कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आने के बाद कराएगी जाति आधारित गणना – राहुल गांधी

गांधी ने कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि देश में बेरोजगारी पिछले 40 वर्ष में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच गई है।

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-मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नागपुर में दो विचारधाराएं हैं, एक डॉ. बी आर आंबेडकर की जो प्रगतिशील है और दूसरी RSS की जो ”देश को नष्ट कर रही है”।

-”राजनीतिक सत्ता की लड़ाई की नींव विचारधारा है और कांग्रेस का उद्देश्य आम आदमी को सत्ता सौंपना है। 

नागपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी केंद्र की सत्ता में आने के बाद जाति आधारित गणना करायेगी। गांधी ने कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि देश में बेरोजगारी पिछले 40 वर्ष में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी जाति आधारित गणना करायेगी।

कांग्रेस ने ‘हैं तैयार हम’ नामक रैली के जरिये अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपने अभियान की शुरुआत की है। गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के विपरीत, कांग्रेस का एक कनिष्ठ कार्यकर्ता भी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर सवाल उठा सकता है और उनसे असहमत हो सकता है।” उन्होंने दावा किया कि कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि इसलिए की जाती है क्योंकि वे एक विशेष संगठन से होते हैं।

कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने नागपुर शहर में कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर ‘हैं तैयार हम’ नामक रैली को संबोधित किया और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंका। नागपुर शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय भी है। खरगे ने कहा कि नागपुर में दो विचारधाराएं हैं, एक डॉ. बी आर आंबेडकर की जो प्रगतिशील है और दूसरी RSS की जो ”देश को नष्ट कर रही है”। आंबेडकर ने अपने समर्थकों के साथ इसी शहर में बौद्ध धर्म अपनाया था। पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा रैली में शामिल नहीं हुईं।

राहुल गांधी ने कहा, ”राजनीतिक सत्ता की लड़ाई की नींव विचारधारा है और कांग्रेस का उद्देश्य आम आदमी को सत्ता सौंपना है।” उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी की ओर धकेल दिया है। गांधी ने कहा, ”हम दो भारत नहीं चाहते।  केवल इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन ही युवाओं को रोजगार दे सकता है।” उन्होंने दोहराया कि केंद्र में सत्ता में आने के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार जाति आधारित सर्वेक्षण कराएगी।

कांग्रेस नेता ने कहा, ”मोदी सरकार ने पिछले दस वर्ष में कितने युवाओं को रोजगार दिया है? बेरोजगारी अब सर्वकालिक उच्च स्तर पर है।” गांधी ने दावा किया कि ओबीसी, दलितों और आदिवासियों का विभिन्न क्षेत्रों में उनकी आबादी के अनुरूप प्रतिनिधित्व नहीं है।

उन्होंने कहा, ”पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद को ओबीसी बताते थे। लेकिन मेरी मांग (जाति आधारित गणना की) के बाद, वह कहते हैं कि केवल एक ही जाति है, गरीब। यदि केवल एक ही जाति है, तो आप क्यों कहते हैं कि आप ओबीसी हैं।”

गांधी ने कहा कि भाजपा में आदेश ऊपर से आते हैं जबकि कांग्रेस में एक सामान्य कार्यकर्ता भी नेतृत्व पर सवाल उठा सकता है। उन्होंने कहा, ”देश की बागडोर आम आदमी के हाथ में होनी चाहिए। आम आदमी अंग्रेजों और रियासतों दोनों से लड़ रहा था। ” कांग्रेस नेता ने कहा कि हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति क्रमश? किसानों, महिलाओं और युवाओं द्वारा शुरू की गई थी, जबकि कांग्रेस सरकारों ने इन क्रांतियों के लिए दृष्टिकोण तैयार किया था। उन्होंने भाजपा पर सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जा करने का भी आरोप लगाया।

मराठी भाषा में बोलते हुए कांग्रेस प्रमुख खरगे ने कहा कि नागपुर क्रांतिकारियों की भूमि है जहां बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी ने बड़े पैमाने पर काम किया था। उन्होंने कहा, ”यदि भाजपा और RSS फिर से सत्ता में आए तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। नागपुर में दो विचारधाराएं हैं एक प्रगतिशील विचारधारा जो आंबेडकर की है और दूसरी आरएसएस की जो देश को बर्बाद कर रही है।” खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा, ”लोकतंत्र खतरे में है. महंगाई आसमान छू रही है, बेरोजगारी भी चरम पर है। 30  लाख रिक्तियां हैं जिन्हें भरा नहीं जा रहा है क्योंकि पिछड़े वर्गों को समायोजित करना होगा।” उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार में गरीब और गरीब होते जा रहे हैं जबकि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं।

खरगे ने उस योजना का जिक्र किया जिसका वादा कांग्रेस ने 2019 के आम चुनावों से पहले किया था। उन्होंने कहा, ”यदि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आता है, तो महिलाओं सहित गरीबों के सशक्तीकरण के लिए न्याय योजना लागू की जाएगी।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर का दौरा नहीं करते हैं जहां महिलाओं पर अत्याचार हुआ था, लेकिन वह ‘डायमंड बोर्स’ परिसर का उद्घाटन करने के लिए सूरत जाते हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री संसद का सम्मान नहीं करते क्योंकि वह इसकी कार्यवाही में शामिल नहीं होते हैं।

खरगे ने संसद की सुरक्षा में चूक का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के एक सांसद को बचाने के लिए 146 सांसदों (विपक्ष के) को निलंबित कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, ”भाजपा ‘इंडिया’ गठबंधन को विभाजित करने की कोशिश कर रही है क्योंकि अगर हम एकजुट हो गए तो भाजपा कहीं नहीं दिखेगी।” खरगे ने कहा कि भाजपा सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने और प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये देने के अपने वादों को पूरा नहीं किया।

उन्होंने अगले महीने अयोध्या में होने वाले राम मंदिर उद्घाटन समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र और देश को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन का समर्थन करें। अब भाजपा देश के समक्ष मौजूद सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को छोड़कर, भगवान (राम) का मुद्दा उठायेगी।” उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत मनोबल बढ़ाने वाली है और अन्य राज्यों में हाल की हार से निराश होने की कोई जरूरत नहीं है।

इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों के कई शीर्ष पार्टी नेताओं ने हिस्सा लिया जबकि पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा रैली में शामिल नहीं हुईं। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट रहा तो भाजपा कहीं नहीं दिखेगी। खरगे ने लोगों से लोकतंत्र और देश को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन का समर्थन करने का आह्वान किया।

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