प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुम्भ की प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त -दुरुस्त कर रखी है। आस्था के इस संगम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। त्रिवेणी से नज़र उठाओ तो एक तरफ नौकाओं की लंबी कतार, दूसरी तरफ तंबुओं का अनंत संसार और बीच बीच में जहां नज़र ठहरे, वहां मुस्तैद खड़े पुलिस वाले दिखाई देते हैं।
प्रशासन की व्यवस्था में सहयोग के लिए बीजेपी के कुछ कार्यकर्त्ता भी जुट गए हैं। प्रयागराज की भाजपा नेत्री गुड़िया सिंह भूले भटके श्रद्धालुओं की मदद करती हुईं दिखाई दीं। श्रद्धालुओं को साधु सन्यासियों के शिविरों, स्वास्थ्य सुविधाओं, प्रशासनिक व्यवस्थाओं की जानकारी दे रही थी।
भाजपा नेत्री गुड़िया सिंह ने कहा कि ”इस महाकुंभ में आये श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार ने बेहतरीन व्यवस्था की है। श्रद्धालुओं की हर संभव मदद के लिए प्रशासन मुस्तैद है। मैं और हमारी टीम भी इस व्यवस्था में सरकार के सहयोग में जुटी है। ”
शहर में हर तरफ कंधे पर सामान लादे संगम की तरफ बढ़ते श्रद्धालु, सुरक्षाकर्मी और सफाईकर्मी नजर आते हैं. चप्पे-चप्पे पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई है। वज्रवाहन, ड्रोन, बम निरोधक दस्तों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) तक को तैनात किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ का संदेश देती होर्डिंग्स जगह-जगह लगी हुई है। दोनों नेताओं के अलावा पूरे कुंभ में किसी दूसरे नेता की तस्वीर लगा कोई पोस्टर बमुश्किल ही दिखाई देता है। इसके अलावा शहर अलग अलग साधु संतों के पोस्टरों से पटा पड़ा है।
अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संत राजसी शानो-शौकत के साथ कुंभ में प्रवेश कर रहे हैं। इस दौरान उनके साथ हाथी, घोड़े, ऊंट और नाच गाना करते सैकड़ों की संख्या में भक्त हैं। संतों के दर्शन करने के लिए सड़कों पर जगह-जगह लोगों की भीड़ जुटी हुई दिखाई देती है, जिसकी वजह से एक किलोमीटर का रास्ता तय करने में गाड़ियों को कई-कई घंटों का वक्त लग रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस बार कुंभ में 40 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। जिन योजनाओं पर महीनों से काम चल रहा था उन्हें ज़मीन पर परखने का वक्त आ गया है।
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