BJP ने साधा OBC वोट बैंक, नायब सिंह सैनी को बनाया हरियाणा का मुख्यमंत्री

लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया।

DrashtaNews

-हरियाणा की जाति-केंद्रित राजनीति में गैर-जाट मतदाताओं विशेष रूप से पिछड़े समुदायों को एकजुट करने की बीजेपी की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है।

चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने OBC वोट बैंक को साधते हुए मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। जेजेपी से बीजेपी का गठबंधन टूट गया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर सहित सभी मंत्रियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को नेता चुन लिया गया है।

कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। नायब सिंह सैनी OBC समुदाय के बड़े नेताओं के तौर पर जाने जाते हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस बदलाव के कई मायने बताये जा रहे हैं। BJP हरियाणा में नॉन जाट की राजनीति करती है। करीब 9 साल पहले BJP ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौका दिया है। अब लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बीजेपी ने फिर बदलाव किया है और इस बार BJP ने एक OBC नेता को मुख्यमंत्री बनाया है।

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सैनी, मनोहर लाल खट्टर के करीबी

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आने वाले 53 साल के सैनी, मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। उनकी नियुक्ति को हरियाणा की जाति-केंद्रित राजनीति में गैर-जाट मतदाताओं विशेष रूप से पिछड़े समुदायों को एकजुट करने की बीजेपी की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है।

हरियाणा का ओबीसी समुदाय पिछले कुछ समय से लगातार सत्ताधारी दलों पर समुदाय के लोगों की अनदेखी के आरोप लगा रहा है। पिछले दिनों रोहतक मे एक ओबीसी समाज ने एक बड़ी रैली की थी। और उसमें कहा गया कि सरकार में OBC समाज अब तक अपने हक और अधिकारियों से मरहूम है और उनको सही हक नहीं मिला तो सत्ताधारी दलों को समुदाय के लोग वोट नहीं करेंगे। इसी कड़ी में 18 फरवरी को करनाल में कश्यप बिरादरी ने भी अपने समाज की अनदेखी का आरोप लगाया था।

नयाब सिंह सैनी का राजनीतिक सफर

हरियाणा के नए CM नायब सिंह सैनी हरियाणा BJP के प्रदेशाध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से BJP के सांसद हैं। वह संसद में श्रम की स्थायी समिति के सदस्य भी हैं। पिछले साल अक्टूबर में उन्हेंने बीजेपी राज्य प्रमुख नियुक्त किया गया था। वह RSS से भी जुड़े रहे हैं। साल 1996 में नायब सिंह सैनी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत BJP संगठन में एंट्री के साथ की थी। साल 2000 तक उन्होंने यहां कामकाज किया।

संगठन में वह अलग-अलग पदों पर रहे। साल 2002 में उनको अंबाला में युवा विंग के जिला महासचिव रहे। साल 2005 में वह अंबाला में जिला अध्यक्ष बनाए गए। पार्टी के लिए उनके समर्पण भाव को देखते हुए साल 2009 में वह हरियाणा में BJP किसान मोर्चा के राज्य महासचिव बनाए गए। साल 2012 में प्रमोशन के बाद नायब सिंह सैनी को अंबाला BJP जिला अध्यक्ष बनाया गया, इस दौरान उन्होंने अलग-अलग पदों पर सेवाएं दीं।

हरियाणा में करीब 30 फीसदी OBC परिवार

हालांकि हरियाणा में जातिगत जनगणना तो नहीं हुई, लेकिन पिछले साल सरकार ने PPP आधार पर वर्ग विशेष को लेकर 72 लाख परिवारों में से 68 लाख के आंकड़े जारी किए थे। पिछले साल परिवार पहचान पत्र स्कीम के तहत सामान्य, एससी, बीसी और बैकवर्ड क्लास के परिवारों के आंकड़े जरूर सामने आए हैं। हरियाणा में एससी व बीसी वर्ग की बात करें तो कुल जनसंख्या का ये करीब 51 फीसदी है। PPP के आधार पर प्रदेश की कुल संख्या 2 करोड़ 83 लाख है। बीसी ए वर्ग के लोगों की संख्या 4793312 है जो कुल जनसंख्या का 16.93 फीसदी हैं। इनके अलावा बीसी बी कैटेगरी की संख्या 3797306 है।

कुल जनसंख्या का 5वां हिस्सा है SC वर्ग

ये जनसंख्या का 13.41 फीसदी है। इनके अलावा हरियाणा में एससी वर्ग के लोगों की संख्या 5861131 है और कुल का 20.71 प्रतिशत है।  ऐसे में प्रदेश की कुल जनसंख्या का पांचवा हिस्सा एससी वर्ग का है। आने वाले चुनावों में एससी व बीसी वर्ग का आंकड़ा देखते हुए साफ है कि ये दोनों ही साइडिंग फैक्टर साबित होने वाले हैं। ये भी बता दें कि प्रदेश में 72 लाख परिवारों ने पीपीपी बनवाने के लिए आवेदन किया। इनमें से 68 लाख परिवारों का डाटा उस समय वेरीफाई हो चुका था। लगभग 2.5 लाख परिवार ऐसे हैं, जो किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं।

