गिरफ्तारी को दोष सिद्धि नहीं माना जाता है, जेल से भी CM चला सकते हैं सरकार

मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्‍ली शराब घोटाला मामले में ED ने गिरफ्तार कर लिया है इस दौरान दिल्‍ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर मुख्‍यमंत्री केजरीवाल जेल गए तो वह वहीं से सरकार चलाएंगे।

DrashtaNews

नई दिल्ली।मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्‍ली शराब घोटाला मामले में ED ने गिरफ्तार कर लिया है इस दौरान दिल्‍ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर मुख्‍यमंत्री केजरीवाल जेल गए तो वह वहीं से सरकार चलाएंगे। उनके इस बयान से ये सवाल उठना लाजिमी है कि क्‍या किसी मुख्‍यमंत्री को जेल से सरकार चलाने का अधिकार होता है?

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट से सीएम केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली। इसके बाद ही ईडी के 6 से 8 अधिकारी सीएम केजरीवाल के घर पहुंच गए। पूछताछ के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल और उनके परिवार के फोन रखवा लिए थे। इस बीच अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। पूछताछ के बाद ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान दिल्‍ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि अगर मुख्‍यमंत्री केजरीवाल जेल गए तो वह वहीं से सरकार चलाएंगे। उनके इस बयान से ये सवाल उठना लाजिमी है कि क्‍या किसी मुख्‍यमंत्री को जेल से सरकार चलाने का अधिकार होता है?

इस मामले में कानून और नियम क्‍या कहते हैं? क्‍या जेल से सरकार चलाना किसी मुख्‍यमंत्री के लिए व्‍यवाहारिक हो सकता है? अगर वह जेल से सरकार चलाते हैं तो उन्‍हें किस तरह की मंजूरियां लेनी होंगी?

‘गिरफ्तारी को दोष सिद्धि नहीं माना जाता है’

किसी भी मुख्‍यमंत्री पर गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं होती है। दरअसल, कानून की नजर में गिरफ्तारी होना दोष सिद्धि नहीं माना जाता है। लिहाजा, किसी CM की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनसे इस्‍तीफा नहीं लिया जा सकता है। हालांकि, इसमें यह देखना दिलचस्‍प होगा कि जेल से सरकार चलाना कितना व्‍यवाहारिक होगा। साथ ही जेल से सरकार चलाना लोकतांत्रिक परंपराओं के आधार पर कितना सही होगा? वहीं, जेल से सरकार चलाना जेल के नियमों पर काफी निर्भर करेगा।

कानून के अनुसार जेल से चल सकती है सरकार 

CM वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कैबिनेट की मीटिंग ले सकते हैं। अब अगर ये सवाल उठता है कि जेल से कैबिनेट या मंत्रियों के साथ बैठक कैसे होगी तो इसके लिए जेल प्रशासन की मंजूरी लेना जरूरी होगी।  अगर जेल प्रशासन CM केजरीवाल को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये बैठक लेने की अनुमति नहीं देता है तो ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। वहीं, जेल से सरकार चलाने को लेकर पहले खुद सीएम केजरीवाल को फैसला लेना होगा। इसके बाद जेल प्रशासन पर काफी कुछ निर्भर करेगा।  अगर CM केजरीवाल जेल से सरकार चलाना चाहें और जेल प्रशासन इजाजत दे तो वह ऐसा कर सकते है।

इस्‍तीफा देने की अनिवार्यता को लेकर कोई प्रावधान नहीं 

कानून के अनुसार, कोई भी मंत्री या मुख्‍यमंत्री किसी भी मामले में गिरफ्तार होकर जेल जाते हैं तो भी उन पर इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं होती है। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जनप्रतिनिधि कानून में जेल जाने पर इस्‍तीफा देने की अनिवार्यता को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। भ्रष्‍टाचार के मामले में में गिरफ्तारी हो सकती है, लेकिन मुकदमा चलाने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी लेनी होगी। वहीं, अगर सजा हो जाती है तो 6 साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लग सकती है। वहीं, अगर कोई नेता सिर्फ आरोपी है और जेल में भी है तो सांसद-विधायक का चुनाव लड़ सकता है।

दोषी सिद्ध होने के बाद ही पद से हटाया जा सकता है  

भारतीय संविधान के मुताबिक, देश में केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल को कार्यकाल समाप्त होने तक दीवानी व आपराधिक कार्यवाही से छूट मिलती है। वहीं, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को ये छूट नहीं मिलती है। संविधान के अनुच्छेद-361 के मुताबिक, भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल अपने आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने के दौरान किए गए किसी भी कार्य के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। वहीं, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को यह कानूनी छूट हासिल नहीं है। लिहाजा, किसी मामले में आरोपी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, कानून कहता है कि किसी मुख्यमंत्री को तभी पद से हटाया जा सकता है, जब उसे मामले में दोषी ठहराया गया हो।

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