
-कांग्रेस की जांच में पाया गया कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर एक लाख से ज्यादा डुप्लिकेट वोटर, फर्जी पते और बल्क वोटर थे।
-कर्नाटक में बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 6।5 लाख वोटों में से एक लाख से ज्यादा वोटों की श्चोरीश् हुई है।
-कर्नाटक में 11 हजार के करीब वोटर ऐसे मिले जिन्होंने अलग-अलग बूथ और अलग अलग राज्यों में भी मतदान किया।
-इन वोटरों के नाम, बूथ नंबर और पतों की सूची हमारे पास है।
3- राहुल गांधी ने आरोप में ‘फर्जी वोटर’ बात कही-
-कई वोटर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग बूथ की वोटर लिस्ट में शामिल हैं।
-एक वोटर बेंगलुरु की महादेवपुरा सीट, पूर्वी लखनऊ, मुंबई की पूर्वी जोगेश्वरी चुनावी क्षेत्र में वोटर के रूप में दर्ज है।
-राहुल गांधी ने दावा किया कि उनकी शोध टीम ने 40 हजार से अधिक ऐसे फर्जी वोटरों की पहचान की है जिनके पते गलत थे या ऐसे पते थे जिनका कोई वजूद नहीं था या फिर वे उन पतों पर नहीं मिले।
-एक-एक घर के पते पर 80 और 46 वोटर दर्ज थे। अकेले घरों में बड़ी संख्या में दर्ज किए वोटरों की संख्या 10 हजार से अधिक थी।
-नए वोटर बनने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्म 6 का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया। ऐसे 33,692 मामले पाए गए।
4- हरियाणा विधानसभा चुनावों पर राहुल के आरोप
-हरियाणा में आठ सीटों पर कुल दो करोड़ मतदाताओं में हार जीत का अंतर महज 22,779 था।
-यहां एक विधानसभा क्षेत्र में एक लाख वोट चोरी हुआ।
-एग्जिट पोल में कांग्रेस को न केवल जीतते हुए दिखाया गया था बल्कि 90 सीटों की हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को करीब 60 सीटें मिलने का दावा किया गया था।
-बीजेपी ने लगभग सभी एग्जिट पोल्स को गलत साबित किया और बड़े आराम से बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की।
5- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या कहा?
-राहुल गांधी ने कहा, ‘2024 लोकसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी को सत्ता में बने रहने के लिए 25 सीटों को चुराने की जरूरत थी। और उस चुनाव में बीजेपी ने 25 सीटों पर 33 हजार से भी कम मतों के अंतर से जीत दर्ज की।’
-उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव आयोग से यह कह रहे हैं कि आप भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने का नहीं, बल्कि उसकी रक्षा करने का काम करते हैं। अब यह सारी जानकारी एक सबूत है। सिर्फ कर्नाटक की जानकारी नहीं, बल्कि देश की हर एक वोटर लिस्ट अब एक सबूत है।’
-‘यह भारतीय संविधान और तिरंगे के खिलाफ किया गया अपराध है। इससे कम कुछ नहीं है। यह एक विधानसभा में हुए अपराध का प्रमाण है। हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं क्योंकि हमने इस पैटर्न को देखा है। हमने इसका अध्ययन किया है।’
-राहुल गांधी ने दावा किया, ‘चुनाव आयोग ने हमें डेटा नहीं दिया, उन्होंने खुद कहा कि वे सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने जा रहे हैं।।। और यही -वो कारण था जिसके लिए वे फुटेज नष्ट करना चाहते थे।’
आरोपों पर चुनाव आयोग ने क्या दिया जबाब?
राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से एक बयान जारी कर आरोपों के जवाब दिए गए हैं।
इसमें कहा गया है, ‘कर्नाटक कांग्रेस की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात का समय मांगा गया था। इसके बाद आठ अगस्त को दोपहर एक से तीन बजे का समय सुनिश्चित किया गया है।’’ष्मतदाता सूची को जन प्रतिनिधित्व कानून 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और समय-समय पर केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, पारदर्शी तरीके से तैयार किया जाता है।’
‘नवंबर 2024 में और जनवरी 2025 में कांग्रेस को वोटर सूची उपलब्ध कराई गई थी। जहां तक चुनाव प्रक्रिया की बात है, इसे माननीय उच्च अदालत के सामने चुनावी याचिका के माध्यम से ही चुनौती दी जा सकती है।’
बयान के अनुसार, ‘ज्ञात हुआ है कि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपने पैरा 3 में उल्लिखित मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को बाहर करने का उल्लेख किया था। आपसे अनुरोध है कि आप मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के अंतर्गत संलग्न घोषणा शपथ पर हस्ताक्षर करके ऐसे मतदाताओं के नाम सहित वापस भेजें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।’