OBC समुदाय को साधने में जुटी बीजेपी

दरअसल, कांग्रेस और इनोलो ने हरियाणा की सत्ता में रहने के दौरान जाट समुदाय के इर्द-गिर्द अपनी सियासत को रखे थे, लेकिन बीजेपी ने गैर-जाटों के बीच नया वोट बैंक तैयार किया। बीजेपी ने अब पिछड़े समुदाय को साधने की कोशिश में जुट गई है। बीजेपी ने पहले नायब सिंह सैनी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी और अब सत्ता की कुर्सी उनके हवाले कर रही है। जब उन्हें अध्यक्ष बनाया गया तब इसे एक संतुलनकारी पहल के तौर पर देखा गया था, लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं। मनोहर लाल खट्टर बड़े पंजाबी चेहरे हैं, जिनके विकल्प के तौर पर अनिल विज और भव्य बिश्नोई को डिप्टी सीएम तो नायब सिंह सैनी को सीएम। BJP ने तीनों ही चेहरे गैर-जाट समुदाय से हैं।

OBC समुदाय को नहीं मिल रहा था हक़ 

पिछले कुछ समय से ओबीसी समाज के संगठनों के पदाधिकारियों की मांग है कि समुदाय के लोगों को हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 25 मिलें. रोहतक रैली में भी कहा गया कि हरियाणा में ओबीसी समुदाय के काफी वोट बैंक होने के बावजूद समाज के लोगों को उस लिहाज से टिकट नहीं दी जाती और अबकी बार लोकसभा की 10 में से 3 और विधानसभा की 90 में से कम से कम 25 सीट ओबीसी समुदाय के लोगों को दी जाए, ताकि उनको उनका हक मिल सके। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता तब तक यह लड़ाई जारी रखेंगे।

जातीय जनगणना की भी मांग

यहां ये बताना भी लाजिमी है पिछले कुछ समय से हरियाणा में जातीय जनगणना की मांग उठती रही है। नवंबर 2023 में हरियाणा में ओबीसी समाज के नुमाइंदों ने जातीय जनगणना नहीं करवाने को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।

हरियाणा में BJP के राजनीतिक उभार के पीछे गैर-जाट पॉलिटिक्स रही है। BJP ने पंजाबी, दलित, यादव और सैनी वोटों को एकजुट करके अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करना का दांव चला। इसीलिए 2014 में बीजेपी हरियाणा में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई तो पंजाब समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मनोहर लाल खट्टर को सत्ता की कमान सौंपी। खट्टर पहली बार विधायक चुने थे और उनके बाद दोबारा से 2019 में बीजेपी बहुमत से दूर रह गई थी, लेकिन जेजेपी के समर्थन से मनोहर लाल खट्टर दोबारा सीएम बने। अब खट्टर की जगह नए चेहरे को चुनने का मौका आया तो गैर-जाट फैक्टर का ख्याल रखते हुए नायब सिंह सैनी को सत्ता की कमान सौंपने का फैसला किया।

BJP की नजर 10 की 10 लोकसभा सीटों पर

नायब सैनी, अनिल विज और भव्य बिश्नोई की ताजपोशी ऐसे समय में हुई है जब बीजेपी ने जेजेपी से अलग होकर अकेले चलने का फैसला किया। लोकसभा और सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं। BJP अकेले दम पर सभी 10 लोकसभा और 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की प्लानिंग की है। नायब सैनी के सामने 2024 में दो महत्वपूर्ण चुनावों से पहले अपनी पार्टी को और मजबूत करने की जिम्मेदारी है। BJP ने भले ही सीएम खट्टर को हटाकर सत्ता विरोधी लहर से निपटने का दांव चला हो, लेकिन सियासी माहौल को BJP के पक्ष में बनाने का काम नायब सिंह सैनी को करनी होगी, क्योंकि सरकार के चेहरा होंगे।

OBC को साधने का पूरा प्रयास

बीजेपी ने हरियाणा में ऐसा जातीय संतुलन साधा है कि कोई भी इसमें अपने आपको वंचित नहीं कह सकता। नायब सिंह सैनी को सत्ता की कमान सौंपकर OBC को साधने का पूरा प्रयास किया तो अनिल विज को जरिए पंजाबी वोटों को जोड़े रखने की रणनीति है। भव्य बिश्नोई को डिप्टी सीएम बनाकर भजनलाल की विरासत को भी कैश कराने का दांव चला है। नायब सिंह सैनी ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी टीम गठित किया तो उसमें एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग दिखी थी। पार्टी की प्रदेश टीम में तकरीबन 79 फीसदी पदों पर नॉन जाट चेहरों को स्थान दिया।

हरियाणा में लोकसभा और उसके बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में BJP किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।  बीजेपी यह बात समझ रही थी कि जेजेपी के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने से उसे नुकसान हो सकता है। इसलिए अलग होने का फैसला ही नहीं किया बल्कि सरकार का चेहरा भी बदल दिया है। खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी और उनके साथ अनिल विज और भव्य बिश्नोई को डिप्टी CM की कुर्सी सौंपी जा रही है। देखना है कि बीजेपी 2024 में कितना सफल होती है?

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