हिंसा की आग में जलते हुए मणिपुर का दर्शन करने निकले CM एन बीरेन सिंह

मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है। गोलीबारी की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर के विष्णुपुर जिले में रविवार को अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में तीन 'ग्रामीण स्वयंसेवकों' की मौत हो गई। इस बीच, हिंसा से जलते हुए मणिपुर का दर्शन करने निकले CM एन बीरेन सिंह ने रविवार को बिष्णुपुर-चुराचांदपुर से सटे पहाड़ियों पर जमीनी हालात का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सुरक्षाकर्मी और अधिकारी भी मौजूद रहे। हिंसाग्रस्त राज्य के हालत पिछले दो महीने से खराब है और अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना रविवार तड़के खोइजुमंतबी गांव में हुई, जब गांव के स्वयंसेवक एक अस्थायी बंकर में इलाके की रखवाली कर रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इससे पहले मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया था। राज्य में पांच जुलाई की दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक को बढ़ाया गया था।

DrashtaNews

इंफाल,एजेंसी। मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है। गोलीबारी की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर के विष्णुपुर जिले में रविवार को अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में तीन ‘ग्रामीण स्वयंसेवकों’ की मौत हो गई। इस बीच, हिंसा से जलते हुए मणिपुर का दर्शन करने निकले CM एन बीरेन सिंह ने रविवार को बिष्णुपुर-चुराचांदपुर से सटे पहाड़ियों पर जमीनी हालात का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ सुरक्षाकर्मी और अधिकारी भी मौजूद रहे। हिंसाग्रस्त राज्य के हालत पिछले दो महीने से खराब है और अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना रविवार तड़के खोइजुमंतबी गांव में हुई, जब गांव के स्वयंसेवक एक अस्थायी बंकर में इलाके की रखवाली कर रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इससे पहले मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया था। राज्य में पांच जुलाई की दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक को बढ़ाया गया था।

इंफाल पश्चिम जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लागू पाबंदियों में रविवार को ढील दी गई।अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन जॉनसन मीतेई द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, राज्य में झड़पें शुरू होने के बाद तीन मई को लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगाई गई थी।

क्यों भड़की हिंसा की आग?

बता दें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लगभग दो महीने से हिंसा भड़की हुई है। जिसकी वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं और बीते दिनों एक बार फिर से गोलीबारी की घटना सामने आई।

पुलिस के मुताबिक, बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारिकों की गोलीबारी में कम से कम दो ग्राम स्वयंसेवकों की मौत हो गई। बता दें कि खोइजुमंतबी गांव में देर रात यह घटना तब हुई जब ग्राम स्वयंसेवक अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

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