एकनाथ-देवेंद्र की सरकार फ्लोर टेस्ट में सफल

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डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मैं उन लोगों से बदला नहीं लूंगा जिन्होंने मेरा मजाक उड़ाया। मैं उन्हें माफ कर दूंगा, राजनीति में हर बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता। “

नई दिल्ली। ‘लोग ताना मारते हैं कि यह ED सरकार है। हां, यह ED सरकार है, एकनाथ-देवेंद्र की,’ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में शब्दों से खेलते हुए नजर आए। आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार बदलने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दुरुपयोग किया। इसका आरोप पर उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और खुद के नाम का इस्तेमाल करते हुए पलटवार किया।

महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। आज राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का फ्लोर टेस्ट हुआ, जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की। उनके पक्ष में 164 वोट पड़े। बता दें कि कल हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में टीम के उम्मीदवार की जीत के बाद फ्लोर टेस्ट का रास्ता कुछ हद तक शिंदे के लिए आसान हो गया था। ऐसा इसलिए क्योंकि कल हुए चुनाव में ये स्पष्ट हो गया है कि कितने विधायक नई सरकार का समर्थन कर सकते हैं।

इधर, फ्लोर टेस्ट के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सदन में मौजूद सदस्यों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ” मैंने एक बार कहा था कि मैं वापस आऊंगा। लेकिन जब मैंने ऐसा कहा तो कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया। मैं आज वापस आया हूं और उन्हें (एकनाथ शिंदे) अपने साथ लाया हूं। मैं उन लोगों से बदला नहीं लूंगा जिन्होंने मेरा मजाक उड़ाया। मैं उन्हें माफ कर दूंगा, राजनीति में हर बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता। ”

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ” मैं घर पर भी बैठ जाता अगर पार्टी मुझसे कहती। ये वही पार्टी जिसने मुझे सीएम बनाया। इस सरकार में कभी सत्ता के लिए संघर्ष नहीं होगा, हम सहयोग करते रहेंगे। लोग ताना मारते हैं कि यह ईडी की सरकार है। हां, ये ईडी सरकार है, एकनाथ-देवेंद्र की सरकार। ”

महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट के दौरान जब शिवसेना बागी एकनाथ शिंदे का समर्थन कर रहे थे तो विपक्षी विधायक ‘ईडी, ईडी’ के नारे लगा रहे थे। एकनाथ शिंदे को 164 मिले, जबकि सरकार के खिलाफ 99 वोट पड़े हैं। ऐसे ही नारे रविवार को विधानसभा स्पीकर के चुनाव के दौरान लगे थे। शिंदे गुट में शामिल शिवसेना के कुछ विधायक और उनके परिवार के सदस्य ED (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच का सामना कर रहे हैं।

जब से शिंदे खेमे की बगावत शुरू हुई, जिसके बाद उद्धव ठाकरे को पिछले बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। ठाकरे टीम का कहना है कि ED का दुरुपयोग पार्टी के विधायकों पर भाजपा समर्थित बगावत में दबाव बनाने के लिए किया गया था। इन आरोपों पर पलटवार करते हुए फडणवीस ने जिक्र किया कि भाजपा-शिवसेना के चुनाव पूर्व गठबंधन को 2019 में जनादेश मिला था, लेकिन बहुमत जानबूझकर हमसे छीन लिया गया। ‘ वह उद्धव ठाकरे की शिवसेना का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनाने के लिए भाजपा को छोड़ दिया था।

“एकनाथ शिंदे के साथ, हमने एक बार फिर शिवसेना के साथ अपनी सरकार बनाई है। एक शिव सैनिक मुख्यमंत्री बन गया है। ‘ उन्होंने शिंदे के दावे को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका गुट ही असली शिवसेना है। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “मैं अपनी पार्टी के आदेश के अनुसार डिप्टी सीएम बना। मैं घर पर भी बैठ जाता अगर पार्टी ने मुझे बोला होता। उसकी पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री भी बनाया था।’
2019 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले अपने भावुक बयान ‘मैं वापस आऊंगा’ को लेकर ट्रोलिंग का सामना करने वाले राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि वह ऐसे ‘ट्रोलर्स’ (मजाक उड़ाने वालों) को माफ करके अपना बदला लेंगे। राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने कहा था, “मी पुन्हा येइन” (मैं वापस आऊंगा), जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कई ‘मीम’ चल रहे थे।

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