मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शनिवार को विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। डिप्टी स्पीकर ने इन विधायकों से अगले दो दिनों में जवाब देने को कहा है। बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट ने इन 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर डिप्टी स्पीकर एक याचिका दी थी। इसी याचिका पर कार्रवाई करते हुए डिप्टी स्पीकर ने इन विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। खास बात ये है कि शिवसेना ने जिन बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है उनमें एकनाथ शिंदे का नाम भी शामिल हैं।
इस बीच बागियों के खिलाफ शिवसेना की मीटिंग के बाद पार्टी नेता संजय राउत ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि हम बागियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। राउत ने कड़े लहजे में कहा कि बागियों का हिसाब किया जाएगा। शाम तक उनका हाल लोगों को पता चल जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपनी स्वार्थभरी राजनीति के लिए बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल किया, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। जिन्होंने हमें छोड़ दिया है, वह हमारे पैतृक नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
ध्यान हो कि एकनाथ शिंदे की बढ़ती ताकत के बीच सीएम उद्धव ठाकरे के पास बेहद सीमित विकल्प बचे थे। 12 के बाद शिवसेना ने अब 4 और विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का मसौदा तैयार किया था। डिप्टी स्पीकर के विधान भवन पहुंचने पर ये आवेदन दिया गया था। जिन विधायकों के खिलाफ आवेदन का मसौदा तैयार किया गया है उनमें शामिल हैं सदा सरवणकर, प्रकाश आबिटकर, संजय रयमुलकर और रमेश बोरनारे। एक बार जब यह याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो कुल विधायकों की संख्या 16 हो जाएगी, जिनके खिलाफ अयोग्यता दायर हुई है।
ऐसे में 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी दी गई थी। शिवसेना में उद्धव ठाकरे गुट ने पार्टी के 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए ये याचिका दी थी। इसमें बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे और भरत गोगावाले का भी नाम है। अरविंद सावंत ने कहा था कि गुरुवार दोपहर को हमने 12 विधायको की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। एनसीपी की बैठक थी इसलिए नरहरि झिरवाल (डिप्टी स्पीकर) आए नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह 44 पन्नों की अर्जी है, इसलिए समय लगा। कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी की ओर से व्हिप जारी करने के बावजूद वो मीटिंग में नहीं आए, इसलिए इनकी सदस्यता रद्द की जाए। हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया गया है।